आईएएस आंजनेय कुमार जिनसे थर-थर कांपता है आजम खानदान

UP के दबंग IAS अफसर:आन्जनेय ने बर्बाद कर दी आजम खान की सल्तनत, नेताजी इनसे जूते साफ करवाना चाहते थे

मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह।

मुरादाबाद 25 जनवरी। IAS आन्जनेय कुमार सिंह। ये वो नाम है जिससे रामपुर में आजम खां का खेमा इन दिनों सबसे ज्यादा भयभीत है। कभी 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार पर निकले आजम खां ने इसी अफसर से जूते साफ कराने का दम भरा था । आन्जनेय तब रामपुर के DM थे। आजम ने कहा था- “कलक्टर-फलक्टर से मत डरियो,ये तनखैय्ये हैं,अल्लाह ने चाहा तो चुनाव बाद इन्हीं से जूते साफ कराऊंगा।”

तब आजम ने सोचा भी नहीं होगा कि यही कलक्टर उनकी पूरी सल्तनत मिट्टी में मिला देगा। इसी कलक्टर की कलम से रामपुर के सपा सांसद मोहम्मद आजम खां 23 महीने से जेल की सलाखों के पीछे हैं। बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी गई। पत्नी डॉक्टर तंजीन फातिमा जेल हो आई। बेटा 23 महीने बाद जेल से जमानत पर छूटा। जौहर यूनिवर्सिटी की चारदीवारी में घिरी 172 एकड़ सरकारी जमीन भी आजम से छिन गई। अब आजम खां खेमा चुनावों में आन्जनेय के डंडे का डरा हुआ है।

आजम खां नहीं चाहते कि चुनावों में आन्जनेय मुरादाबाद के कमिश्नर रहें।

आयोग कर चुका है आन्जनेय की वर्किंग की तारीफ

आजम खां नहीं चाहते कि चुनावों में आन्जनेय मंडलायुक्त मुरादाबाद रहें। उनके खेमे से इसकी शिकायतें भी होती हैं
लेकिन चुनाव आयोग आन्जनेय कुमार सिंह की वर्किंग की तारीफ कर चुका। अभी लखनऊ मीटिंग में आयोग ने 2019 लोकसभा चुनावों में रामपुर में प्रशासनिक इंतजामों की तारीफ की और कहा कि बाकी अफसर भी निष्पक्ष, निर्भीक और शांतिपूर्ण चुनावों को इसी तरह की व्यवस्थाएं करें।

सिक्किम कैडर के IAS हैं आन्जनेय सिंह

आन्जनेय कुमार सिंह सिक्किम कैडर के 2005 बैच के IAS अधिकारी हैं। 16 फरवरी 2015 को वह सपा सरकार के समय में प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए थे। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद 19 फरवरी 2019 को आन्जनेय कुमार सिंह को रामपुर का DM बनाया गया था।

आन्जनेय करीब 2 साल रामपुर के जिलाधिकारी रहे। प्रमोशन बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें मुरादाबाद मंडल का कमिश्नर बना दिया और आजम खां का जिला रामपुर इसी कमिश्नरी में है। केंद्र सरकार उनकी प्रतिनियुक्ति दो साल बढ़ा चुकी है। आन्जनेय कुमार सिंह अब 14 फरवरी 2023 तक उत्तर प्रदेश में ही रहेंगे।

2019 में आन्जनेय कुमार सिंह ने आजम खान के खिलाफ आने वाली शिकायतों पर एक्शन शुरू किया था।

आजम पर 98 मुकदमे लिखे,भू माफिया घोषित किया

सरकार किसी की भी हो, रामपुर में तूती हमेशा आजम खां की ही बोलती रही है। दूसरे दलों की सत्ता होने पर भी रामपुर की ब्यूरोक्रेसी हमेशा आजम के ही इशारे पर चलती थी। पहला मौका था जब 2019 में रामपुर के जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठे आन्जनेय कुमार सिंह ने आजम के खिलाफ शिकायतों पर निर्भय एक्शन लेना शुरू किया।

27 किसान जिलाधिकारी के पास शिकायत लेकर पहुंचे कि जौहर विश्वविद्यालय के लिए आजम खां ने उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा कर लिया है। आन्जनेय ने सभी मामलों में FIR के आदेश कर दिए। इसके बाद शिकायतों का ऐसा रेला उमड़ा कि एक के बाद एक आजम खां के खिलाफ 98 मुकदमे हो गए। सरकारी जमीनें कब्जाने में जिलाधिकारी ने आजम का नाम प्रदेश सरकार के एंटी भू माफिया पोर्टल पर रजिस्टर कर उन्हें भू माफिया भी घोषित कर दिया।

आजम खान इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पिछले हफ्ते जेल से छूटे हैं।

आजम से 172 एकड़ सरकारी जमीन वापस ली

आजम के खेमे में IAS आन्जनेय कुमार सिंह के नाम का भय अकारण भी नहीं है। यही वो अफसर है जिसने आजम के साम्राज्य की बुनियाद तक की ईंटें हिलाकर रख दी हैं। 2005 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खां को यूनिविर्सटी के लिए 12.5 एकड़ भूमि की अनुमति दी थी, लेकिन सपा सरकार में आजम की जौहर यूनिवर्सिटी की चारदीवारी में 172 एकड़ सरकारी जमीन और समा गई। 2019 में जिलाधिकारी ने इसकी जांच के आदेश दिए। बाद में नियम विरुद्ध यूनिवर्सिटी में शामिल की गई इस 172 एकड़ भूमि को वापस राज्य सरकार के नाम दर्ज करा दिया गया।

बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी गई

2017 के चुनाव में आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार टांडा सीट से सपा के विधायक चुने गए थे। अब्दुल्ला के सामने BSP से चुनाव लड़े नवाब काजिम अली खां ने नॉमिनेशन के समय अब्दुल्ला की उम्र 25 वर्ष से कम होने की बात कहकर निर्वाचन रद्द करने की मांग की थी। 2019 में जब यह मामला आन्जनेय सिंह के सामने आया तो उन्होंने जांच कराई।

जांच में पता चला कि अब्दुल्ला आजम ने फर्जी आयु प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ा था और वह नामांकन के समय 25 साल के नहीं थे। यह रिपोर्ट जिलाधिकारी ने चुनाव आयोग को भेज दी। इसके बाद अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया गया। जांच में अब्दुल्ला के 2 पैन कार्ड और 2 पासपोर्ट भी सामने आए। जिलाधिकारी ने इस मामले में भी मुकदमा दर्ज करा दिया जिसमें अब्दुल्ला आजम के साथ उनके पिता आजम और मां तंजीन फातिमा को भी जेल जाना पड़ा।

अखिलेश स्टेट प्लेन से ड्रॉप करने आते थे

सपा सरकार में ऐसा कई बार हुआ कि CM अखिलेश यादव स्टेट प्लेन से मुरादाबाद की हवाई पट्टी तक महज इसलिए आए कि उन्हें आजम खां को ड्रॉप करना था। हवाई पट्टी पर उतरे अखिलेश वहीं से वापस चले जाते थे। आजम रामपुर शहर सीट से 9 बार विधायक रहे हैं। उनका जलवा यहां कभी कम नहीं हुआ।
पहला मौका है जब किसी अफसर ने इतनी बेरहमी से आजम खां के खिलाफ अपनी कलम चलाई है। इसी कड़ी कार्रवाई ने आन्जनेय को प्रदेश सरकार का पसंदीदा अफसर भी बना दिया है। वैसे, ये भी सच है कि BJP के शासन में ही आन्जनेय से पहले महेंद्र बहादुर सिंह रामपुर के डीएम थे, लेकिन सरकार के फ्री हैंड के बावजूद वो एक्शन लेने की हिम्मत नहीं जुटा सके।

बग्घी पर बिठाकर पब्लिक ने दी थी विदाई

कड़ी कार्रवाई की वजह से आन्जनेय कुमार सिंह बेशक आजम खेमे की नजरों में चुभ रहे हैं। लेकिन रामपुर में पब्लिक के बीच आन्जनेय काफी लोकप्रिय रहे हैं। उनके ट्रांसफर के समय रामपुर के लोगों ने उन्हें बग्गी पर बैठाकर बैंड बाजे के साथ विदाई दी थी। इससे पहले आजम खान ने मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर रामपुर में उनकी शोभायात्रा निकालने को इंग्लैंड से विक्टोरियन बग्घी मंगवाई थी।

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