उत्तराखंड मंत्रिमंडल बैठक में राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 स्वीकृत,
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Uttarakhand Cabinet: राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 स्वीकृत, जंगल की आग रोकने को प्रोत्साहन, पढ़ें ये महत्वपूर्ण फैसले
प्रदेश मंत्रिमंडल ने बुधवार को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और वनाग्नि से निपटने के लिए दो बड़े फैसले लिए। सड़क दुर्घटना रोकने को सड़क सुरक्षा नीति स्वीकार कर ली और इसमें 19 विभागों की जिम्मेदारी तय हो गई है। साथ ही जनभागीदारी से जंगल की आग नियंत्रण को वनाग्नि प्रबंधन समितियां बनाकर उन्हे हर साल 30-30 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया। कैबिनेट ने पूर्व विधायकों के पेंशन-भत्ते भी बढ़ा दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल में 32 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। जिनमें से दो दर्जन से अधिक पर निर्णय हुए।
उत्तराखंड में 10 सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के पद और सृजित हुएैं . प्रदेश में अब एआरटीओ की संख्या 42 होगी.
उत्तराखंड में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर कदम उठाए जाते रहे हैं. लेकिन अभी तक कोई भी बड़ी सड़क दुर्घटना होने पर किसी विभाग की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती थी. ऐसे में विभागों की जिम्मेदारी तय करने को लेकर परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा नियमावली 2025 तैयार की है. जिस पर आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिली. सड़क सुरक्षा नियमावली में तमाम बिंदुओं पर गहन मंथन के बाद विभागों की जिम्मेदारियां तय की गई है.
रोड सेफ्टी पॉलिसी सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी जरूरी मानक और विषय समेटे है. लेकिन सड़क दुर्घटना में खास तौर पर विभागों की जिम्मेदारी कैसे तय होगी, उन बिंदुओं को पॉलिसी में शामिल किया गया है. इस पॉलिसी के बाद अब विभाग किसी भी सड़क दुर्घटना पर अपना पलड़ा नहीं झाड़ पाएंगे. खास तौर से लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग की सड़क सुरक्षा में कैसे भूमिका होगी और सड़क दुर्घटना होने पर दुर्घटना की वजह साफ होने की स्थिति में किस विभाग की जिम्मेदारी बनेगी. इसे भी पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है.
उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनायें रोकने को राज्य सरकार से तमाम स्तरों पर प्रयास हो रहे हैं. लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी से प्रवर्तन कार्रवाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है. जिसको देखते हुए परिवहन विभाग के संरचनात्मक ढांचे में परिवहन सेवा संवर्ग में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के 10 और पद सृजित कर दिए हैं. वर्तमान समय में परिवहन सेवा संवर्ग में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के कुल 32 पद सृजित हैं. ऐसे में अब सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों के कुल 42 पद हो जाएंगे.
परिवहन विभाग के अनुसार, उत्तराखंड का टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिला चारधाम यात्रा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. जबकि पिथौरागढ़, रानीखेत और रामनगर पर्यटन के लिहाज से महत्त्वपूर्ण हैं. इसके अलावा, चंपावत जिला सीमांत जिला है. राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों में इन जिलों का विस्तार अत्यधिक होने के चलते एक ही अधिकारी द्वारा कार्यालय के साथ-साथ पूरे जिले में प्रवर्तन कार्य और वाहन दुर्घटना पर लगाम लगाए जाने संबंधित कार्य किया जाना संभव नहीं है. जिसको देखते हुए प्रदेश के 10 पर्वतीय जिलों के कार्यालय में एक-एक सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के पद सृजित किए गए हैं.
राज्य में नौ साल बाद सड़क सुरक्षा नीति में बदलाव किया गया है। पूर्व की नीति में विभागों के काम निर्धारित नहीं थे। नई नीति में परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन विभाग समेत कई विभागों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। अब परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा संबंधी एक्ट भी बनाएगा, जिसके तहत लापरवाही पर संबंधित विभागीय अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
जांच में होगी सख्ती, एआरटीओ के 10 नए पद सृजित होंगे
राज्य में चारधाम यात्रा व पर्यटकों की आवाजाही के मद्देनजर एआरटीओ प्रवर्तन के 10 नए पद सृजित करने पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। पहले से विभाग में एआरटीओ के 32 पद सृजित हैं। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवर्तन की सख्त कार्रवाई की जरूरत के मद्देनजर नए पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है।
22 वन प्रभागों में वनाग्नि रोकेंगी सुरक्षा समितियां, प्रत्येक को मिलेंगे 30 हजार
वनाग्नि से वन संपत्ति और जानमाल की क्षति रोकने को ग्राम पंचायत स्तर पर गठित वनाग्नि सुरक्षा समितियों को हर साल 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। समितियों को 50 प्रतिशत राशि वनाग्नि शुरू होने और 50 प्रतिशत राशि वनाग्नि के बाद वनाग्नि नियंत्रण कार्य मूल्यांकन पर दी जाएगी। फारेस्ट फायर सीजन के दौरान यदि उनके कार्य क्षेत्रों में वनाग्नि की घटना होगी तो नुकसान का आकलन कर प्रोत्साहन राशि में कटौती भी होगी। हर समिति को 500 से 600 हेक्टेयर वन क्षेत्र आवंटित होगा। इसके लिए 22 वन प्रभागों को चिह्नित कर समितियों का गठन किया जा रहा है।
सरकारी अफसरों को मिलेगी वायुयान से अवकाश यात्रा की सुविधा
राज्य सरकार के लेवल-10 यानी 5400 ग्रेड पे और उससे उच्च श्रेणी के अधिकारियों को वायुयान से भी अवकाश यात्रा जाने की सुविधा होगी। पहले यह सुविधा 8700 ग्रेड पे व उससे ऊपर के अधिकारियों को मिल रही थी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को दी जा रही अवकाश यात्रा सुविधा में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अवकाश यात्रा सुविधा रेल के अलावा वायुयान या अन्य साधनों से भी की जा सकती है। इसे अब सातवें वेतन आयोग के आलोक में धारित पद के वेतन स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। लेवल-1 से 5 तक के कर्मचारियों को वातानुकूलित तृतीय श्रेणी रेल यात्रा, लेवल-6 से 9 तक के कर्मचारियों को वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी रेल यात्रा तथा लेवल-10 से वातानुकूलित प्रथम श्रेणी रेल यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी। यात्रा अवकाश सुविधा का उपभोग करने के लिए कर्मचारी द्वारा न्यूनतम पांच दिन अथवा वास्तविक यात्रा अवधि जो अधिक हो का उपार्जित अवकाश का उपभोग करना अनिवार्य होगा।
पूर्व विधायकों की पेंशन में 20 हजार की बढ़ोतरी
कैबिनेट ने पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। जिन पूर्व विधायकों को 40 हजार रुपये पेंशन मिल रही है, उन्हें आदेश होने पर 60 हजार रुपये पेंशन मिलेगी।
मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन राशि दोगुने से अधिक
राज्य में मधु मक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राज सहायता की दर में दोगुनी बढ़ोतरी कर दी है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दी। कृषकों व मौनपालकों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रति मौनवंश बॉक्स के लिए 750 रुपये देगी। अभी इसके लिए 350 रुपये प्रति मौनवंश बॉक्स का प्रावधान है।
बजट प्रस्ताव को मंजूरी, 1.05 लाख करोड़ रुपये का अनुमान
प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। बजट में 10 से 15 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 89230.07 करोड़ को मंजूरी दी गई थी। बाद 5000 करोड़ से अधिक अनुपूरक बजट को भी स्वीकृति दी गई थी। सूत्रों के अनुसार बजट 1.05 लाख करोड़ रुपये हो सकता है
पीएनजी व सीएनजी पर वैट घटा, सस्ती होगी
प्रदेश सरकार ने पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) व कंप्रेशड नेचुरल गैस (सीएनजी) पर वैट दर को कम किया है। इससे प्रदेश में सीएनजी व पीएनजी सस्ती होगी। वर्तमान में सीएनजी व पीएनजी पर 20 प्रतिशत वैट लागू है। दरें कम करने के बाद सीएनजी पर 10 और पीएनजी पर पांच प्रतिशत वैट लिया जाएगा
मंत्रिमंडल के अन्य फैसले
–तीन नए कानून और यूसीसी से कोर्ट में काम बढ़ने के चलते उच्च न्यायालय व उसके अधीनस्थ न्यायालयों में आशुलिपिक के 63 और डिपोजिशन राइटर के 74 पद आउटसोर्स से सृजित करने को मंजूरी।
-उपनल कार्यालय को देहरादून के सदर तहसील के ब्राह्मण गांव में 90 साल की लीज पर 0.2310 हेक्टेयर भूमि निशुल्क दी जाएगी।
-अपणि सरकार पोर्टल से प्रमाण पत्रों व अन्य नागरिक सेवाओं के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट सेंटर व जन सेवा केंद्र के सेवा शुल्क 40 रुपए निर्धारित ।
-उत्तराखंड पावर ट्रांसमिसन कारपोरेशन का वित्तीय वर्ष 2023-24 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन विधानसभा पटल रखा जाएगा।
-परिवहन विभाग के ढांचे में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के 10 नए पद सृजित।
-उत्तराखंड कारागार मुख्यालय अधीनस्थ कार्यालय वैयक्तिक सहायक, सहायक लेखाकार, वाहन चालक संवर्गीय कर्मचारी सेवा नियमावली को मंजूरी।
-पूंजीगत निवेश विशेष सहायता योजना के लिए उत्तराखंड सामान्य औद्योगिक विकास नियंत्रण विनियम-2022 में संशोधन
-मधुमक्खी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि में दोगुनी से अधिक बढ़ोतरी।
-सेब की अति सघन बागवानी योजना के तहत नए सेब बगीचे लगाने को तीन किस्तों में दी जाएगी सब्सिडी।
– सहकारी एवं सार्वजनिक चीनी मिल डोईवाला, किच्छा, नादेही व बाजपुर के लिए 3.88 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति देने की मंजूरी।
-ब्रिडकुल के ढांचे में प्रबन्ध निदेशक व मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना) की सेवा नियमावली 2008 में संशोधन।
-निर्वाचन विभाग ढांचे में संशोधन कर 51 पदों की कटैाती।
-राज्य में नेचुरल गैस पीएनजी व सीएनजी पर वैट दरों को किया कम।
– उत्तराखंड सेवा का अधिकार का वार्षिक प्रतिवेदन रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखेंगे।
– स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एण्ड एप्लाईड न्यूट्रीशन नई टिहरी शैक्षणिक सेवा नियमावली को मंजूरी।
-शीतकाल में पिथौरागढ़ जिले के आदि कैलाश व ओम पर्वत दर्शन के शुरू होगी हेली सेवा।
-कृषि उत्पादन मंडी समिति रुद्रपुर में विभिन्न कार्यों के लिए 20.2428 हेक्टेयर कृषि भूमि उपयोग परिवर्तन की मंजूरी।
-उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम की वित्तीय वर्ष 2021-22 के वार्षिक प्रतिवेदन विधानसभा पटल पर रखने की अनुमति।