एजूकेशन टेक कंपनी बायजूज: उत्थान रॉकेट जैसा,पतन उल्का पिंड जैसा
» Failure Story: बायजू रवींद्रन बोले- ‘दुबई नहीं भागा.. जल्द लौटूंगा’, कभी थे ₹17545 करोड़ के मालिक, अब Net Worth हुई जीरो
खबरें आउ कि बायजू रवींद्रन देश दुबई भाग गए हैं. हालांकि, इस पर चार सालों में पहली बार बायजू रवींद्रन मीडिया से रूबरू हुए और वर्चुअल कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि वह दुबई भागकर नहीं आए हैं और जल्द ही देश लौटेंगे.
Byju’s Crisis: पिछले कुछ वक्त से बायजूज़ अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. कंपनी की वैल्युएशन जीरो हो चुकी है, जो कुछ साल पहले 22 अरब डॉलर तक थी. कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन की नेटवर्थ भी जीरो हो चुकी है, जो करीब साल भर पहले तक 17,545 करोड़ रुपये तक थी. इसी बीच खबरें आई कि बायजू रवींद्रन देश छोड़कर दुबई भाग गए हैं. हालांकि, ये सब जानने के बाद चार सालों में पहली बार बायजू रवींद्रन ने वर्चुअल मीडिया कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह दुबई भागकर नहीं आए हैं और जल्द ही देश लौटेंगे. आइए जानते हैं कैसे एक युवा आसमान तक पहुंचा और फिर धरती पर आ गया.
केरल के एक गांव से शुरू हुई ये कहानी
केरल के कन्नूर जिले में अझीकोड नाम का एक छोटा सा गांव है. पहले तो इस गांव को बहुत ही कम लोग जानते थे, लेकिन बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) से यह गांव काफी फेमस हुआ. रवींद्रन ने इसी गांव के एक मलयाली मीडियम स्कूल से पढ़ाई की शुरुआत की थी, जिसमें उनके माता-पिता पढ़ाते थे. रवींद्रन पढ़ाई में अच्छे थे, तो सभी को लगता था कि वह काफी आगे जाएंगे. धीरे-धीरे बायजू रवींद्रन तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते भी गए और एक दिन ऐसा आ गया जब उनकी नेट वर्थ 17,545 करोड़ रुपये तक जा पहुंची.
दुनिया ने माना बायजू रवींद्रन का लोहा
फॉर्च्यून पत्रिका (Fortune Magazine) ने सितंबर 2020 में ग्लोबल 40-अंडर-40 टेक्नोलॉजी लिस्ट 2020 में बायजू रवींद्रन को भी शामिल किया था. हालांकि, बायजू रवींद्रन को मिली ये प्रसिद्धि अधिक दिन नहीं चल पाई और पिछले 1 साल में उनकी नेटवर्थ जीरो हो चुकी है. फोर्ब्स बिलियनेयर इंडेक्स 2024 के मुताबिक, Byju’s में नकदी संकट से बायजू रवींद्रन की नेटवर्थ (Byju Raveendran Net Worth) में बड़ी गिरावट आई . इससे भारत की एडटेक दिग्गज कंपनी बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन की नेटवर्थ 17,545 करोड़ ($2.1 बिलियन) से घटकर अब शून्य (0) पर आ गई. आइए जानते हैं क्या है बायजू रवींद्रन की कहानी और कैसे वह पहले आसमान और फिर औंधे मुंह जमीन पर गिरे.
IIM एंट्रेन्स टेस्ट में दो बार 100 परसेंटाइल
ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर बायजू ने इंजीनियर की नौकरी शुरू की थी. वह यूके की एक शिपिंग कंपनी में इंजीनियर थे. छुट्टियों में जब वह भारत आए तो उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को IIM के एंट्रेन्स एग्जाम की तैयारी करने में मदद करने की. रवींद्रन ने खुद भी IIM का एंट्रेन्स टेस्ट दिया और 100 परसेंटाइल स्कोर किया. उस वक्त बायजू रवींद्रन को लगा कि कोई तुक्का लग गया है, जिससे उनका स्कोर इतना अच्छा आया है. रवींद्रन ने फिर से IIM का एंट्रेन्स टेस्ट दिया और 100 परसेंटाइल स्कोर किया. हालांकि, उन्होंने IIM जॉइन न कर कोचिंग क्लास शुरू करने का फैसला किया. रवींद्रन ने 2005 में नौकरी छोड़कर कोचिंग शुरू कर दी और यहीं से उनके बिजनेस करियर की शुरुआत हुई.
स्टेडियम में एक साथ पढ़ाये 25,000 स्टूडेंट्स
रवींद्रन ने शुरुआत में छोटे-छोटे ग्रुप में कोचिंग देना शुरू किया. धीरे-धीरे स्टूडेंट्स बढ़ने लगे और इसी के साथ रवींद्रन की कोचिंग का साइज भी बढ़ता गया. एक वक्त ऐसा आ गया, जब रवींद्रन को बच्चे पढ़ाने को ऑडिटोरियम लेना पड़ गया. एक बार तो रवींद्रन ने दिल्ली के इंद्रा गांधी इंडोर स्टेडियम में एक साथ 25 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाये थे. 2006 में बायजू के पास 40 स्टूडेंट थे, जो 2011 तक बढ़कर 1000 हो गए.
2011 में शुरू किया स्टार्टअप
बायजू ने शुरुआत तो छोटी कोचिंग क्लास से की थी, लेकिन बाद में उन्हें दूसरे शहरों तक जाकर बच्चों को पढ़ाना पड़ता था. ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों ना एक ही जगह रहकर देश भर के स्टूडेंट्स तक पहुंचा जाए. इसी से उन्होंने 2009 में CAT के लिए ऑनलाइन वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया. इसके बाद उन्होंने 2011 में स्टार्टअप Think & Learn शुरू किया, जो Byju’s की पैरेंट कंपनी है. साल 2015 में रवींद्रन ने ‘Byju’s – द लर्निंग ऐप’ लॉन्च किया.
और देखते ही देखते बायजू रवींद्रन बन गए अरबपति
स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच Byju’s ऐप गेमचेंजर साबित हुआ. देखते ही देखते 7 साल में बायजू रवींद्रन अरबपति बन गए. बता दें कि इस ऐप से ऑनलाइन एजुकेशन कंटेंट मुहैया कराया जाता है, जिसमें कुछ फ्री हैं तो कुछ पेड है. 2017 में शाहरूख खान को कंपनी ने अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. वर्ष 2019 में कंपनी इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी तक पहुंच गई. यानी उनकी ऑफिशियल स्पॉन्सर बन गई.
Byju’s बनी भारत की सबसे बड़ी एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी
सितंबर 2020 तक इस ऐप के 6.4 करोड़ सब्सक्राइबर हो गए थे. बायजू रवींद्रन ने एक बार कहा था कि वह देश में एजुकेशन के लिए कुछ ऐसा काम करना चाहते हैं, जैसा डिज्नी ने मनोरंजन के लिए किया है. इस ऐप में बच्चों को पढ़ाने के लिए एनिमेटेड वीडियो और गेम होते हैं, जिससे पढ़ाई दिलचस्प हो जाती है. साथ ही यह ऐप की तरह के एंट्रेन्स टेस्ट की तैयारी भी करवाता है. देखते ही देखते Byju’s भारत की सबसे बड़ी एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बन गई.
लोन के चक्कर में डूब गई कंपनी
साल 2021 में Byju’s ने पेटीएम को पछाड़ा, इसी साल आकाश एजुकेशन सर्विसेस को 7300 करोड़ में ख़रीदा. कंपनी आगे बढ़ाने को उन्होंने ढेर सारा लोन लिया और यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई. Byju’s ने कभी ऑर्गेनिक ग्रोथ करने की सोची ही नहीं. उसकी ग्रोथ लोन पर टिकी थी और लोन पर ली हुई ग्रोथ ज्यादा दिन तक नहीं टिकती. इसी से जिस कंपनी ने कोरोना के समय सबसे ज्यादा कमाई की थी, वो आज खत्म होने को है. 2019-20 में कंपनी की कमाई 2511 करोड़ रुपये थी, जबकि घाटा सिर्फ 230 करोड़ रुपये का था. लेकिन 2020-21 तक कंपनी की कमाई घटकर 2428 करोड़ रुपये रह गई, जबकि घटा बढ़कर 4,590 करोड़ रुपये हो गया.
BYJU’s Crisis: बायजूज पर 850 करोड़ का टैक्स बाकी, इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में सामने आए 1.5 बिलियन डॉलर के दावे
BYJUs Insolvency Process tax department claims due of more than 100 million dollar
एडटेक स्टार्टअप कंपनी बायजूज अभी इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही है. एक समय भारत की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप कंपनी बायजूज पर कर्जदारों के अरबों डॉलर उधार हैं.कंपनी 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा के टैक्स बकाए का दावा है.
इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में मंगाए जा रहे क्लेम
रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि उसने यह आंकड़ा बायजूज की इनसॉल्वेंसी प्रोसेस से जुड़े प्रपत्र से निकाला है.एडटेक कंपनी को अभी कोर्ट से नियुक्त रिजॉल्युशन प्रोफेशनल पंकज श्रीवास्तव चला रहे है. श्रीवास्तव इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में कर्जदाताओं, कर्मचारियों, वेंडरों और सरकार से बकाए के क्लेम मंगा रहे हैं.
टैक्स डिपार्टमेंट के 850 करोड़ रुपये बाकी
रिपोर्ट में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया के प्रपत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के टैक्स डिपार्टमेंट ने बायजूज पर 18.7 मिलियन डॉलर बकाये का दावा ठोका है.जबकि कर्नाटक के टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी पर 82.3 मिलियन डॉलर बकाए का दावा किया है.इस तरह टैक्स बकाए का कुल दावा 101 मिलियन डॉलर का है. यह भारतीय करेंसी में करीब 850 करोड़ रुपये हो जाता है.
कंपनी पर 1887 लेनदारों के कुल 1.5 बिलियन डॉलर बकाए के दावे
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया यानी आईबीबीआई के प्रपत्रों के अनुसार, बायजूज की ऑनगोइंग इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में अब तक 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा के बकाए के दावे आए हैं.ये दावे 1,887 क्रेडिटर्स ने किए हैं. अभी इनमें से ज्यादातर दावों की समीक्षा हो रही है.
एक समय इतनी हो गई थी कंपनी की वैल्यू
बायजूज एक समय भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कंपनी बन गई थी । उसे स्टार्टअप की दुनिया का चमकता सितारा माना जा रहा था. एडटेक कंपनी की वैल्यू ने 2022 में 22 बिलियन डॉलर का शिखर छू दिया था. बाद में कंपनी एक के बाद एक संकटों में फंसती चली गई. सिर्फ अमेरिका के उसके ऋणदाताओं ने कंपनी से 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा ऋण वापस मांगा है. अभी कंपनी के एसेट पर फ्रीज लगा हुआ है.