कठिन संघर्ष के बाद कामयाबी मिली ‘हर-हर शंभू’ के जीतू शर्मा को, ज्ञानवापी बवाल बना सहायक

हर-हर शंभू गाने के राइटर से बातचीत:जीतू शर्मा बोले- यह कॉपीराइट है; फरमानी नाज ने माफी ना मांगी तो नोटिस भेजेंगे

लखनऊ 06 अगस्त ( रवि श्रीवास्तव)”हर-हर शंभू गाने की रिकार्डिंग के लिए मेरे पास रुपए नहीं थे तो मैंने अपनी लोडर गाड़ी छोटा हाथी सिर्फ 60 हजार में बेच दी। यह मेरा लास्ट चांस था। अगर गाना सक्सेसफुल नहीं होता तो मैं यूट्यूब छोड़ देता। इतनी जद्दोजहद के बाद यह गाना तैयार हुआ। आज मन दुखी होता कि जब कोई भी आकर कहता है कि यह उसका ओरिजनल गाना है।”

यह कहना है हर-हर शंभू गाने के राइटर जीतू शर्मा का।  जीतू ने हर-हर शंभू गाने वाली उत्तर प्रदेश की फरमानी नाज कंट्रोवर्सी के मुद्दे पर कहा कि फरमानी ने कॉपीराइट का नियम तोड़ा है। उन्होंने अपने वीडियो में हमें क्रेडिट भी नहीं दिया। हर इंटरव्यू में वह इसे अपना गाना बता रही हैं। अगर वह माफी नहीं मांगती हैं तो मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा। जीतू ने बताया कि यूट्यूब पर ही अब तक मेरे गाने के 310 वर्जन बन चुके हैं।

फरमानी नाज को लेकर उत्तर प्रदेश में उलेमाओं की नाराजगी पर जीतू ने कहा कि फरमानी नाज भले ही मुस्लिम हैं। लेकिन कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है। वह सिर्फ म्यूजिक पसंद करता है। यही फरमानी नाज ने भी किया। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से उसके खिलाफ कट्‌टरपंथी फतवा निकाल रहे हैं, यह गलत है। इस मुद्दे पर मैं उसके साथ हूं।

कैसे बना हर-हर शंभू गाना…

हर-हर शंभू गाने के राइटर और सिंगर जीतू शर्मा और गायिका अभिलिप्सा पांडयन की यह फोटो उसी रिकार्डिंग रूम की है। जहां गाना रिकार्ड किया गया।

ओडिशा के रहने वाले हैं जीतू

जीतू शर्मा ओडिशा के रहने वाले हैं। पिता सब्जी की दुकान लगाते हैं। काफी गरीबी में बचपन गुजरा है। जीतू शर्मा बताते हैं, “मेरी स्कूलिंग सिर्फ 12वीं तक हुई। 2010 में मैंने 12वीं कंप्लीट की। 2011 से जॉब शुरू की, लेकिन मन नहीं लगा। बचपन से ही मुझे माइक बहुत पसंद था। मैं स्कूल में भी गाना वगैरह गाया करता था।

2014 में मैंने एक यूट्यूब चैनल जीतू शर्मा के नाम से ही शुरू किया। इसमें मैं छोटे-छोटे बच्चों का इंटरव्यू डालता रहता था। उसका टॉपिक था “बच्चे दिल से”। हालांकि, उसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला नहीं। यह सब करते-करते 2019 आ गया। फिर मेरी मुलाकात मेरे गुरु आकाश से हुई। वह म्यूजिक कंपोज करते हैं। उनके साथ गाना गाने की बात हुई।”

अपनी दुकान में बैठ कर हर-हर शंभू लिखा था

जीतू बताते हैं, “हर-हर शंभू गाने की कहानी भी बड़ी इंट्रेस्टिंग है। इसी साल अप्रैल का महीना था। मैं अपनी दुकान में बैठा था। तब हर-हर शंभू गाना लिखा। रोज मैं थोड़ा थोड़ा लिखता था। जब कंपलीट हुआ तो मैंने अपने गुरु और इस गाने के म्यूजिक डायरेक्टर आकाश जी से डिस्कस किया। मैंने कहा कि अभी तक मैं अकेला गाता था। अब इसमें एक लड़की की भी जरूरत पड़ेगी। तब खोजबीन करके अभिलिप्सा को ढूंढा। अब मेरे पास इतने रुपए नहीं थे कि मैं गाने की रिकार्डिंग कर पाऊं। मेरे पास छोटा हाथी (लोडर) गाड़ी थी। जो मैंने 80 हजार रुपए डाउनपेमेंट देकर लिया था। उसका चार साल तक ईएमआई भी भरी। वह कूरियर कंपनी में लगी हुई थी। कोविड के दौरान वह भी छूट गई थी। मैंने वह गाड़ी 60 हजार में बेच दी। रिकार्डिंग को मुझे जमशेदपुर जाना हाेता था। वहां जाने पर एक बार में 500 का खर्च आता था। अभिलिप्सा को भी ले जाता था।”

इस फोटो में जीतू शर्मा के साथ उनके म्यूजिक डायरेक्टर आकाश भी हैं। आकाश को जीतू अपना गुरू मानते हैं।

वीडियो के लिए दोस्त से मांगा महाकाल वाला कुर्ता

जीतू बताते हैं, “वीडियो शूट करने के समय तय हुआ कि दोनों सिंगर मिलता जुलता कपड़ा पहनेंगे। अभिलिप्सा ने तो अपना ड्रेसअप कर लिया। मेरे पास वैसे कपड़े नहीं थे। मैंने अपने दोस्त से कुर्ता मांगा। वह कुछ दिन पहले ही बनारस से होकर आया था। उसके पास महाकाल वाला कुर्ता था जोोेउसने मुझे दिया। गाना रिकार्ड कर मैंने यूट्यूब पर मई-2022 में डाला। इसके लगभग चार दिन बाद ही यूट्यूब से मुझे कॉपीराइट का नोटिस आ गया। 15 दिन के लिए गाना हटा दिया गया। फिर मैंने उनकी शंकाएं दूर की तो फिर गाना यूट्यूब पर आ गया।”

यह कुर्ता जो जीतू ने पहन रखा है। रिकार्डिंग के लिए अपने दोस्त से मांग कर पहना था।

ज्ञानवापी मुद्दे से गाने को व्यू मिलना शुरू हुआ

जीतू कहते हैं, “इसके बाद भी गाना बहुत नहीं चल रहा था। तो मेरे दोस्त ने रील बना कर डाला। वहां यह चार लाख लोगों ने देखा। उसी बीच ज्ञानवापी मुद्दा आ गया। इसके बाद मेरे गाने ने रफ्तार पकड़ ली। अब तक यह गाना 7.2 करोड़ से ज्यादा लोग देख चुके हैं। मैं उनसे नाराज हूं जो मेरा गाना यूट्यूब पर डाल रहे हैं और मुझे क्रेडिट नहीं दे रहे हैं। मैं उन्हें बताना चाह रहा हूं कि मुझे पता चला है कि अब तक यूट्यूब पर 310 वर्जन मेरे गाने के आ चुके हैं। इसमें से मैंने कई सारे लिंक्स इकट्‌ठा कर लिए हैं। मैं उन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। इसमें फरमानी नाज भी शामिल हैं।”

जीतू बताते हैं कि अब मैं शिवजी पर ही गाने लिखता हूं।

2020 में पहला गाना रिकॉर्ड किया था

जीतू बताते हैं, “जनवरी 2020 में मैंने अपना पहला गाना रिकॉर्ड करके यूट्यूब पर डाला। इसके बाद एक साल तक मैं हिंदी गानों के रिमिक्स बना-बना कर डालता रहा। 2021 तक कोई खास रेस्पांस नहीं मिला तो मैं निराश हो रहा था। शिवरात्रि का महीना आया तो मैंने सोचा भोलेनाथ पर कुछ लिखूं। मैंने तब भोलेनाथ पर पहला गाना लिखा। ‘भोलेनाथ तेरा साथ’ गाना फरवरी में रिकॉर्ड किया। फिर इसे लांच किया। इसके एक महीने में एक मिलियन व्यू मिले। उसमें आए कमेंट से मुझे शिवजी के गाने लिखने और गाने का मोटिवेशन मिला। लगभग 40 गाने शिवजी पर रिकॉर्ड किए। इसके लिए अगस्त 2020 में मुझे 40 हजार रुपए आए।”

जीतू ने बताया कि जुलाई में उनके अकाउंट पर यूट्यूब की तरफ से 12 लाख रुपए आए हैं।

पिता बस गर्व करते हैं, मां को अपने मन की बात बताते हैं

जीतू कहते हैं, “बीते जुलाई में मेरे एकाउंट में 12 लाख रुपए यूट्यूब से आए। हालांकि, बीते 8 साल में मेरे छह से सात लाख खर्च भी हो चुके हैं। जब मेरे पिता को यह बात पता चली कि मेरे एकाउंट में इतने रुपए आ गए हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। हालांकि, कभी उन्होंने मेरे सामने अपनी खुशी नहीं जाहिर की लेकिन वह मां को अपनी बात बताते हैं। मैं भी अपनी सारी बातें मां से शेयर करता हूं। जब मुझे पहली बार 40 हजार आए थे तब भी मैंने मां को बताया था।”

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