कांग्रेस पहलगाम पर अपने ही नेताओं से ही परेशान
कांग्रेस बोली- पार्टी लाइन को मानें नेता:पहलगाम हमले पर अपने नेताओं के बयान से किया किनारा; BJP बोली- 7 नेता विवादित बयान दे चुके
नई दिल्ली29 अप्रैल 2025। कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले पर पार्टी नेताओं के बयानों से किनारा किया है। कर्नाटक CM सिद्धारमैया, कांग्रेस नेता आरबी तिम्मापुर, विजय वडेट्टीवार, मणिशंकर अय्यर, तारिक हमीद कर्रा, सैफुद्दीन सोज और रॉबर्ट वाड्रा के दिए बयानों से कांग्रेस का विरोध हो रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कहा, ‘पार्टी नेताओं के बयान उनकी निजी राय हैं। ये कांग्रेस पार्टी की लाइन नहीं है। मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसी ने इन नेताओं को ऐसा बोलने का अधिकार नहीं दिया है।’
उन्होंने कहा- ऐसे संवेदनशील समय में हमारा प्रस्ताव, सर्वदलीय बैठक में खड़गे जी और राहुल जी ने जो बोला और AICC के अधिकारी जो बोलेंगे, वह मान्य होगा। यहां-वहां लोग बोलते रहते हैं, उन्हें बोलना नहीं चाहिए। संवेदनशील समय में नेताओं को बोलने की जरूरत नहीं है।
इधर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। आरोप लगाया है कि विपक्षी दल के कुछ लोग पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा- कांग्रेस सरकार के सभी फैसलों के साथ है, लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में पहलगाम हमले के बारे में गलत और अपमानजनक बयान दिए हैं।
तस्वीर 24 अप्रैल की है। दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए कांग्रेस नेताओं ने मौन धारण किया था। – Dainik Bhaskar
तस्वीर 24 अप्रैल की है। दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए कांग्रेस नेताओं ने मौन धारण किया था।
कांग्रेस के 7 नेताओं के बयान
1. रॉबर्ट वाड्रा
2. सिद्धारमैया: पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कल कहा, ‘कड़े सुरक्षा उपाय शुरू किए जाने चाहिए। हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
3. आरबी तिम्मापुर: मुझे लगता है कि जब वे आतंकी हमला कर रहे थे, तब उन्होंने धर्म के बारे में नहीं पूछा। अगर उन्होंने पूछा भी होता तो धर्म के आधार पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए इस तरह के बयान का इस्तेमाल करने का पागलपन नहीं होना चाहिए।
4. विजय वडेट्टीवार: पहलगाम हमले में लोग अलग-अलग तरह की बाते बना रहे हैं। आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। किसी के पास इतना समय है कि वे कान में जाकर पूछे कि तुम्हारा धर्म हिंदू है या मुसलमान। बाहर से आए हमलावरों ने 27 लोगों की जान ले ली और चले गए। चाहे कोई धर्म के बारे में पूछे या न पूछे, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनका उद्देश्य देश में अशांति फैलाना, दो समुदायों के बीच हिंसा भड़काना और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाना था।
5. मणिशंकर अय्यर: आज तक हम उस बंटवारे के नतीजों के साथ जी रहे हैं। क्या विभाजन के अनसुलझे सवाल ही 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी को दिखाते हैं? बंटवारे को रोकने की कोशिशों के बावजूद, यह आखिर में गांधी, नेहरू, जिन्ना और अन्य नेताओं से असहमत कई मुस्लिमों के बीच भारत की पहचान और विरासत को लेकर मूल्यों में फर्क था।
6. तारिक हमीद कर्रा: भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए।
7. सैफुद्दीन सोज: सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धों से बची हुई है। यह जल संधि पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा है। अगर पाकिस्तान यह रुख अपनाता है कि पहलगाम हमले में उसका हाथ नहीं है, तो हमें पाकिस्तान की बात मान लेनी चाहिए।रविशंकर प्रसाद ने कहा- कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ है।
रविशंकर बोले- जब 26/11 का हमला हुआ, हम सरकार के साथ रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुझे याद है कि जब 26/11 हुआ था, तो मुझे पार्टी की ओर से सख्त निर्देश मिले थे कि मुझे केवल एक ही लाइन लेनी चाहिए- हम सरकार के साथ हैं। यहां तक कि एक इंटरनेशनल चैनल पर इंटरव्यू के दौरान भी मैंने कहा था कि यह राजनीतिक हिसाब चुकता करने का समय नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए मुझे इस पर पीसी करने की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि इसे रणनीतिक सुरक्षा में संभाला जा रहा है। पहलगाम में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से लोग नाराज हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में और मन की बात में कहा है कि आतंकवादियों पर कड़ी जांच होगी।
निशिकांत दुबे ने पूछा- सिद्धारमैया देशभक्त हैं या देशद्रोही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया देशभक्त हैं या देशद्रोही, लोगों को यह पता लगाना चाहिए। मुझे राहुल गांधी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है, मुझे अपने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री पर भरोसा है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा के बयान पर दुबे ने कहा- क्या हमें उनकी (पाकिस्तान) आरती उतारनी चाहिए। पाकिस्तानी हमारे लोगों को मारेंगे और हम उनकी आरती उतारेंगे।
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पहलगाम आतंकी हमले पर बयान की खबरें…
कर्नाटक CM की पाकिस्तान से युद्ध वाले बयान पर सफाई: बोले- मैंने कभी नहीं कहा युद्ध नहीं होना चाहिए; भाजपा बोली- सिद्धारमैया पाकिस्तान रत्न हैं।
कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने पहलगाम हमले पर दिए अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने 26 अप्रैल को कहा था कि हम पाकिस्तान से युद्ध के पक्ष में नहीं है। रविवार को उन्होंने कहा- मैंने कभी नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं करना चाहिए, मैंने बस इतना कहा कि युद्ध समाधान नहीं है। पूरी खबर पढ़ें…
थरूर बोले- किसी देश का खुफिया तंत्र 100% फुलप्रूफ नहीं: पाकिस्तान आतंकियों को ट्रेनिंग-हथियार देता है और हमले की जिम्मेदारी से इनकार करता है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पहलगाम आतंकी हमले की तुलना आतंकी संगठन हमास के इजराइल पर किए हमल से की। उन्होंने कहा- इजराइल के पास मजबूत खुफिया तंत्र होने के बावजूद हुआ। क्योंकि उन्हें हमले की जानकारी नहीं थी। किसी भी देश के पास कभी भी 100% खुफिया जानकारी नहीं हो सकती है।
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विचार एवं विश्लेषण
पहलगाम को लेकर कांग्रेस के भीतर ‘पार्टी लाइन’ पर हमले जारी, अब राहुल गांधी क्या करेंगे?
पहलगाम हमले पर कांग्रेस के कई नेता पार्टी की फजीहत करा रहे हैं, और हैरानी की बात है कि उनमें सिद्धारमैया जैसे सीनियर नेता भी शामिल हैं. सुना है, राहुल गांधी काफी नाराज हैं – और बेकाबू नेताओं को कंट्रोल करने का जिम्मा उठाया है मल्लिकार्जुन खड़गे ने.
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पहलगाम हमले पर कांग्रेस के स्टैंड को सही साबित करने के लिए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को सख्त रवैया दिखाना होगा.
पहलगाम हमले पर कांग्रेस के स्टैंड को सही साबित करने के लिए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को सख्त रवैया दिखाना होगा.
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
नई दिल्ली,
29 अप्रैल 2025,
(अपडेटेड 29 अप्रैल 2025, 12:41 PM IST)
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जब सिद्धारमैया और सैफुद्दीन सोज जैसे सीनियर नेताओं को पहलगाम पर कांग्रेस की पॉलिटिकल लाइन की परवाह नहीं है, तो आलाकमान के लिए बाकियों से उम्मीद करना भी बेमानी ही लगता है.
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लेकिन, मल्लिकार्जुन खड़गे ऐसे नेताओं पर लगाम कसने की तैयारी कर रहे हैं, और शुरुआत नसीहत से होने वाली है.
पहलगाम हमले पर कांग्रेस के कई नेताओं के बयान पर केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी हमलावर हो गई है, और हर कदम पर सरकार का साथ देने के राहुल गांधी के वादे के बावजूद कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा है.
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पहलगाम हमलाः असदुद्दीन ओवैसी कैसे निकाल रहे पाकिस्तान के नापाक मंसूबे की हवा?
बीजेपी के हमले की धार का असर कमजोर करने के लिए फिलहाल कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उनका निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है, लेकिन क्या ये कांग्रेस नेताओं के बयान से हुए डैमेज को कंट्रोल कर पाएगा?
कांग्रेस नेताओं ने ही बढ़ाई राहुल गांधी की मुसीबत
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपने चुनाव क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर हैं. और, उसके बाद एक दिन अमेठी में भी रहेंगे. रायबरेली और अमेठी के दौरे पर जाने से पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.
राहुल गांधी के साथ साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए संसद का स्पेशल सेशन बुलाने की मांग की है. मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं. कांग्रेस नेताओं ने संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाने की मांग की है.
एक तरफ राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पहलगाम पर केंद्र सरकार का साथ देने की बात कर चुके हैं, और ऐन उसी वक्त कांग्रेस के कई नेता अपनी अलग ही लाइन पर चल रहे हैं.
कांग्रेस नेता बेकाबू क्यों हो गये हैं?
पहलगाम पर कांग्रेस नेताओं के बयान के चलते राहुल गांधी खुद निशाने पर आ गये हैं. भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी की बात कोई सुन ही नहीं रहा है – भाजपा के हमले के कारण कांग्रेस नेतृत्व को बचाव के लिए उपाय खोजने पड़ रहे हैं.
सिद्धारमैया ने तो सफाई भी दे दी है, लेकिन महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक वडेट्टीवार के बयान ने अलग ही बवाल मचाया है. पहलगाम की घटना पर विजय वडेट्टीवार का कहना है कि आतंकियों के पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर किसी को मारें.
कांग्रेस का नेता न होने के बावजूद रॉबर्ट वाड्रा की बातों पर तो गांधी परिवार के रुख जैसी चर्चा होने लगती है. सोनिया गांधी के दामाद होने की वजह से उनकी बातें मीडिया की सुर्खियों का हिस्सा बन जाती हैं. वो तो यही समझा रहे थे कि देश में मुस्लिम समुदाय के साथ होने वाले भेदभाव के रिएक्शन में ही आतंकवादी गैर-मुस्लिमों को टार्गेट किये होंगे.
मणिशंकर अय्यर तो भारत विभाजन को जिम्मेदार बता रहे हैं, बीजेपी के लिए ये कांग्रेस और नेहरू पर हमले का अलग ही सदाबहार मुद्दा होता है.
कांग्रेस नेताओं का राहुल गांधी की बात न मानना कोई नया मसला नहीं है. सुनने को तो अशोक गहलोत से लेकर भूपेश बघेल तक राहुल गांधी की सुनते ही कहां हैं. मुद्दा अलग जरूर है, लेकिन सिद्धारमैया का व्यवहार भी तो मिलता जुलता ही है.
अब अगर सीनियर नेता कांग्रेस की पॉलिटिकल लाइन फॉलो नहीं करेंगे, तो छोटे नेताओं से कैसे अपेक्षा की जा सकती है?
राम मंदिर के मुद्दे पर भी ऐसा ही देखने को मिला था, कांग्रेस ने सामने आकर साफ साफ बोल दिया कि पार्टी का कोई भी नेता अयोध्या के समारोह में नहीं जाएगा, क्योंकि वो सब बीजेपी के एजेंडे का हिस्सा है.
लेकिन, तभी कई कांग्रेस नेता कहने लगे कि वे तो जाएंगे ही. मजबूरन, भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले राहुल गांधी को प्रेस कांफ्रेंस में बोलना पड़ा कि कोई अपने मन से जाना चाहे तो जा सकता है – जब तक पार्टी लाइन को लांघने वाले नेताओं पर कार्रवाई नहीं होगी, चीजें ऐसे ही बेकाबू रहेंगी.
राष्ट्रवाद पर भाजपा को टक्कर देने का मौका
1. जब पूरा जम्मू-कश्मीर, असदुद्दीन ओवैसी और फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं, और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, तो ये कांग्रेस नेता क्यों पाकिस्तान को क्लीन चिट देने पर तुले हुए हैं? पहलगाम हमले का मामला तो अब मुस्लिम वोट बैंक के दायरे में भी नहीं रह गया है.
2. कांग्रेस के बड़बोले नेताओं के बाद शशि थरूर और उदित राज की बहस ने कांग्रेस नेतृत्व के लिए मामला पेंचीदा कर दिया है. जब शशि थरूर खुफिया जानकारी पर कार्रवाई न करने के मामले में केंद्र सरकार को संदेह का लाभ देने को कह रहे हैं, और सरकार की तरफ से आतंकवादियों के खिलाफ इजरायल जैसे एक्शन के लिए इंतजार करने की सलाह दे रहे हैं – कांग्रेस नेता उदित राज उनको भाजपा का प्रवक्ता करार देते हैं. कांग्रेस का स्टैंड तो यूं ही बिखर जा रहा है.
3. मुश्किल ये है कि पहलगाम का मुद्दा ऐसा है कि कांग्रेस नेताओं के बयान को निजी राय बताने भर से काम नहीं चलने वाला है – ऐसे नेताओं के खिलाफ राहुल गांधी को सख्त ऐक्शन लेने की दरकार है. वैसे ही जैसे प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी के लिए मणिशंकर अय्यर के खिलाफ ऐक्शन लिया गया था.
4. देखा जाये तो राष्ट्रवाद के मुद्दे पर बीजेपी को टक्कर देने का बेहतरीन मौका है, लेकिन कांग्रेस चूक जा रही है. कांग्रेस नेताओं से माफी मंगवाना मुमकिन न हो रहा हो, तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर मैसेज देने की कोशिश की जानी चाहिये. और, जयराम रमेश को भी निजी राय जैसी बातों के बजाय, बताना चाहिये, बल्कि बार बार और जोर जोर से दोहराना चाहिये कि पहलगाम पर कांग्रेस का स्टैंड क्या है.
5. कांग्रेस के लिए मुस्लिम पार्टी होने के तोहमत और दाग धुलने का भी ये सबसे अच्छा मौका है. पुलवामा हमले के बाद भी राहुल गांधी और कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर थे, और ऐसे आरोपों का ठीक से बचाव नहीं कर पाये कि उनकी बातें पाकिस्तान में हेडलाइन बनाती हैं.
ध्यान देने वाली बात ये भी है कि जिस वक्त कांग्रेस पहलगाम पर सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कर रही है, ऐन उसी वक्त सोशल मीडिया पर कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टार्गेट किया जा रहा है. जाहिर है, फिलहाल मुद्दा तो पहलगाम और पाकिस्तान ही है – जाहिर है, ये सब यूं ही नहीं, बल्कि सोच समझ कर रणनीति के तहत ही किया जा रहा होगा.
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