कैसे काम करता है यूट्यूब, कैसे होती है कमाई, कैसे नहीं

 

Youtuber Loses 8 Lakhs Whats The Truth About Earning From Youtube How One Can Make Money
8 लाख लगा मुंह की खाने वाली यूट्यूबर से सबक, YouTube कैसे करता है काम? कमाई का पूरा फंडा समझ‍िए
नलिनी उनागर ने अपना यूट्यूब चैनल ‘नलिनीज किचन रेसिपी’ बंद कर दिया। उन्होंने तीन साल में आठ लाख रुपये निवेश किए, लेकिन कोई कमाई नहीं हुई। नलिनी ने 250 वीडियो बनाए और 2,450 सब्सक्राइबर जुटाए। नलिनी ने इसके लिए यूट्यूब के एल्गोरिथम को दोषी ठहराया। वह अब अपने किचन के सामान और स्टूडियो उपकरण बेच रही हैं। उनका अनुभव लाखों लोगों के लिए सबक बन गया है

यूट्यूबर नलिनी उनागर ने तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद YouTube को कहा अलविदा
अपने चैनल पर 8 लाख रुपये से ज्‍यादा लगाए थे, लेकिन उन्हें कोई कमाई नहीं हुई
नलिनी उनागर का यूट्यूब का अनुभव नए यूट्यूबर्स के लिए बन गया है एक सबक

नई दिल्‍ली: यूट्यूबर नलिनी उनागर ने तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद YouTube को अलविदा कह दिया। नलिनी ‘नलिनीज किचन रेसिपी’ चैनल चलाती थीं। उन्होंने अपने पैशन को प्रॉफिट में बदलने की बहुत कोशिश की। लेकिन, कामयाबी नहीं मिली। सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्‍स’ पर पोस्ट शेयर करके नलिनी ने बताया कि उन्होंने अपने चैनल पर 8 लाख रुपये लगाए थे। लेकिन उन्हें कोई कमाई नहीं हुई। उन्होंने लिखा कि वह अपने YouTube करियर में फेल हो गईं। लिहाजा, वह अपने किचन के सामान और स्टूडियो उपकरण बेच रही हैं। 8 लाख रुपये लगाकर मुंह की खाने वाली यूट्यूबर नलिनी से कई लोगों को सबक मिला है। वह यह है कि यूट्यूब से कमाना जितना आसान लगता है कि उतना है नहीं। चंद लोग ही यूट्यूब से कमाने में सफल होते हैं। आइए, यहां समझते हैं कि यूट्यूब कैसे काम करता है। इससे कमाने का पूरा फंडा क्‍या है।

नलिनी ने तीन सालों में 250 वीडियो बनाए और 2,450 सब्सक्राइबर जुटाए। इतनी मेहनत के बावजूद उन्हें YouTube के एल्गोरिथम से जूझना पड़ा। उनका मानना है कि यह एल्गोरिथम कुछ खास क्रिएटर्स और कंटेंट को ही फेवर करता है। नलिनी ने कहा, ‘YouTube ने मुझे कुछ नहीं दिया। ऐसा लगता है कि प्लेटफॉर्म पक्षपातपूर्ण है। कड़ी मेहनत के बावजूद दूसरों को पहचान नहीं मिलती।’

YouTube पर कमाई कैसे होती है?
यह कई बातों पर निर्भर करता है। सबसे आम तरीका है विज्ञापन से होने वाली कमाई। YouTube भारतीय क्रिएटर्स को प्रति 1,000 व्यूज पर लगभग 53.46 रुपये देता है। मतलब 10 लाख व्यूज पर लगभग 53,460 रुपये की कमाई हो सकती है। कुछ विषयों पर ज्‍यादा कमाई होती है। जैसे, टेक रिव्यू पर 75-375 रुपये प्रति 1,000 व्यूज, ब्यूटी और फैशन पर 60-262.50 रुपये प्रति 1,000 व्यूज और गेमिंग पर 37.50-300 रुपये प्रति 1,000 व्यूज मिल सकते हैं। अमरीका या ब्रिटेन जैसे देशों के व्यूज पर भारत के व्यूज से ज्‍यादा कमाई होती है। वीडियो पर ज्‍यादा लाइक, कमेंट और शेयर होने से भी कमाई बढ़ सकती है।

और क्‍या हैं कमाई के तरीके?
विज्ञापन के अलावा भी कमाई के कई तरीके हैं। जैसे, एफिलिएट मार्केटिंग, स्पॉन्सर्ड कंटेंट, मर्चेंडाइज सेल्स और चैनल मेंबरशिप। भुवन बाम और अमित भड़ाना जैसे बड़े नाम हर महीने 11.6 लाख रुपये से 1.7 करोड़ रुपये तक कमाते हैं। जबकि एक औसत भारतीय क्रिएटर सालाना 4.17 लाख रुपये कमाता है।

चैनल को बड़ा बनाना आसान नहीं
YouTube चैनल शुरू करना सस्ता हो सकता है, लेकिन इसे बड़ा बनाने में काफी निवेश की जरूरत होती है। शुरुआत में एक अच्छे कैमरे वाला स्मार्टफोन और बेसिक एडिटिंग टूल्स ही काफी हैं। इसका खर्च लगभग 15,000-20,000 रुपये आता है। प्रोफेशनल सेटअप के लिए DSLR या मिररलेस कैमरा, माइक्रोफोन, लाइटिंग, एडिटिंग सॉफ्टवेयर जैसे Adobe Premiere Pro या Final Cut Pro और एक अच्छा कंप्यूटर चाहिए। इस पर 50,000 रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक खर्च हो सकते हैं। इसके अलावा मार्केटिंग, प्रमोशन, प्रॉप्स, ट्रैवल इत्‍यादि पर भी खर्च आता है। नलिनी ने भी प्रोफेशनल किचन, स्टूडियो उपकरण और प्रमोशन पर 8 लाख रुपये खर्च रुपये किए थे, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।

कमाई की कोई गारंटी नहीं
YouTube पर कमाई की कोई गारंटी नहीं होती। यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कम से कम 1,000 सब्सक्राइबर और पिछले साल में 4,000 घंटे का वॉच टाइम चाहिए। कम व्यूज, बोरिंग कंटेंट या कम विज्ञापन वाले विषयों पर कमाई मुश्किल होती है। नलिनी के अनुभव से पता चलता है कि सिर्फ YouTube पर करियर के रूप में भरोसा करना जोखिम भरा है। प्लेटफॉर्म के एल्गोरिथम के बारे में उन्होंने कहा, ‘आपकी दुकान अगले दिन आपके जागने से पहले ही बंद हो सकती है।’

क्‍या बन सकता है सफलता की सीढ़ी?
YouTube पर सफल होने के लिए क्रिएटर्स को अच्छी क्वालिटी का एंगेजिंग कंटेंट बनाने की जरूरत है जो दर्शकों को पसंद आए। समय के साथ प्रासंगिक रहे। आकर्षक शीर्षक, सही थंबनेल और कीवर्ड से भरपूर विवरण और हैशटैग से वीडियो सर्च में आसानी से आते हैं। दर्शकों से जुड़ना जरूरी है। सवाल पूछना, कमेंट्स का जवाब देना, कार्ड्स और एंड स्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।

YouTube Shorts से लेकर लंबे वीडियो तक अलग-अलग तरह के कंटेंट बनाने से दर्शकों और एल्गोरिथम दोनों को फायदा होता है। नियमित रूप से वीडियो अपलोड करना और सही समय पर पोस्ट करना जरूरी है। सोशल मीडिया और दूसरे क्रिएटर्स के साथ मिलकर काम करने से ज्‍यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है।

YouTube Analytics का इस्तेमाल करके अपनी रणनीति में सुधार किया जा सकता है। YouTube की नीतियों और नए फीचर्स के बारे में अपडेट रहना भी जरूरी है। नलिनी ने अपनी कहानी शेयर करके नए क्रिएटर्स को YouTube की चुनौतियों के बारे में बताया है। उनका अनुभव नए यूट्यूबर्स के लिए एक सबक है।

 

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