गोगामेड़ी हत्याकांड में आतंक विरोधी धाराओं में मुकदमा, गहलौत का भी उल्लेख

गोगामेड़ी हत्याकांड में UAPA में केस दर्ज, FIR में पूर्व सीएम अशोक गहलोत का भी जिक्र
एफआईआर में दावा किया गया है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की सुरक्षा की मांग को लेकर तीन बार- 24 फरवरी, एक मार्च और 25 मार्च को राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा गया था. लेकिन उन्हें जानबूझकर सुुरक्षा नहीं दी गई.

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड

जयपुर,06 दिसंबर 2023,श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में बड़ा एक्शन लिया गया है. इस मामले में आरोपित अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. लेकिन पुलिस ने हत्या को यूएपीए के  मुकाबले गिनवा रहे है.

मामले में दर्ज एफआईआर में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी का भी जिक्र है. इन पर सुरक्षा मुहैया कराने में लापरवाही बरतने का आरोप है.

एफआईआर में दावा किया गया है कि गोगामेड़ी की सुरक्षा की मांग को लेकर तीन बार- 24 फरवरी, एक मार्च और 25 मार्च को राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा गया था. लेकिन उन्हें जानबूझकर सुुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई. यह एफआईआर गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने दर्ज कराई है.
गोगामेड़ी को मारने वाला एक शूटर है आर्मी का जवान
एफआईआर में पत्नी ने दावा किया है कि 14 फरवरी 2023 को पंजाब पुलिस ने राजस्थान के डीजीपी को पत्र लिखकर बताया था कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का षड्यंत्र रचा जा रहा है. इसके बाद 14 मार्च 2023 को एटीएस जयपुर ने एडीजीपी (इंटेलिजेंस) को भी इसकी जानकारी दी थी. पत्नी ने आरोप लगाया है कि इतने सारे इनपुट  के बावजूद जानबूझकर मुख्यमंत्री गहलोत और डीजीपी समेत जिम्मेदार अधिकारियों ने गोगामेड़ी को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई.

एफआईआर में पत्नी ने आरोप लगाया है कि 5 दिसंबर की दोपहर को प्लानिंग से हथियारबंद लोग उनके पति सुखदेव सिंह गोगामेड़ी से मिलने के बहाने आए थे. दोनों हमलावर आपस में रोहित राठौड़ और नितिन फौजी नाम से पुकार रहे थे. कुछ देर बाद उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इस फायरिंग में गोगामेड़ी और नवीन शेखावत की मौत हो गई.

क्यों लगा है यूएपीए?

एफआईआर के मुताबिक, गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी रोहित गोदारा ने ली है, जो विदेश में कहीं छिपा बैठा है. इस घटना में संपत नेहरा और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आ रहा है. पत्नी ने आरोप लगाया है कि इस हत्याकांड में विदेश के आतंकवादियों की एक लंबी चेन है, जिसकी गहरी जांच जरूरी है.

बता दें कि जयपुर में मंगलवार को दो हमलावरों ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में घुसकर उन पर गोलियां चला दी थी. पुलिस के अनुसार गोली लगने से घायल गोगामेड़ी की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी. इस घटना के दौरान हमलावरों ने अपने साथ आए नवीन शेखावत को भी गोली मार दी और घर में मौजूद एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. हमले की जिम्मेदारी रोहित गोदारा गैंग ने ली है.

क्या है यूएपीए?

यूएपीए आतंकवाद विरोधी कानून है. किसी मामले में अगर आतंकवादी कृत्य की आशंका होती है तब यूएपीए लगाया जाता है. आतंकवादी और देश की अखंडता-संप्रभुता को खतरा पहुंचाने वाली ताकतों को रोकने के लिए ये कानून लाया गया था. ये कानून संसद में 1967 में पास हुआ था और उसके बाद से इसमें कई संशोधन हो चुके हैं. इसके तहत आरोपी को कम से कम 7 साल तक की कैद हो सकती है.

आखिरी बार अगस्त 2019 में इस कानून में संशोधन हुआ था. संशोधन के मुताबिक, अब संगठन या संस्था के अलावा व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है.

SIT WILL INVESTIGATE SUKHDEV SINGH GOGAMEDI MURDER CASE RESPONSIBILITY ASSIGNED TO ADG CRIME DINESH MN
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच करेगी SIT, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन को सौंपा जिम्मा

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद भागे बदमाशों का फिलहाल कोई सूत्र नहीं मिला है. अब डीजीपी ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की है. दोनों आरोपितों पर 5-5 लाख रुपए के इनाम भी घोषित हुए हैं.
डीजीपी ने इस मामले की पड़ताल को एसआईटी गठित की है, जबकि हत्यायें करने वाले दोनों आरोपितों पर भी 5-5 लाख रुपए के इनाम घोषित किए जाएंगे. डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन के पर्यवेक्षण में एसआईटी का गठन किया गया है.
उन्होंने बताया कि मकराना के जूसरी हाल झोटवाड़ा निवासी रोहित और हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी नितिन फौजी के रूप में आरोपितों की पहचान हुई है. इस अपराध को लेकर मुकदमा दर्ज होते ही दोनों आरोपितों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया और आरोपियों के बारे में जानकारी देने वालों को ये राशि दी जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस तत्परता से हत्यारों की तलाश में जुटी है.

दिनेश एमएन ने संभाली कमान :सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड मामले की कमान अब एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने संभाल ली है. जयपुर आने के बाद वे श्याम नगर इलाका स्थित सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर पहुंचे, जहां उन्होंने हत्यास्थल देखा. इसके बाद अब तक की पड़ताल को लेकर पुलिस अधिकारियों से जानकारी भी ली.
समाज ने सौंपा मांग पत्र :सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में लगातार धरना प्रदर्शन जारी है. धरने पर बैठे समाज के लोगों ने एक मांग पत्र दिया है, जिसमें हत्यारों का एनकाउंटर करने,परिजनों को आजीवन सुरक्षा, सरकारी नौकरी और 11 करोड़ रुपए का मुआवजा, परिजनों को तुरंत हथियार का लाइसेंस, श्याम नगर थानाधिकारी को हटाने और जान का खतरा होने के बावजूद सुरक्षा नहीं देने की 15 दिन में हाईकोर्ट के जज से जांच करवाने की मांग की गई है.

अलर्ट के बावजूद नहीं दी गई सुरक्षा :दरअसल, पंजाब पुलिस को जानकारी मिली थी कि संपत नेहरा सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का षडयंत्र रच रहा है. पंजाब पुलिस के इनपुट के आधार पर एटीएस-एसओजी के एडीजी ने एडीजी (सुरक्षा) को अलर्ट भी भेजा था. खुद सुखदेव सिंह ने भी कई बार सार्वजनिक मंच से पुलिस अधिकारियों ये बात कही थी. साथ ही सुरक्षा की भी मांग की थी. इसके बावजूद उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई. ऐसे में अब समाज के लोग और भाजपा नेता इस मुद्दे को उठा रहे हैं कि उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई. मांग पत्र में भी इसकी जांच करवाने की बात कही गई है.

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