चंद्रयान 3 की सफलता अर्थव्यवस्था को बना देगी रॉकेट

Chandrayaan-3 Mission Success Will Change Game How Economy Fly Like Rocket Understand

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता खेल पलट देगी, रॉकेट की तरह कैसे उड़ेगी इकनॉमी? समझिए
भारत के अंतरिक्ष अभियान के लिए यह बड़ा दिन होगा। इस दिन इसरो चंद्रयान-3 मिशन लॉन्‍च करेगा। मिशन की सफलता पूरा खेल पलट सकती है। यह भारत को तेजी से बढ़ने के लिए बड़ी खुराक देने की क्षमता रखता है। इससे स्‍पेस सेक्‍टर में निजी निवेश को प्रोत्‍साहित करने में मदद मिलेगी।

हाइलाइट्स
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता अर्थव्‍यवस्‍था को देगी रफ्तार
भारत के स्‍पेस-टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर को मिलेगा बढ़ावा
स्‍पेस सेक्‍टर में निजी निवेश को आकर्षित करने में मिलेगी मदद

नई दिल्‍ली 08 जुलाई: चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को लॉन्‍च होगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इसके लिए तैयार है। इस मिशन की सफलता से बहुत कुछ जुड़ा है। यह विकसित भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस मिशन से कई तरह के मौके खुल जाएंगे। इन अवसरों से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को दौड़ने के लिए बड़ी खुराक मिलेगी। चांद पर खोज से जुड़ा यह मिशन धरती पर जियो पॉलिटिक्‍स के लिहाज से भी बहुत खास है। सफल होने पर यह भारत को अमेरिका, रूस और चीन के साथ दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में खड़ा कर देगा।
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता भारत के लिए खेल पलट सकती है। यह अंतरिक्ष अभियानों में भारत की ताकत को दिखाएगा। अभी तक सिर्फ तीन देशों को चांद पर अंतरिक्ष यानों को उतारने में सफलता मिली है। ये देश हैं अमेरिका, रूस और चीन। चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ तो भारत भी इस क्‍लब में शामिल हो जाएगा। इस मिशन के साथ बड़ा आर्थिक पहलू भी जुड़ा हुआ है।

मौकों की तलाश में हैं कंपन‍ियां

आंकड़ों के अनुसार, भारत की स्‍पेस इकॉनमी 2020 तक 9.6 अरब डॉलर की थी। 2025 तक इसके बढ़कर 13 अरब डॉलर हो जाने के आसार हैं। आज भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए भी खुला है। देश में 140 से ज्‍यादा स्‍पेस-टेक स्‍टार्टअप हैं। इनमें स्‍कायरूट, सैटश्‍योर, ध्रुव स्‍पेस और बेलाट्रिक्‍स जैसी कंपनियां शामिल हैं। ये ऐसी टेक्‍नोलॉजी बनाने पर काम कर रही हैं जिनका रोजमर्रा के जीवन में इस्‍तेमाल है। ये कंपनियां सैटेलाइट आधारित फोन सिग्‍नल, ब्रॉडबैंड, ओटीटी से लेकर 5जी और सोलर फार्म तक में स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करने के मौके तलाश रही हैं।

भारत के स्‍पेस सेक्‍टर में पैसा लगाने के लिए निवेशक लालायित हैं। स्‍पेस इंडस्‍ट्री में सरकार निजी सेक्‍टर का ज्‍यादा पार्टिसिपेशन चाहती है। इसी मंशा से उसने भारतीय अंतर‍िक्ष नीति 2023 को मंजूरी दी है। यह निजी सेक्‍टर के लिए भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को बढ़ाएगी।

बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर होंगे पैदा

जहां तक चंद्रयान-3 मिशन की बात है तो इसकी सफल लैंडिंग भारत के लिए निर्णायक पहल होगा। यह न केवल देश को अंतरिक्ष खोज की दौड़ में बढ़त दिलाएगा। अलबत्‍ता, अर्थव्यवस्था में भी योगदान देगा। रोजगार के मौके पैदा करने से लेकर निजी निवेश में बढ़ोतरी और यहां तक कि तकनीकी प्रगति तक में चंद्रयान -3 मिशन भारतीय अर्थव्यवस्था के अलग-अलग पहलुओं को बढ़ावा दे सकता है।

चंद्रयान-3 के सफल लॉन्‍च से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। वे भारत की स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी में ज्‍यादा निवेश के लिए आकर्षित होंगे। एक्‍सपर्ट कहते हैं कि अगर चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ तो यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। गूगल जैसी कंपनियां पहले से ही भारत के स्पेस-टेक स्टार्टअप में निवेश कर रही हैं। ताज्‍जुब नहीं करना चाहिए अगर चंद्रयान -3 मिशन की सफलता के बाद विदेशी कंपनियों की ओर से निवेश बढ़ जाए। इसके अलावा निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी से नए स्टार्टअप, व्यवसाय और नौकरी के अवसर सामने आ सकते हैं। इससे आर्थिक विकास और इनोवेश को बढ़ावा मिलेगा।
भारत के स्‍पेस-टेक इकोसिस्‍टम में तेजी से विकास हुआ है। इसने कोरोना की महामारी के बाद से पिछले कुछ वर्षों में हजारों नौकरियां पैदा की हैं। लेकिन, पहले स्‍पेस इकनॉमी पर ध्यान न देने के कारण संघर्ष करना पड़ा है। आज, इस क्षेत्र में ब्लू-कॉलर और व्हाइट-कॉलर दोनों तरह की लाखों नौकरियां पैदा करने की क्षमता है।

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