चयन पक्षपात से थी गुस्से में, इसी से सैक्सुअल हैरेसमेंट का झूठा आरोप लगाया था नाबालिग पहलवान ने
बृजभूषण के खिलाफ नाबालिग ने बदला बयान, पिता ने बताया क्यों लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने अपना बयान बदल दिया है. नए बयान में उसने यौन उत्पीड़न के आरोप को बदलते हुए भेदभाव होने के आरोप लगाया है. महिला पहलवान के पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी के साथ भेदभाव हुआ था, इसलिए उन्होंने गुस्से में आकर केस किया था.
श्रेया चटर्जी
नई दिल्ली,07 जून।बृजभूषण शरण सिंह बनाम पहलवान मामले ने नया मोड़ ले लिया है. एक तरफ साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो वहीं दूसरी तरफ यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल दिया है. अपने बयान में पहले जहां नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था तो वहीं अब उसने बयान में बदलाव करते हुए कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
हमने आरोप लगाने वाली नाबालिग महिला पहलवान के पिता से फोन पर बातचीत की. बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने 164 में दिए गए अपने पुराने बयान को बदल दिया है. बृजभूषण सिंह पर पहले उसने जो यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे, वह नए बयान में नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह इस वक्त परेशान हैं और चाहते हैं कि उनके परिवार को अकेला छोड़ दिया जाए.
गुस्से के चलते की गई थी शिकायत!
महिला पहलवान के पिता ने आगे कहा कि उन्होंने केस गुस्से में आकर किया था. उन्होंने दावा किया कि तब बृजभूषण और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने एशियाई चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण फैसले लिए थे. इससे उनकी बेटी प्रभावित हुई थी. महिला पहलवान के पिता ने यह भी कहा कि जब पहलवान शुरू में विरोध पर बैठे तो शिकायत गुस्से के चलते की गई थी, क्योंकि उन्हें अब भी लगता है कि चयन प्रक्रिया में उनकी बेटी के साथ गलत व्यवहार हुआ था.
सर्टिफिकेट के साथ नहीं की गई छेड़छाड़
केस वापस नहीं लेने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्होंने केस तो वापस नहीं लिया है, लेकिन बयान नए सिरे से रिकॉर्ड कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि बेटी के प्रमाणपत्रों से कोई भी छेड़छाड़ नहीं की गई है, उनकी बेटी नाबालिग है.
नाबालिग पहलवान ने लगाया था POCSO
बता दें कि पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे. सात शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग पहलवान ने POCSO में शिकायत की थी. दो जून को कुश्ती की नाबालिग पहलवान का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किया गया था. इसके बाद सीलबंद लिफाफे में राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई कर रही संबंधित कोर्ट को यह बयान भेज दिया गया. कोर्ट में बयान के वक्त नाबालिग पहलवान के साथ उसके पिता और दादा दोनों मौजूद थे.
पुलिस स्टेशन से भी शिकायत वापस ली!
नाबालिग महिला पहलवान ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत वापस लेने के लिए अपने पिता और दादा के साथ बयान दर्ज कराए थे, उसके बाद कोर्ट में मार्जिस्टेट के सामने अपने बयान दर्ज कराकर अपनी शिकायत वापस ली. सूत्रों की मानें तो नाबालिग महिला पहलवान ने कोर्ट में कहा कि उनके साथ भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कभी sexual harassment नहीं किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बताया था गंभीर मामला
बताते चलें कि महिला पहलवानों की शिकायत के बाद कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गईं, इनमें एक पोक्सो एक्ट के तहत थी. 21 अप्रैल को एक नाबालिग समेत सात महिला रेसलर ने शिकायत की थी. 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की अपील सुनकर इसे गंभीर मामला बताया था और दो दिन में दिल्ली पुलिस को जवाब देने के लिए कहा था. तब जाकर 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि हम बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे.
दिल्ली पुलिस कर रही है मामले की जांच
अदालत ने ये भी आदेश दिया था कि नाबालिग महिला पहलवान को सुरक्षा दी जाए. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने सुनवाई की थी. वहीं, बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा था कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मैं पूरे तरीके से मजे में हूं, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. दिल्ली पुलिस अपनी जांच करे, पूरा भरोसा है. सब सच सामने आ जाएगा. मैं किसी से बात नहीं करूंगा.