चादर चढ़ाना, मोमबत्ती जलाना आस्था, नारियल बांधना अंधविश्वास?: धीरेंद्र शास्त्री
Bageshwar Dham के महाराज ने लिखी जवाबी ‘पर्ची’, भारत में चादर चढ़ाना और कैंडल जलाना आस्था, नारियल बांधना अंधविश्वास क्यों?
अपने बयानों को लेकर विवादों में आए बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने विश्वास और अंधविश्वास को लेकर तीखा कमेंट किया है। एक इंटरव्यू में बागेश्वर महाराज ने कहा है कि भारत में कैंडल जलाना और चादर चढ़ाना आस्था है, लेकिन नारियल चढ़ाना अंधविश्वास माना जाता है।
हाइलाइट्स
बागेश्वर धाम के महाराज ने आस्था और अंधविश्वास के बीच फर्क पर किया कमेंट
पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, चादर चढ़ाना आस्था तो नारियल बांधना अंधविश्वास क्यों
घरवापसी के बाद लगातार चर्चा में हैं बागेश्वर धाम के महाराज
भोपालः बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने विश्वास और अंधविश्वास को लेकर जारी विवाद के बीच तीखा कमेंट किया है। बागेश्वर महाराज ने कहा है कि भारत में चादर चढ़ाना और कैंडल जलाना तो आस्था है, लेकिन अर्जी का नारियल बांधना अंधविश्वास है। पता नहीं लोग इतना दोगलापन कहां से लाते हैं। हमारे सहयोगी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत को दिए इंटरव्यू में बागेश्वर महाराज ने यह बात कही है।
अपनी चमत्कारी शक्तियों और बयानों के लिए विवादों में आए बागेश्वर महाराज ने अपने खिलाफ साजिश का भी आरोप लगाया है। इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां उनके पीछे पड़ गई हैं क्योंकि वे धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती हैं। उन्होंने दमोह में 160 परिवारों की घरवापसी कराई और आदिवासियों के इलाकों में दरबार लगा रहे हैं। इसलिए मिशनरियां उनके खिलाफ साजिश कर रही हैं।
अपनी चमत्कारी शक्तियों के बारे में पूछे जाने पर महाराज ने कहा कि उनकी ताकत ध्यान विधि है जो उनके गुरु से उन्हें मिली थी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में ध्यान विधि की परंपरा आदिकाल से मौजूद है। भक्त के करीब आते ही उन्हें उसकी समस्या का आभास हो जाता है और वे उसे कागज पर लिख लेते हैं। राम नाम की ताकत से वह सत्य साबित होता है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह दावा भी किया कि देश में हिंदू बाबाओं के खिलाफ खास अभियान चलाया जा रहा है। इसी के चलते उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन वे इससे नहीं डरते। वे तो टोपी वालों से भी राम नाम बुलवा कर रहेंगे।