चीनी एप DEEPSEEK से ढहा बाजार, टेक कंपनियों के 700 अरब डॉलर डूबे

Deepseek से मचा हड़कंप, झटके में टॉप 500 अरबपतियों की इतनी संपत्ति स्‍वाहा!
Deepseek के आने से सबसे ज्‍यादा नुकसान एनवीडिया (Nvidia) को हुआ है, जिसके शेयर दो दिन में 20 फीसदी से ज्‍यादा टूट गए और इसके मार्केट कैप में 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

Deepseek से दुनिया के 500 अमीरों की संपत्ति घटी
नई दिल्‍ली ,28 जनवरी 2025,
सोमवार को एक चीनी ऐप ने दुनिया को हिलाकर रख दिया. यह दुनिया में सबसे ज्‍यादा पॉपुलर ऐप बन चुका है, क्‍योंकि इसे ChatGPT, ओपेनएआई और मेटा जैसे प्‍लेटफॉर्म का विकल्‍प के तौर पर देखा जा रहा है. Deepseek एक चीनी स्‍टार्टअप ने तैयार किया है. मार्केट में इसके आते ही AI कंपनियां में हडकंप मचा हुआ है, क्‍योंकि ये अपनी पूरी सर्विस फ्री में प्रोवाइड करा रहा है.

Deepseek के आने से सबसे ज्‍यादा नुकसान एनवीडिया (Nvidia) को हुआ है, जिसके शेयर दो दिन में 20 फीसदी से ज्‍यादा टूट गए और इसके मार्केट कैप में 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. वहीं एक दिन में ही दुनिया के 500 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 27 जनवरी को एक झटके में 108 अरब डॉलर (करीब 9.3 लाख करोड़ रुपये) घट गई.

सबसे अधिक नुकसान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और टेक कंपनियों से जुड़े अरबपतियों को हुआ है. एनवीडिया (Nvidia) के को-फाउंडर जेनसन हुआंग की संपत्ति में करीब 20.1 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. सबसे बड़ी गिरावट ओरेकल के लैरी एलिसन को हुआ, जिनकी संपत्ति 22.6 अरब डॉलर कम हो गई है.

इन अमीरों को भी नुकसान
इनके अलावा, Dell के फाउंडर माइकल डेल को 13 अरब डॉलर और Binance के को-फाउंडर चांगपेंग झाओ ने 12.1 अरब डॉलर का नुकसान उठाया है. सिर्फ एक दिन में टेक सेक्टर के अरबपतियों की कुल संपत्ति 94 अरब डॉलर कम हुई. वहीं मेटा और अमेजन के फाउंडर्स की संपत्ति में अच्‍छा इजाफा हुआ है. Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग को 4.3 अरब डॉलर और जेफ बेजोस को 63.2 करोड़ डॉलर का फायदा हुआ है.

डीपीसीक से कौन-कौन से शेयर टूटे
‘डीपसीक’ के पेश होने के बाद सोमवार को नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स में 3.1% और S&P 500 इंडेक्स की गिरावट दर्ज की गई, जिस कारण एनवीडिया, मेटा (फेसबुक), अल्फाबेट (गूगल) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर दबाव में आ गए.

इन भारतीय शेयर पर भी असर
अनंत राज लिमिटेड के शेयर मंगलवार को 20 प्रतिशत टूट गए, जबकि एक दिन पहले 17 फीसदी टूटे थे. वहीं नेटवेब टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड के शेयर 10 फीसदी और एक दिन पहले 11 फीसदी टूटे थे. Zen Technologies के शेयर भी 14 फीसदी, जबकि सोमवार को 6 फीसदी गिरे थे.

क्या बला है चीन का DeepSeek, अमेरिकी बाजार में क्यों मची तबाही: अरुणाचल, लद्दाख और दलाई लामा पर नहीं देता जवाब, कहता है- करें किसी और मुद्दे पर बात

चीन का DeepSeek AI लद्दाख, अरुणाचल पर सवालों के जवाब नहीं देता (फोटो साभार: UCSUSA & The decoder)
चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म DeepSeek के चलते अमेरिकी बाजारों में तबाही आई है। AI के चलते हजारों करोड़ बनाने वाली कम्पनियों के शेयर DeepSeek के आने के चलते गोता लगा रहे हैं। बाकी AI मॉडल्स की तरह DeepSeek भी लोगों के सवालों के जवाब देता है। लेकिन इस पर भी चीन ने एक तगड़ा कंट्रोल लगाया है। DeepSeek उन सवालों के जवाब नहीं देता है, जिन को चीन लगातार दबाता आया है। तिआनमेन नरसंहार से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक यह खामोशी साध लेता है।

क्या है DeepSeek?
DeepSeek एक चीनी कम्पनी है। यह AI के क्षेत्र में काम करती है। DeepSeek ने भी OpenAI और Perplexity AI जैसी कम्पनियों की तरह ही अपना AI मॉडल तैयार किया है। यह कम्पनी लियांग वेंगफेंग ने बनाई है। DeepSeek ने अपना नया मॉडल R1 भी हाल ही में लॉन्च किया है।

इसका कहना है कि जो जवाब OpenAI बिना कुछ सोचे हुए देती है, वही जवाब DeepSeek AI पहले सोचती और उस पर अपनी तर्कक्षमता लगा कर देती है। DeepSeek ने हाल ही में अपना एप और चैटबॉट लॉन्च किया है। यह तेजी से पॉपुलर हो रहा है।

अमेरिकी बाजारों में DeepSeek से क्यों मचा कोहराम?
अमेरिका समेत दुनिया भर के टेक्नोलॉजी से सम्बन्धित शेयर बीते DeepSeek के चलते गोता लगा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा असर सेमीकंडक्टर बनाने वाली कम्पनी Nvidia पर पड़ा है। यह सेमीकंडक्टर AI मॉडल बनाने के लिए लगते हैं। इसके चलते Nvidia की मार्केट वैल्यू 593 बिलियन डॉलर (₹4.8 लाख करोड़) गिर चुकी है।

इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी कम्पनियों के शेयर भी गिरे। इसके पीछे निवेशकों का इन कम्पनियों में डिगा हुआ भरोसा है। निवेशकों को लगता है कि अब Nvidia की उतनी हैसियत नहीं रह जाएगी। दावा है कि DeepSeek में लगाई जाने वाली लागत भी OpenAI और बाकी कम्पनियों से कहीं कम है।

DeepSeek पर विवाद क्यों?
DeepSeek AI लॉन्च होने और जनता के बीच पॉपुलर होने के साथ ही विवादों में भी घिर गई है। जहाँ बाकी AI मॉडल उन सभी प्रश्नों का जवाब देते हैं, जिनके विषय में जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है तो वहीं DeepSeek कुछ विषयों में जानकारी नहीं देता या फिर जवाब देकर गायब कर देता है। यह अधिकांश विषय ऐसे हैं जिन पर चीन भी नहीं बोलता या फिर कतराता है।

DeepSeek में चीन के दखल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह अरुणाचल प्रदेश तक के विषय में नहीं बताता। जहाँ यह विश्व के बाकी हिस्सों की विशेषताएँ, वहाँ कैसे पहुँचे और बाकी जानकारी कुछ सेकंड के भीतर दे देता है, वहीं अरुणाचल प्रदेश के विषय में पूछने पर यह जवाब देता है, “सॉरी, यह मरे स्कोप से बाहर है। किसी और विषय पर बात करते हैं।”

यही जवाबा DeepSeek का लद्दाख पर है। गौरतलब है कि अरुणाचल को चीन अपना हिस्सा बताता है और अपने नक़्शे में शामिल कर इस पर दावा ठोंकता रहता है। इसी तरह DeepSeek चीन की भारत में घुसपैठ पर भी चुप्पी साध लेता है। वह यह तक नहीं बताता कि कितने बार भारत ने चीन पर घुसपैठ का आरोप लगाया है।

DeepSeek तिब्बती धर्मगुरु, दलाई लामा पर भी नहीं बोलता। यह उन्हें महान व्यक्तित्व मानने वाले प्रश्न पर भी रटा रटाया जवाब देता है। यहाँ तक कि वह उनकी शिक्षाओं को भी बताने से इनकार कर देता है। DeepSeek अगर कुछ चीजों का जवाब देता भी है तो कुछ ही सेकंड के भीतर उन्हें मिटा देता है।

सिर्फ अंतरराष्ट्रीय विवादों पर ही नहीं बल्कि DeepSeek चीनी नीतियों और बोलने की स्वतंत्रता पर भी जवाब नहीं देता। जब अमेरिकी AI ChatGPT से पूछा जाए कि क्या अमेरिकी एजेंसियाँ खबरों में दखल देती हैं और मीडिया को रोकती हैं, तो यह स्पष्ट जवाब देता है कि ऐसा हुआ है।

वहीं DeepSeek इसका जवाब भी देने से मना कर देता है।

कई मौकों पर यह जवाब देकर मिटा भी देता है। ऐसा ही इसे दलाई लामा पर पूछे गए प्रश्न के संबंध में किया।

DeepSeek के AI के इन जवाब के चलते अब इस पर प्रश्न उठ रहे हैं। लोगों का कयास है कि इस AI पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का पूरा नियंत्रण है और यह उसी की नीतियों अपर चल रहा है। भविष्य में अमेरिका जैसे देश इसमें चीनी सरकार के दखल के चलते इस पर बैन भी लगा सकते हैं।

Topics:artificial intelligenceChinalead storyTechnologyअरुणाचल प्रदेशचीन

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