चीनी पत्रकार भारत से बाहर, कर रहे थे जासूसी

INDIA EXPELLED ALL CHINESE JOURNALISTS SPYING HERE RETRIBUTIVE STEPS TAKEN BY CHINA
भारत में बैठकर जासूसी करते थे चीनी पत्रकार, मोदी सरकार ने सभी को किया बाहर

मोदी सरकार ने सभी चीनी पत्रकारों को भारत से बाहर कर दिया है. 1980 के बाद पहली बार ऐसी स्थिति आई है कि कोई भी चीन का पत्रकार भारत में नहीं है.

नई दिल्ली 28 जून : भारत ने सभी चीनी पत्रकारों (संवाददाताओं) को निष्कासित कर दिया है. चीन ने भी ऐसा ही कदम उठाया. भारत ने किसी भी चीनी पत्रकारों की वीजा अवधि नहीं बढ़ाई, परिणामस्वरूप उनके आखिरी पत्रकार पिछले सप्ताह नई दिल्ली छोड़कर चीन वापस लौट गए. 1980 के बाद यह पहली बार है कि चीन का कोई भी पत्रकार भारत में नहीं है. भारत का एकमात्र पत्रकार अभी चीन में हैं. वह पीटीआई से हैं. वह बीजिंग में हैं.
12 जून को चीनी विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि भारत के पत्रकार चीन में काम कर सकते हैं, लेकिन अगर भारत ने हमारे पत्रकारों की वीजा अवधि नहीं बढ़ाया तो फिर हम भी प्रतिकार स्वरूप कदम उठाएंगे. चीनी प्रवक्ता ने कहा कि हम 2020 से ही भारतीय पक्ष के सामने चीनी पत्रकारों के लिए वीजा अवधि बढ़ाने का आवेदन दे रहे हैं, लेकिन भारत थोड़े-थोड़े समय के लिए अवधि बढ़ा रहा है. कई बार वे तीन महीने के लिए बढ़ाते हैं, तो कई बार मात्र एक महीने की अवधि बढ़ाते रहे हैं, यही वजह है कि कभी हमारे 14 पत्रकार नई दिल्ली में हुआ करते थे, पर आज मात्र एक पत्रकार रह गया है.चीनी मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार ब्रह्म चेल्लानी ने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी पोस्ट की है. उन्होंने लिखा कि ऐसे प्रकरण से किसे नुकसान होगा, यह पूरी दुनिया को पता है. चेल्लानी ने कहा कि भारत के पत्रकार चीन में फील्ड रिपोर्टिंग बहुत कम करते हैं. वे सूचनाओं के लिए सरकारी प्रेस रिलीज, ग्लोबल टाइम्स और स्थानीय अखबारों पर निर्भर रहते हैं. जबकि चीनी रिपोर्ट भारत में न सिर्फ फील्ड रिपोर्टिंग करते रहे हैं, बल्कि चीन के लिए जासूसी भी करते रहे हैं. इसलिए इस कदम से किसे नुकसान होगा, यह बात किसी से छिपी नहीं है. उन्होंने यह भी लिखा है कि 2020 में अमेरिका ने भी चीन के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए थे.

 

चीन ने इसी साल अप्रैल में चार में से दो भारतीय पत्रकारों की वीजा अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था. इससे पहले भारत ने मार्च महीने में एक चीनी पत्रकार को दिल्ली छोड़ने का आदेश दे दिया था. इसके बाद फिर से चीन ने एक और पत्रकार का वीजा समाप्त कर दिया. इसलिए इस समय चीन में भारत के एकमात्र पत्रकार रह गए हैं, जबकि चीन का कोई भी पत्रकार दिल्ली में नहीं है, आखिरी पत्रकार भी पिछले सप्ताह छोड़कर जा चुका है.वैसे, इस विषय पर जब भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्ष एक दूसरे के संपर्क में हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *