ट्रंप की दो टूक: हमारा कोई मतलब नहीं,मोदी संभालें बांग्लादेश

PM मोदी संभालें…, पत्रकार के बांग्लादेश से जुड़े सवाल पर डोनाल्ड ट्रंप का सीधा-सीधा मैसेज

पिछले साल बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था और शेख हसीना को भागकर भारत आना पड़ा था. उसके बाद से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार है, जिसके भारत के साथ संबंध काफी खराब हो चुके हैं. अब ट्रंप के रुख से साफ है कि बांग्लादेश में यूनुस सरकार की गलत हरकतों का वो समर्थन नहीं करेंगे.

फ़रवरी 14, 2025

प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप की मुलाकात की तस्वीर
पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस की सरकार तो बन गई, लेकिन उसके साथ ही बांग्लादेश में तबाही का एक दौर भी शुरू हो गया. बांग्लादेश पाकिस्तान की कठपुतली बन गया. वहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा होने लगी. बांग्लादेश में शेख हसीना को लेकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार होने लगा, लेकिन अब पीएम मोदी के सामने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया कि बांग्लादेश को तो ‘पीएम मोदी ही संभालेंगे’.

पत्रकार के सवाल पर डोनाल्ड ट्रंप का जवाब
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान पत्रकार ने डोनाल्ड ट्रंप से सवाल किया कि आप बांग्लादेश को लेकर क्या कहना चाहेंगे? हमने देखा है कि बाइडेन प्रशासन के दौरान कैसे अमेरिका का डीप स्टेट वहां काम कर रहा था. मोहम्मद यूनुस जॉर्ज सोरोस के बेटे से भी मिले थे, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे? इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने जवाब दिया कि बांग्लादेश में हमारे डीप स्टेट की भूमिका नहीं है. यह एक ऐसा मामला है, जिस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से काम कर रहे हैं और इस पर काफी सालों से काम कर चुके हैं. मैं इसको पढ़ रहा हूं. इसलिए मैं बांग्लादेश के मामले को अब प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में छोड़ता हूं.

क्या ट्रंप को सबसे ज्यादा भरोसा पीएम मोदी पर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह बांग्लादेश के सवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर छोड़ा है, उससे लगता है कि एशियाई देशों में ट्रंप को सबसे ज्यादा भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत पर है. बांग्लादेश में तख्तापलट की साजिश में बाइडेन की तरह ट्रंप अपना हाथ नहीं जलाना चाहते. फिर ये जवाब ये भी दिखाता है कि ट्रंप बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल बनाए जाने के पक्षधर नहीं हैं. वो एशियाई देशों के हालात को बेहतर करने की उम्मीद भारत से करते हैं, ना कि चीन से, यानी चीन की स्थिति कमजोर हो सकती है.

बांग्लादेश सरकार की गलत हरकतों का समर्थन नहीं करेंगे ट्रंप
गौरतलब है कि पिछले साल बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था और शेख हसीना को भागकर भारत आना पड़ा था. उसके बाद से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार है, जिसके भारत के साथ संबंध काफी खराब हो चुके हैं. अब ट्रंप के रुख से साफ है कि बांग्लादेश में यूनुस सरकार की गलत हरकतों का वो समर्थन नहीं करेंगे.

मोहम्मद यूनुस के हाथों में बांग्लादेश की बागडोर आने के बाद वहां ये है आलम-

वहां हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं.
बांग्लादेश भारत विरोधी रुख अख्तियार कर चुका है.
जिस बांग्लादेश की मुक्ति भारत के प्रयासों से हुई, वही बांग्लादेश अपना शोषण करने वाले पाकिस्तान के हाथों में खेल रहा है.
जिस शेख मुजीबरुर्हमान ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई. आज सरेआम उनके घर और उनकी प्रतिमाएं तोड़ी जा रही हैं.
मुहम्मद यूनुस की हुकूमत कट्टरपंथी ताकतों के हाथों की कठपुतली बन चुकी है.
भारत पर लगाातार वैश्विक दबाव बनाने की कोशिश हो रही है कि भारत शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंप दे.
यहां तक कि मुहम्मद यूनुस सारा कामधाम छोड़कर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की फैक्ट फाइंडिंग टीम से ये जांच करवाने में जुट गए कि शेख हसीना की सरकार के वक्त बांग्लादेश में विरोधियों पर जुल्म हो रहा था और वो टीम यही काम करती दिख भी रही है.
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी दिखा चुके हैं बांग्लादेश पर सख्ती
वैसे, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने सारा माहौल बदल दिया है. बांग्लादेश को लेकर ट्रंप पहले भी काफी सख्ती दिखा चुके हैं. अपने राष्ट्रपति चुनाव से 5 दिन पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं को जब दीपावली की शुभकामनाएं दी थी तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाली हिंसा की निंदा की थी. उस वक्त ट्रंप ने जो कुछ कहा था उसका निचोड़ यही था कि बांग्लादेश में अराजक माहौल है. उन्होंने ये भी कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति होते तो बांग्लादेश का ये हाल नहीं होता और तब भी उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की थी. अब फिर ट्रंप को पीएम मोदी पर ही यकीन है और अब ट्रंप के रुख से साफ है कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस अब अगर भारत के खिलाफ साजिश रचेंगे तो उनकी ये चाल बांग्लादेश के लिए काफी महंगी पड़ेगी.

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