थूक और अन्य गंदगी: खाद्य व्यवसायियों के लिए उत्तराखण्ड में विस्तृत कार्य-व्यवहार नियमावली जारी,दोषी पर लाख तक जुर्माना

*खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार एफडीए ने जारी की विस्तृत गाईडलाइन, दोषियों पर 25 हजार से 1 लाख रूपये तक का जुर्माना*

*खाद्य कारोबारियों को अपने कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से पहनाना होगा फोटोयुक्त पहचान पत्र, लगाने होगें सीसीटीवी कैमरे -डॉक्टर आर राजेश कुमार*

*मीट कारोबारियों, ढाबे, होटल एवं रेस्टोरैन्ट पर प्रदर्शित होगा कि  मीट हलाल का है या फिट झटका -डॉक्टर आर राजेश कुमार*

*भोजन बनाने और परोसने वाले कर्मचारी अनिवार्य रूप से पहनेंगे फेस मास्क/ ग्लब्स/हेड गियर -डॉ आर राजेश कुमार*

देहरादून 16 अक्टूबर 2024 । उत्तराखंड में खाद्य पदार्थाें में थूक व गंदगी मिलाने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने कड़ा रूख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य में इस तरह की घटनाओं को कतई सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने दोषी व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों की सघन जांच हो और दोषियों को सजा मिले। वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का सीजन आ रहा है, जिसमें सुरक्षा और शुद्धता उनकी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि त्योहारों में किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियां सहन नहीं की जाएगी।

*25 हजार से लेकर 1 लाख रूपये तक का जुर्माना*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव व खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉक्टर आर राजेश कुमार ने विस्तृत एसओपी जारी कर दी है जिसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर 1 लाख रूपये तक के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। आयुक्त डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जूस एवं अन्य खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट एवं अन्य गन्दी चीजों की मिलावट के प्रकरण प्रकाश में आये हैं। यह खाद्य सुरक्षा एव मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना व उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में स्वच्छता एवं सफाई सम्बंधी अपेक्षायें का अनुपालन करना भी अनिवार्य है।

*स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से हो पालन*
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा नियमों का पालन न करने वाले खाद्य व्यवसायियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्राविधानों में दण्डित किये जाने का प्राविधान है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006  सामान्य जन को शुद्ध, स्वच्छ एवं सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के दृष्टिगत राज्य में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, कैण्टीन, फूड वेन्डिंग एजेन्सीज, फूड स्टॉल, स्ट्रीट फूड वेण्डर्स इत्यादि के खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु प्राविधान हैं। इसे लेकर टीमें लगातार छापेमारी अभियान चला रही हैं। सैंपलिंग भरी जा रही हैं। जांच में दोषी पाये जाने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है।

*खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से जारी एसओपी पर एक नजर…*

(1) एसओपी के बारे में जानकारी देते हुए आयुक्त डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य व्यवसायियों के  भोजन बनाने एवं परोसने वाले कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क/ ग्लब्स/हेड गियर का उपयोग करना होगा।

(2) खाद्य प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों को हेन्डल करते समय धूम्रपान, थूकना आदि व डेयरी (दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ) उत्पादों को प्रयोग में लाये जाने से पूर्व व छूने से पूर्व नाक खुजाना बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि हैण्ड हैबिट पर नियंत्रण रखें। इन आदतों से खाद्य पदार्थों में बैक्टीरियल संक्रमण के दृष्टिगत यह नियमों के विरूद्ध है।

(3)-संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को खाद्य निर्माण/संग्रहण / वितरण स्थलों पर कदापि नियोजित न करें। खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य व्यवसायियों का अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण) विनियम, 2011 के अंतर्गत खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिको की सूची चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र सहित उपलब्ध कराने का प्राविधान है। अतः सभी अनुज्ञप्तिधारकों / पंजीकरणधारकों द्वारा तदनुसार विनियम के अनुपालन में अपने समस्त खाद्य कार्मिकों की सूची उनके चिकित्सकीय प्रमाण-पत्रों के साथ कार्यस्थल/प्रतिष्ठान में सदैव रक्षित करना अनिवार्य होगा।

(4)-विगत दिनों हुई उपरोक्त घटनाओं के दृष्टिगत यह निर्देशित किया जाता है कि सभी खाद्य व्यवसायी  खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों को अनिवार्यरूप से फोटोयुक्त पहचान पत्र निर्गत करेंगें, जिसे कार्यस्थल पर प्रतिष्ठान के कार्मिकों को अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना सुनिश्चित करेंगें।

(5)-स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य पदार्थ निर्माण करने वाले कार्मिकों/परोसने वाले कार्मिकों/खाद्य पदार्थ विक्रय करने वाले कार्मिकों को कार्यस्थल पर थूकने एवं अन्य किसी भी प्रकार की गन्दगी फैलाने को प्रतिबन्धित किया जाता है। उक्त विनियम में वर्णित प्रावधानों का उल्लंघन किये जाने पर खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अधीन रू0 25,000 से रू0 1,00,000 तक अर्थदण्ड से दण्डित किया जायेगा।

(6)- उपरोक्त विनियम में वर्णित अनुज्ञप्ति की शर्तों के अनुसार खाद्य व्यवसायी  खाद्य परिसर में उत्पादित अथवा तैयार की गयी किसी खाद्य सामग्री को मल, मूत्र, थूक अथवा किसी अन्य दूषित पदार्थ से प्रभावित नहीं करेंगें।

खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य कारोबार के लिये अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण) विनियम 2011 का विनियम-2.1.2 (5) अनुसूची, 3

(1) प्रत्येक खाद्य व्यवसायी प्रारूप-ग में जारी अनुज्ञप्ति की एक साफ, प्रमुख स्थान पर पठनीय प्रति चिपकायेगा।
(2) प्रत्येक अनुज्ञप्तिधारी यह सुनिश्चित करेगा कि विनिर्दिष्ट उत्पादन से भिन्न अन्य किसी उत्पाद का उत्पादन नही किया जायेगा।
(3) प्रत्येक खाद्य व्यवसायी उत्पादन, कच्ची सामग्री का उपयोग और विक्रय का अलग-अलग दैनिक रिकार्ड रखेगा।

अन्य दिशा-निर्देश-
(1)- अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण प्राप्त किये बिना कारोबार कर रहे खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही कर उन्हें तत्काल अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण से आच्छादित किया जाए। (एफ०एस०एस०एक्ट, 2006 की धारा-58 एवं 63)
(2)- समस्त खाद्य प्रतिष्ठानों यथा ढाबों / होटलों / रेस्टोरेंट्स आदि में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाए।
(3) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पत्र दिनांक 26.12.2022 के अनुपालन में प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट व्यवसायी, होटल एवं रेस्टोरैन्ट विक्रय/प्रस्तुत किये जा रहे मीट एवं मीट उत्पाद के प्रकार यथा हलाल अथवा झटका, का अनिवार्य रूप से प्रकटीकरण करेगें। उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन खाद्य कारोबारकर्ता का स्वयं का तथा अपने प्रतिष्ठान के कार्मिकों से कराने का दायित्व खाद्य व्यवसायी का होगा। उपर्युक्त निर्देशों का प्रदेश के समस्त खाद्य व्यवसायी  कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगें एवं करायेंगें। अनुपालन न किये जाने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 एवं तत्सम्बन्धी विनियमों के सुसंगत प्राविधानों में विधिक कार्यवाही की जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *