दिल के दौरे से बचने को क्या करें?

कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड कंट्रोल तो हार्टअटैक का टेंशन नहीं : डॉ छाजेड़
9 वर्ष पहले

जमशेदपुर. प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बिमल छाजेड़ ने कहा कि बायपास का जमाना गया, अब नेचुरल बायपास से हृदय रोगियों का इलाज हो रहा है। इसमें किसी प्रकार की चीरफाड़ नहीं होती, बल्कि दिल की अतिरिक्त धमनियों को एक्टिव (सक्रिय) कर दिया जाता है, जिससे व्यक्ति बेहतर महसूस करने लगता है और जीवन भर के लिए हार्ट अटैक की आशंका से निश्चिंत हो जाता है।
साओल हार्ट सेंटर के प्रमुख डॉक्टर छाजेड़ गुरुवार को दैनिक भास्कर के नॉलेज सीरीज में बिष्टुपुर स्थित चैंबर भवन में जानिए दिल को कैसे रखें सेहतमंद विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
डॉक्टर छाजेड़ ने शहरवासियों को हृदय रोग से बचाव के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति लगातार 35 दिनों तक रोज 15 मिनट तेज रफ्तार से दौड़ता है, तो उसके दिल की अतिरिक्त धमनियां काम करना शुरू कर सकती हैं।
यह नुस्खा अपनाने से पहले व्यक्ति अपने दिल की वास्तविक स्थिति अवश्य जाने लें कि उसके हृदय में कितना ब्लॉकेज है। 70 प्रतिशत से कम ब्लॉकेज होने पर दौड़ने पर किसी तरह का दर्द या परेशानी नहीं होती है।

प्रकृति के साथ छेड़छाड़ सही नहीं
बकौल डॉक्टर छाजेड़, देखा जा रहा है कि हार्ट अटैक के अधिकतर मामलों में डॉक्टर मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। इससे लोग प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करवाने को तैयार हो रहे हैं, जो गलत है। दूसरे, जब मरीज डॉक्टर के पास गया है, तो उसे बेहतर तरीके से समझाना होगा। डॉक्टर मरीज को मेडिकल लैंग्वेज में बताते हैं, जो समझ से परे होता है।

यूं बना सकते हैं पानी में सब्जी
-पहले चूल्हे पर कड़ाही को गर्म कीजिए। फिर उसमें मसाला डालिए।
-कुछ देर बाद जब मसाला लाल हो जाए, तो प्याज और पानी की कुछ बूंदें डालकर भूनिए।
-प्याज अच्छी तरह भुन जाए, तो दूसरे मसाले डाल सकते हैं। फिर एक-एक चम्मच पानी डालकर भूनते रहिए।
-मसाले पूरा भूनने के बाद टमाटर डालिए। टमाटर से निकले पानी को सूखने तक भुनिए।
-अब सब्जी डाल दीजिए और जैसे तेल में खाना बनाते रहे हैं, वैसे ही बना लीजिए।
नेचर के साथ खिलवाड़ किसी हाल में उचित नहीं
डॉक्टर छाजेड़ ने कहा कि एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी के नाम पर हार्ट अटैक के मरीजों के शरीर में नेचर के विपरीत खिलवाड़ किया जाता है। यह उचित नहीं है। नेचर में यह गुण मौजूद है कि वह घावों को स्वयं भरता है।
हमें नेचर के साथ चलना होगा, इसके विमुख नहीं। डॉक्टरों का उद्देश्य यही होना चाहिए कि बिना चीरफाड़ और ऑपरेशन के हार्ट के मरीजों का इलाज हो।
हर साल हार्ट अटैक से 50 लाख लोगों की मौत
डॉक्टर छाजेड़ के अनुसार, आज मेडिकल साइंस के सक्सेस की बात कह रही है। लेकिन भारत में हर साल हार्ट अटैक से 50 लाख लोगों की मौत होती है। एेसे में इसे सक्सेस नहीं कहा जा सकता। सक्सेस तो पोलियो और स्मॉल पॉक्स के उन्मूलन में हुआ है।
हार्ट अटैक दुनिया की सबसे बड़ी खतरनाक बीमारी है, क्योंकि यह मरीज को मिनटों में ही मार देती है। अगर, इसे समाज से हटाना है तो सबसे पहले इसके कारणों को हटाना होगा।
ईसीजी में ब्लॉकेज का पता नहीं चलता
डॉक्टर छाजेड़ के अनुसार, हार्ट के मरीजों के लिए प्रारंभिक जांच के तौर पर ईसीजी की जाती है। लेकिन इसमें दुविधा है। ईसीजी रिपोर्ट में हृदय के 90 फीसदी से अधिक ब्लॉकेज होने पर ही पता चलता है।
इससे पहले की जांच रिपोर्ट नार्मल बताती है। यही हाल टीएमटी का है। 70 फीसदी ब्लॉकेज के बाद ही टीएमटी बीमारी की पुष्टि करती है। सटीक जांच के लिए सीटी एंजियोग्रॉफी मशीन कारगर है। यह मशीन बिना चीरफाड़ के मात्र दो मिनट में बता देती है कि ब्लॉकेज कितना है।
अपने तनाव पर रखिए काबू सिगरेट-शराब छोड़ दीजिए
डॉ छाजेड़ ने कहा कि देश में 10 करोड़ दिल के मरीज हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक है और हार्ट अटैक के लिए सबसे जिम्मेदार तनाव है। तनाव कई बीमारियों की जड़ है। तनाव से निजात पाने की कोई दवा नहीं है।
इसे मरीज खुद कम कर सकता है। स्वस्थ रहने के लिए सिगरेट-शराब भी छोड़नी होगी। सेमिनार में दैनिक भास्कर के स्थानीय संपादक संजय सिंह समेत पांच सौ से ज्यादा शहरवासी शामिल हुए।
सभी प्रकार के खाद्य तेल हानिकारक
डॉक्टर छाजेड़ ने कहा कि कॉलेस्ट्रॉल व ट्राईग्लिसराइड हमारे हृदय के लिए सबसे अधिक खतरा है। कॉलेस्ट्रॉल जानवरों से मिलने वाले उत्पाद (दूध, मांस आदि) से प्राप्त होता है, जबकि ट्राईग्लिसराइड सभी प्रकार के तेलों में होता है। इसलिए हार्ट अटैक से बचना है तो तेल का सेवन बंद करें और पानी का इस्तेमाल कीजिए।
पानी में भूने मसाले भी उतना ही स्वाद देंगे, जितना तेल वाले। ऐसे में तेल का प्रयोग कर दिल की बीमारी को क्यों न्यौता देना? पानी से पैसे की भी बचत होगी। अगर आप सभी प्रकार के खाद्य तेल और नॉनवेज का सेवन छोड़ दें, तो हार्ट अटैक आपसे हमेशा दूर रहेगा।

एक वर्ष का हेल्थ पाठ्यक्रम, फिर 10वीं की इजाजत
डॉक्टर छाजेड़ के मुताबिक, देश को बीमारियों से बचाने के लिए स्कूल स्तर से हेल्थ एजुकेशन की जरूरत है। अभी देश में बड़ी संख्या में लोगों को बीमारियों के बारे में जानकारी ही नहीं है। कुछ बीमारियों के बारे में बेवजह भ्रम है, तो कुछ मामले में बिना जानकारी लोग लापरवाह बने रहते हैं।
जब तक उन्हें बीमारी का पता चलता है, काफी देर हो जाती है।  डॉक्टर छाजेड़, के अनुसार वे देश के शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के सामने प्रस्ताव ले जाएंगें कि एक वर्ष का विशेष पाठ्यक्रम हो, जिसमें सभी जरूरी जानकारी विद्यार्थियों को दी जाए। यह पाठ्यक्रम करने वाले को ही 10वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाये।

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