नकली सफेद मक्खन,क्रीम ,बटर बर्बाद कर रहा है आपका स्वास्थ्य

ढाबों पर तंदूरी परांठो के साथ सफेद मक्खन में पेट्रोलियम वैक्स भर-भर कर परोसा जाता है। ऐसा नकली सफेद मक्खन 120 Rs किलो मिल जाता है।
दाल मखनी में 45-59% क्रीम + बटर है जो अधिकतम फर्जी फैट से बनती है। मगर यहां की जनता 40 सब्जियां एक तरफ व दाल मखनी अकेली एक तरफ, नाश्ते, लंच, डिनर सबमे खाएंगे।
टॉप 5 सेफ पर एक सर्वे किया गया जिसमें 4 अपनी ही दाल मखनी नही पहचान पाये। कारण: 45-50% क्रीम+ बटर के बाद सब एक जैसी बनती है। यहां ये भी बताती चलूं की ये क्रीम बटर से लदी दाल सेहत के लिए सिर्फ नुकसानदायक नही बल्कि “unsafe” फ़ूड है।
सुंदर चॉकोलेट की कोटिंग पेट्रोलियम इंडस्ट्री से निकले पैराफिन वैक्स से की जाती है ताकि वो देर तक पिंघले नही व चिकनी चमकदार दिखे।
एक जैसा टेस्ट बनाये रखने के लिए वनीला आइस क्रीम फ्लेवर, बादाम फ्लेवर, लेमन फ्लेवर पेट्रोलियम पदार्थों से बनाये जा रहे है।
सेब, किन्नू आदि को ताजा रखने के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी से निकले ओलेस्त्रा/वैक्स यूज़ होता है
फ्रोजन चिकन, पिज़्ज़ा, बिस्कुट, कॉर्न चिप्स, पॉपकॉर्न में बेहद सस्ता पड़ने के कारण चिकना पेट्रोलियम पदार्थ TBHQ मिलाया जाता है।
कुकिंग आयल व घी में मिनरल आयल (पेट्रोलियम चिकनाई) पकड़ी गई थी। मिनरल आयल मिलाने से आपका वनस्पति तेल से बना घी कई साल भी खराब नही होगा।
आटा, अंडे, दूध, चीनी से बने पदार्थ तेजी से खराब होते है। अब अगर कोई इनसे बनी मिठाई, बन, ब्रेड, कूकीज, केक आदि को हफ़्तों फ्रेश रखना चाहते हो तो उसमें रिफाइनरी से निकला मिनरल आयल मिला दो। ऐसी चीजे शोरूम के शीशे के पीछे एक दम झक्कास फ्रेश व चमकदार दिखेगी।
खाना घर का बना हो, मसाले घर लाकर पिसे गये हों, खाने का समान किसान/उत्पादक से खरीदा गया तो कुछ बच जाओगे। खाना, एजुकेशन, इलाज कभी भी व्यापारिक उत्पाद नही होने चाहिए ना ये प्राइवेट हाथों में होने चाहिये।
इस देश में मिलावट के खिलाफ एक कानून Food adulteration Act 1954 में बना था जिसमें जो खाने का समान है उसके अलावा कुछ भी मिलने पर जेल होती थी। उसे खाने की इंडस्ट्री के व्यापारियों ने बदल कर 2006 में फ़ूड सेफ्टी एक्ट करवा कर मिलावट के गेट खुलवा लिये। अब आपकी हल्दी में बेसन मिल गया तो ये adulterated तो है मगर सेफ्टी खतरे में नही। पहले काली मिर्च में पपीते के बीज मिलावट थे अब सेफ्टी को खतरा नही तो सब चलेगा|
खाने में मिलावट मर्डर के बराबर मानी जानी चाहिये मगर यहां सब चलता है।
याद रखना अगर आपका खाना किसी के व्यापार का प्रोडक्ट है तो कोई व्यापारी कम नही कमाना चाहता चाहे आपके बच्चे मर जाये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *