नये कानून: क्या क्या करेंगें नये कानून?

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मॉब लिंचिंग, सेक्स जाल, प्रॉपर्टी जब्त… नए कानून में कितनी सजा, जानें अमित शाह ने क्या-क्या बताया
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव किया जा रहा है जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया है। लाल किले की प्राचीर से कहा था कि पुराने कानून से मुक्ति मिलनी चाहिए और इसी दिशा में काम करना आरंभ किया।

नई दिल्ली 22 दिसंबर: लोकसभा में तीन क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा हुई और इस चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार अंग्रेजों के कानून बदल रही है। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पहली बार आतंकवाद की व्याख्या कर रही है। इसके साथ ही राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि व्यक्ति की स्वतन्त्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं। शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं। जो बदलाव किए गए हैं उससे अब क्या फर्क पड़ेगा।

-CRPC में किसी शिकायत पर एक्शन का कोई समय निर्धारित नहीं था। आप कोई शिकायत देते थे, तो पुलिस उस पर 10 साल बाद भी कार्रवाई कर सकती थी। लेकिन अब तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करनी होगी।

  -आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदल रही है।

  -मॉब लिंचिंग घृणित अपराध । कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान ।

  – यौन हिंसा के मामलों में बयान महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ही लेगी।

– पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला पुलिस अधिकारी के सामने ही अंकित होगा।

  -झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध की श्रेणी में।

  -गैंगरेप में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा

  – छोटे-मोटे अपराधिक मामलों में समरी ट्रायल में तेजी आयेगी। 3 साल तक की सजा वाले मामलों में मजिस्ट्रेट कर सकते हैं समरी ट्रायल

  -सात साल या उससे अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक अनिवार्य होगा।

-10 साल या उससे अधिक, आजीवन एवं मृत्युदंड के दोषी प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किए जा सकेंगे।

  -घोषित अपराधियों की भारत से बाहर की सम्पत्ति को जब्त करने का नया प्रावधान होगा।

गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में यह भी कहा कि नये कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है, उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। शाह ने कहा कि लंबे समय बाद देश की जनता ने एक ऐसी सरकार चुनी है जिसने अपने घोषणापत्र में किए वादों को अक्षरश: लागू किया है।

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