भारत ख़रीदेगा एफ-16?मोदी

 

तेल, गैस से टैरिफ़ तक, मोदी ट्रंप मुलाक़ात की छह बड़ी बातें
मोदी और ट्रंप
द्विपक्षीय वार्ताओं के बाद दोनों नेताओं से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.
14 फ़रवरी 2025,
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद घोषणा की कि भारत व्यापार घाटे को कम करने के लिए अमेरिका से एफ़-35 लड़ाकू विमानों सहित पहले से अधिक तेल, गैस और सैन्य हार्डवेयर खरीदेगा.

लेकिन दोनों देशों की ओर जारी साझा बयान में एफ़-35 विमानों की ख़रीद का कोई ज़िक्र नहीं है. मोदी और ट्रंप के संवाददाता सम्मेलन के बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी कहा है कि फ़िलहाल एफ-35 को ख़रीदना एक प्रस्ताव भर है. इस ख़रीद के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.

लेकिन ट्रंप ने ये भी साफ़ किया कि अमेरिका भारत को ‘पारस्परिक शुल्क’ से नहीं बख्शेगा. हाल ही में पारस्परिक शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ़) का अर्थ खुद ट्रंप ने बताया था.

उन्होंने कहा था, “जितना टैरिफ़ बाक़ी देश अमेरिका पर लगाते हैं, अमेरिका अब उतना ही टैरिफ़ उनपर लगाएगा. न ज़्यादा, न कम”

ट्रंप के साथ बहुप्रतीक्षित मुलाक़ात में नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार पर खुली चर्चा की पेशकश की है और अमेरिका में अवैध रूप से आए भारतीयों को वापस लेने की बात कही है.इसके अलावा एक अहम घोषणा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे मुंबई हमलों के मामले में भारत में वांछित तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करेंगे. अमेरिकी जेल में बंद राणा को अरसे से भारत लाने के प्रयास जारी थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को फ़्रांस से अमेरिका पहुंचे और भारतीय समयानुसार शुक्रवार को तड़के व्हाइट हाउस में उनकी ट्रंप से मुलाक़ात हुई.

दोनों नेताओं ने प्रेस के सामने दिए बयान में तेल-गैस, डिफ़ेंस, टैरिफ़, टेक्नोलॉजी और व्यापार के विभिन्न पहलुओं पर बात की.

प्रेस को संबोधित करते हुए दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार और संबंधों मजबूत किए जाने की बात की.

ट्रंप ने उम्मीद जताई कि भारत अमेरिकी सामान पर टैरिफ़ को तर्कसंगत बनाएगा. साथ ही उन्होंने रक्षा ख़रीद में व्यापक सहयोग के साथ भारत को ‘स्टील्थ फ़ाइटर’ जेट एफ़-35 बेचने की इच

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लेने पर पीएम मोदी ने सहमति जताई है.

व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान नेताओं ने एक दूसरे की तारीफ़ की, जबकि मोदी ने ट्रंप के नारे मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) का ज़िक्र करते हुए कहा, “मेक इंडिया ग्रेट अगेन” और जोड़ा “जब मागा प्लस मागा मिलता है तो यह मिल कर मेगा हो जाता है.”

उन्होंने दोनों लोकतंत्र की “समृद्धि के लिए एक मेगा पार्टनरशिप” की बात कही.

पीएम मोदी ने 2030 तक अमेरिका के साथ व्यापार को दोगुना करने की बात भी कही.

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के बारे में पीएम मोदी ने कहा, “इस मुद्दे पर हमारे विचार एक जैसे हैं और वो यह है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे किसी भी भारतीय का सत्यापन होता है तो हम उन्हें वापस भारत में लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.”

उन्होंने कहा कि कुछ आप्रवासियों को मानव तस्कर लाते हैं और वे ये भी नहीं जानते कि उन्हें अमेरिका ले जाया गया है.

पीएम ने कहा, “ये बहुत आम परिवारों के बच्चे हैं और उन्हें बड़े सपने दिखाए जाते हैं और उनसे बड़े बड़े वादे किए जाते हैं.”

उन्होंने कहा कि ‘आसानी से शिकार बनने वाले उन युवा लोगों’ को बचाने के लिए मानव तस्करी पर शिकंजा कसने की ज़रूरत है, जिन्हें अमेरिका में ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से आने के लिए ‘मूर्ख’ बनाया जाता है.

ट्रंप ने जबसे राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला है, अमेरिका ने एक खेप में अपने सैन्य विमान से बिना दस्तावेज वाले अवैध आप्रवासी भारतीयों को भारत वापस भेजा है.

पिछले हफ़्ते भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, अमेरिका के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि वापस भेजने की प्रक्रिया में भारतीय नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो.

मुंबई 2008 चरमपंथी हमले से कथित तौर पर जुड़े तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की इजाज़त देने के लिए मोदी ने ट्रंप को धन्यवाद दिया.

2. टैरिफ़
ट्रंपइमेज स्रोत,EPA-EFE/REX/Shutterstock
इमेज कैप्शन,एक दिन पहले ही ट्रंप ने दूसरे देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ़ लगाने की बात कही है.
ट्रंप ने 2025 से ही भारत को रक्षा बिक्री बढ़ाने की बात की और कहा, “हम भारत को कई अरब डॉलर की रक्षा बिक्री करेंगे. हम भारत को एफ़-35 स्टील्थ फ़ाइटर जेट मुहैया कराने का तरीक़ा तलाशेंगे.”

प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के एक दिन पहले ही गुरुवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ़ लगाने की बात कही थी.

जब पत्रकारों ने इसके बारे में ट्रंप से पूछा तो उन्होंने कहा, “इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि वह भारत है या कोई और देश, हम उन पर उतना ही टैरिफ़ लगाने जा रहे हैं, जितना वे हमपर लगाते हैं.”

ट्रंप का कहना था कि यह काम करने का प्रशासनिक तरीक़ा है और अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ़ लगाएगा.

उन्होंने कहा, “हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अनुचित और बहुत कड़े टैरिफ़ को घटाने की घोषणा की है, जो भारतीय बाज़ार में अमेरिकी पहुंच को कम करते हैं. और मैं कहना चाहूंगा कि यह बहुत बड़ी समस्या है. ”

ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात को लेकर कहा, “भारत जो भी हम पर शुल्क लगाता है, हम भी उतना ही शुल्क उस पर लगाएंगे.”

टैरिफ़ को लेकर ट्रंप ने कहा, “हमारे सहयोगी दुश्मनों से भी बुरे हैं.”3. तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण
तहव्वुर हुसैन राणाइमेज स्रोत,ANI
इमेज कैप्शन,भारत मुंबई पर हमले के अभियुक्त तहव्वुर हुसैन राणा को प्रत्यर्पित किए जाने की लंबे समय से मांग कर रहा है.
ट्रंप ने कहा कि पूरी दुनिया में इस्लामी चरमपंथ के ख़तरे से निपटने के लिए भारत और अमेरिका इस तरह मिलकर काम करेंगे ‘जैसा पहले कभी नहीं’ हुआ.

मुंबई हमले के साज़िशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का ज़िक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, “यह एलान करते हुए मुझे ख़ुशी हो रही है कि हमारे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे व्यक्तियों में से एक के प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दे दी है.”

उन्होंने कहा, “उन्हें अब भारत में क़ानूनी कार्यवाही का सामना करने के लिए भेजा जाएगा. हम उन्हें तत्काल प्रभाव से भारत को सौंप रहे हैं और हमारे पास कुछ आवेदन और आए हैं और कुछ अन्य लोगों को प्रत्यर्पित किया जाएगा.”

4. नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग
अमेरिकी राष्ट्रपति ने नागरिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भारत-अमेरिकी सहयोग में सकारात्मक प्रगति की बात कही.

उन्होंने कहा, “अमेरिकी परमाणु उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि मिली है. अमेरिकी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के भारतीय बाज़ार में जगह देने के लिए भारत नियमों में सुधार ला रहा है.”

लद्दाख में सीमा पर तनाव के बाद भारत और चीन के संबंधों को ट्रंप सीमा पर हुई झड़प को ‘बहुत भयानक’ बताया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “सीमा पर हुई झड़पें बहुत भयानक हैं… देखना होगा कि मैं इसमें क्या मदद कर सकता हूं.”

उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन, भारत, रूस और अमेरिका एक साथ आएंगे.

भारत-मध्यपूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर ट्रंप ने कहा कि दुनिया में ऐतिहासिक रूप से महान व्यापारिक मार्गों में से एक के निर्माण में मदद के लिए दोनों पक्ष एक साथ काम करने पर राज़ी हुए हैं.

5. डिफ़ेंस, तेल और गैस ख़रीद
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इमेज कैप्शन,अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह और मोदी इस सहमति पर पहुंचे हैं, जो अमेरिका को भारत का नंबर वन तेल और गैस आपूर्तिकर्ता देश बना सकता है.

उन्होंने कहा कि यह भारत के साथ 45 अरब डॉलर के अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने की योजना का हिस्सा है.

ट्रंप ने कहा कि दोनों पक्ष कुल रक्षा साझेदारी को बढ़ाने का निर्णय लिया है.

उन्होंने कहा, “इस साल की शुरुआत से, हम भारत को अरबों डॉलर की रक्षा बिक्री बढ़ाएंगे.”

उन्होंने कहा, “भारत को एफ़-35 स्टील्थ फ़ाइटर विमानों को उपलब्ध कराने का रास्ता तलाश रहे हैं.” एफ़-35 फ़ाइटर जेट को पूरी दुनिया में सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान माना जाता है.

6. बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन
ट्रंप और मोदीइमेज स्रोत,Getty Images
इमेज कैप्शन,ट्रंप से बांग्लादेश में हुए तख़्तापटल में अमेरिकी डीप स्टेट की भूमिका पर सवाल पूछा गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन पर कहा कि इसमें ‘हमारी भूमिका नहीं है.’

ट्रंप से पूछा गया, “आप बांग्लादेश के बारे में क्या कहना चाहेंगे, क्योंकि हमने देखा कि और ये साफ दिखता भी है बाइडन प्रशासन के दौरान कैसे अमेरिका का डीप स्टेट काम कर रहा था? मोहम्मद यूनुस जूनियर सोरोस से भी मिले. आप पूरे परिप्रेक्ष्य में बांग्लादेश के बारे में क्या कहना चाहेंगे?”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “इसमें हमारे डीप स्टेट की भूमिका नहीं है. इस पर पीएम (मोदी) लंबे समय से काम कर रहे हैं.”

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के बीच पाँच अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने देश छोड़ दिया था और वो अभी भारत में रह रही हैं.

इसके बाद बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी. बांग्लादेश की मौजूदा सरकार कई बार शेख़ हसीना को देश वापस भेजने की मांग भारत से कर चुकी है.

भारत न्यूट्रल नहीं, पर…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ड़ोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का भी जिक्र किया.

पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को लगता है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत तटस्थ रहा है, लेकिन ये ग़लत है.

उन्होंने कहा, “भारत शांति के पक्ष में रहा. हमने हमेशा बोला कि दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) को बातचीत करनी होगी.”

नरेंद्र मोदी ने साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को खत्म कराने के पक्ष में कोशिश की तारीफ़ की.

 

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