मानहानि केस: हाईकोर्ट हारने पर अब क्या क्या विकल्प हैं राहुल के सामने?
Rahul Gandhi Gujarat Hc Verdict If No Relief From Sc Then What Is The Option
HC के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत फिर क्या? समझिए अब राहुल गांधी के पास क्या हैं विकल्प
गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने मानहानि केस में दोषसिद्धी पर रोक लगाने की अर्जी खारिज कर दी है। वो अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। लेकिन अभी राहुल गांधी के पास क्या ऑप्शन हैं आइए बताते हैं।
Rahul Gandhi Defamation Case : राहुल गांधी को नहीं मिली गुजरात HC से राहत, सजा रहेगी कायम
नई दिल्ली 08 जुलाई:राहुल गांधी की मानहानि मामले में दोषसिद्धी पर रोक लगाने की अर्जी गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। अब इस फैसले के बाद राहुल गांधी के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता है। सुप्रीम कोर्ट से अगर दोषसिद्धी पर रोक लगती है तभी राहुल गांधी चुनाव लड़ पाएंगे वरना नहीं। कांग्रेसी नेता राहुल गांधी को निचली अदालत द्वारा दो साल के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया था। इसी बीच मामला गुजरात हाई कोर्ट पहुंचा।
…तो हो सकती है सदस्यता बहाल
सूरत की मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद गांधी की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब गुजरात हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की राहुल गांधी की गुहार को खारिज कर दिया है। कानूनी जानकार और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ज्ञानंत सिंह बताते हैं कि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट दोष सिद्धी पर रोक लगा देता है तो फिर उसी आदेश में अयोग्यता करार दिए जाने पर भी रोक का आदेश पारित करना होगा। इस तरह अपील पेंडिंग रहने के दौरान अयोग्यता पर रोक लग जाएगी और सदस्यता बहाल हो सकती है।
अर्जी खारिज होने पर क्या होगा?
एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय बताते हैं कि यह मामला कई संभावनाओं पर आधारित है। अगर हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम रोक नहीं लगाई जाती है और अपील पेंडिंग रहती है तो अगले आम चुनाव में राहुल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अगर अर्जी खारिज हो जाती है और दो साल कैद की सजा बहाल रखी जाती है तो राहुल गांधी दो साल जेल काटेंगे और फिर उसके छह साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। एक संभावना यह है कि अगर राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट दोषी करार देता है लेकिन सजा दो साल से कम कर देता है तो भी राहुल चुनाव लड़ पाएंगे क्योंकि दो साल से कम सजा के मामले में अयोग्यता नहीं होती है।
दोषसिद्धी पर लग सकती है रोक?
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ज्ञानंत सिंह ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धी पर रोक लगाई थी और वह चुनाव लड़ पाए थे। राहुल गांधी केस में भी उस केस का हवाला देकर दोषसिद्धी पर रोक की गुहार लगाई जा सकती है। इस दौरान जमानत की भी मांग होगी। आमतौर पर ऐसे मामले में केस पेंडिंग रहने के दौरान जमानत मिल जाती है और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में केस पेंडिंग रहने के दौरान राहुल गांधी बेल मिल सकती है।
लिली थॉमस केस का प्रभाव?
दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट नवीन शर्मा बताते हैं कि अयोग्यता की जो कार्रवाई हुई है वह लिली थॉमस केस के मुताबिक हुई है। 2013 में लिली थॉमस केस में सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान को निरस्त कर दिया था, जो सांसद और एमएलए को आपराधिक मामलों में दोषी पाए जाने के बाद भी सदस्यता रद्द होने से बचाता था। इसके तहत दोषी पाए जाने वाले सांसद और एमएलए की अपील दाखिल करने के ग्राउंड पर सदस्यता खत्म नहीं होती थी। इसके निरस्त होने के बाद जो भी जनप्रतिनिधि दोषी पाए जाएंगे, उनकी सदस्यता निरस्त हो जाएगी।