वीदेशी मदद से सत्ता की कोशिश में राहुल: रविशंकर प्रसाद

Rahul Wants To Come To Power With Foreign Help, On Trumps Statement, Bjp Said – Our Claim Has Been Confirmed
विदेश की मदद से सरकार में आना चाहते हैं राहुल… ट्रंप के बयान पर बीजेपी बोली- हमारे दावे की पुष्टि हो गई
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि बाइडेन प्रशासन ने भारत में मोदी सरकार को सत्ता में आने से रोकने के लिए विदेशी फंडिंग का उपयोग किया। इस पर बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर विदेशी मदद लेने आरोप की पुष्टि हो गई। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस विदेशी हस्तक्षेप से सरकार में आना चाहती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारत में भूचाल
ट्रंप ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने भारत में सत्ता बदलनी चाही
रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर विदेशी मदद का आरोप लगाया

ट्रंप के बयान पर प्रसाद ने राहुल को घेरा।

नई दिल्ली: भारत में सत्ता परिवर्तन करवाने की बाइडेन प्रशासन की साजिशों के दावे पर राजनीतिक गहमागहमी बढ़ने लगी है। वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे से साफ हो गया है कि विदेशी ताकतें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की वापसी रोकना चाहती थी। उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का नाम लेकर कहा कि उन्हें विदेशों से मदद मिल रही है, अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है।

बीजेपी बोली- राहुल और कांग्रेस पर आरोप की पुष्टि
प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप की USAID फंडिंग पर टिप्पणी ने पीएम मोदी के 2024 के चुनाव प्रचार के दावे की पुष्टि की है कि विदेशी ताकतें उन्हें सत्ता में आने से रोकने की कोशिश कर रही थीं। जब लोग उन्हें (कांग्रेस) वोट नहीं देते, तो वे साजिश रचते हैं, भारत के चुनावों को प्रभावित करने के लिए विदेशी धन का इस्तेमाल करते हैं। वे भारत के लोकतंत्र को बदनाम करते हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’

प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने बार-बार भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विदेशी हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा इस तरह की फंडिंग की पुष्टि ने राहुल गांधी को मिल रही मदद के दावे पर मुहर लगा दी है। प्रसाद ने कांग्रेस के कृत्यों की निंदा करते हुए उन्हें बेहद शर्मनाक और राष्ट्रविरोधी बताया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप के सार्वजनिक बयान ने स्पष्ट रूप से स्थापित किया कि वे भारतीय चुनावों में विदेशी मदद के लिए इसलिए रोते थे क्योंकि उन्हें वोट नहीं मिल रहे थे।’ उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘राहुल गांधी ने सवाल किया था कि अन्य लोकतंत्र (अन्य लोकतांत्रिक देश) भारत में लोकतंत्र पर तथाकथित हमलों के बारे में चिंतित क्यों नहीं हैं। वे विदेशी धरती पर भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रच रहे थे।’

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दावा
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए यूएसऐड के 21 मिलियन डॉलर के अनुदान पर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप का कहना है कि यह पैसा चुनावों को प्रभावित करने और मोदी सरकार की जगह ‘किसी और’ को चुनवाने के लिए था। ट्रंप ने कहा कि वह इस फंडिंग की जानकारी मोदी सरकार के साथ साझा करेंगे। यह मामला 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी उठा था, जब पीएम मोदी ने विदेशी फंडिंग से चल रहे एक षड्यंत्र का जिक्र किया था। तब उन्होंने कहा था कि इसक मकसद उन्हें तीसरी बार सत्ता में आने से रोकना था।

अब ट्रंप के बयान से भारतीय राजनीति में भूचाल आने के संकेत मिल रहे हैं। भाजपा ने हमेशा कांग्रेस के विदेशी संबंधों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जॉर्ज सोरोस की मोदी के प्रति नापसंदगी और ‘डीप स्टेट’ के खिलाफ अभियान का भी जिक्र किया है। एक जांच पोर्टल ने खुलासा किया कि ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को भी यूएसऐड से फंड मिला था। ओसीसीआरपी ने ही पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल पर रिपोर्ट दी थी जिस पर संसद में भारी हंगामा मचा था।

यह पूरा मामला अब एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदलने की ओर अग्रसर है। ट्रंप द्वारा इस मुद्दे पर मोदी सरकार के साथ जानकारी साझा करने की बात कहने से मामला और गंभीर हो सकता है। यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या प्रगति होती है। इस विवाद ने भारत-अमेरिका संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है।
नवीन कुमार पाण्डेय

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