संघ-भाजपा को गुरु बताने पर राहुल के खिलाफ
राहुल गांधी, संघ, गुरु-चेला से चली बात पहुंची ‘रामजादों’ और ‘छुरी’ तक… जब भिड़े भाजपा-कांग्रेस के प्रवक्ता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा-आरएसएस को अपना गुरु बताया है। वह बोले हैं कि इनके हमलों से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है। उनके इस तंज को पकड़ने में भाजपा को समय नहीं लगा। तुरंत इस पर भाजपा की प्रतिक्रिया आई। इसे लेकर न्यूज चैनलों पर भी जमकर बहस शुरू हो गई।
हाइलाइट्स
1-राहुल गांधी ने बताया भाजपा-आरएसएस को गुरु
2-न्यूज चैनलों पर राहुल के बयान का शुरू हुआ विश्लेषण
3-भाजपा और कांग्रेस प्रवक्ता की जमकर हुई नोंकझोंक
नई दिल्ली 31 दिसंबर: राहुल गांधी के एक बयान (Rahul Gandhi latest statement)ने शनिवार को सियासी बवंडर मचा दिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बोले कि भाजपा-आरएसएस उनके लिए गुरु की तरह हैं। इनके हमलों से उन्हें सुधार करने का मौका मिलता है। वह चाहते हैं कि भाजपा-आरएसएस के हमले तेज हों ताकि उन्हें और सीखने-समझने का अवसर मिले। राहुल गांधी के बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राहुल अगर संघ को गुरु मानते हैं तो उन्हें नागपुर जाना चाहिए। इसके बाद तमाम न्यूज चैनलों पर इसका विश्लेषण किया जाने लगा। ऐसी एक चर्चा में भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और कांग्रेस में उनके समकक्ष चरण सिंह सापरा पहुंचे थे। इन संघ-भाजपा से राहुल गांधी ने क्या सीखा, इस पर दोनों की तीखी नोक-झोंक हुई। चर्चा राहुल गांधी, संघ-भाजपा, गुरु-चेला से रामजादे और ‘छुरी तेज करने’ तक पहुंच गई। दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए।
राजनीति में इतना समय गुजारने के बाद भी राहुल गांधी को क्यों आज भी विपक्ष से सीखने की जरूरत पड़ रही है? इस सवाल का कांग्रेस प्रवक्ता चरण सिंह सापरा ने विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपनी बात विनम्रता से रखते हैं। वह विपक्ष पर भी हमले नहीं करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस के लोगों ने टू नेशन थ्योरी को समर्थन दिया था। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले गोडसे आरएसएस और हिंदू महासभा की विचारधारा से प्रेरित थे। भला इस सच से कैसे मुंह मोड़ा जा सकता है। राहुल गांधी का बचाव करते हुए सापरा ने कहा कि हर इंसान जिंदगीभर कुछ सीखता है। राहुल ने सीखने की बात कहकर विनम्रता का प्रदर्शन किया है।
राहुल गांधी पर सुधांशु त्रिवेदी ने ली चुटकी
राहुल गांधी के नए वर्ष पर विदेश न जाने का जिक्र आने पर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने चुटकी ली। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने देश में नया साल मना रहे हैं यह दिखाता है कि उनमें बदलाव आया है। वह निश्चित ही सीख रहे हैं। यह सुखद अनुभूति है कि उनका भारतीयता के प्रति लगाव दिख रहा है। फिर सुधांशु चर्चा में संघ को लाए। उन्होंने कहा कि संघ की बात से कांग्रेस नफरत क्यों करती है। इसका कारण यह है कि संघ जमीनी स्तर पर काम करता है। वनवासी क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियों के खिलाफ सबसे बड़ा संगठन वनवासी कल्याण आश्रम है। यह संघ का है। दलित बस्तियों में काम करने वाला सबसे बड़ा संगठन भी संघ का सेवा भारती है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में भी सबसे बड़ा इंस्टीट्यूशन संघ का विद्या भारती है। सुधांशु आगे लगातार संघ की उपलब्धियों को गिनाते चले गए। उन्होंने कहा कि संघ और बीजेपी तो देश को हमेशा जोड़ना चाहती थी। वो लोग इससे खुश नहीं थे जो देश को बिखरा हुआ देखना चाहते थे। एमवाई, खाम कॉम्बिनेशन को उन्होंने इसका उदाहरण बताया। तमिल-हिंदी को लड़ाकर रखने का भी उन्होंने जिक्र किया। सुधांशु बोले कि आज जब भारत उभर रहा है तो इन्हें डर लग रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने किया पलटवार
पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि डर कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा रही है। राहुल तो पहले दिन से बोल रहे हैं कि डरो मत। सापरा ने आगे कहा कि भाजपा को दूसरों के बारे में बोलने से पहले अपने को देखना चाहिए। रामजादे-हरा…जादे किस व्यक्ति के विचारधारा वाले व्यक्ति ने बोला था। श्मसान और कब्रिस्तान की बात नरेंद्र मोदी ने क्यों की थी? दिवाली और रमजान की बात करके वह क्या कहना चाहते थे? 80-20 की बात योगी आदित्यनाथ ने क्यों की थी? इस तरह के बयानों की लंबी सूची है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का जिक्र कर सापरा ने कहा कि परसो उन्होंने छुरियां तेज करने की बात कही है। आखिर ये विभाजनकारी राजनीति नहीं है तो क्या है। क्या यह नफरत नहीं है। क्या आप प्यार फैला रहे हैं। ‘देश के गद्दारों को गोली मारों … को’ इन्हीं के केंद्रीय मंत्री ने कहा था।