हेलेलुइया

शैलेन्द्र सिंह जी की बाइबल पर लिखी पोस्ट भी पढ़ने लायक है। ये पोस्ट भी कई भाग में लिखी गई है प्रारम्भ के कुछ भाग शेयर कर रहा हूँ

#जेनेसिस_ऑफ़_बाइबल;

#ऐडम और #इव से दुनिया की शुरुआत हुई और ख़ूब विस्तार हुआ #नूह तक सब कुछ ठीक ठाक चला फिर एक बार पाप बढ़ गया और महाप्रलय आयी यह कहानी आप लोगों ने सुनी होगी और कम से कम जो लोग मिशनरीज़ के स्कूल से पढ़कर पास हुए हैं उनको तो कंठस्थ होगी चलिए पूरी बताता हूँ

हाँ तो प्रलय आयी । माने महाप्रलय टाइप की जिसमें कोई नहीं बचने वाला था । तो नूह जी गॉड के फ़रमान से निर्देशित होते थे और उनके निर्देशानुसार एक नाव बनाई । बड़ी सी ज़रूरत का सारा समान लादा। हर प्रजाति का एक जोड़ा लिया और नाव में सवार होकर नूह और उनकी बीवी के साथ निकल पड़े।

बाक़ी मानवता ख़त्म हो गई । आगे का विस्तार, इनके जीवन और वंश के अनुरूप दुनिया बनी ! नूह जी के तीन पुत्र हुए #शेम #हैम और #जेपेथ । अब नूह जी के परिवार की ज़िम्मेदारी उनके ऊपर थी, सो उनको खेती करने का आदेश हुआ ताकि भरण पोषण हो सके

तो साहेब नूह जी ने अंगूर का खेती की और उससे शराब बनाई। बहुत मीठे अंगूर । ऊपर से अंगूरलता की शराब तो साहब नूह जी पी के टल्ली हो गए और नंगे लोट गए ‌। जैसा कि आप अक्सर अपने आस पास के बेवडो को देखते होंगे उसी तरह।

अब जब उ नंगे पंगे नीढाल पड़े हुए थे ,उनके लौंडे हैम ने उनको देख लिया और जाकर हँसता हुआ अपने बाक़ी भाइयों को बताईस । तो सब भाई लोगन ने देखा और दोनो भाई शेम और जेपेथ कपड़ा लेकर पहुँचे और ढक दिया।

जब नूह जी होस में आए तो पता लगा कि ससुर हैम तो बहुत मज़ा लिया। सो उंने कर्स बोले तो शराप दे दिया और हैम भाई शापित हो गए ! शराप से हैम कारिया (काला) हो गए और उनके बच्चों को बाक़ी डोनो भाइयों के बच्चों की ग़ुलामी करनी थी।

अब चूँकि हैम के वंशजों को शेम और जेपेथ के वंशजों की ग़ुलामी करनी थी और पहचानने का तरीक़ा भी महान टाइप का है वह भी देखिए-

तो अब नूह ने अपने पुत्रों को क्षेत्र बाँट दिया।  एशिया रीजन शेम को और उनके वंशज कहलाए शेमेटीज ।अफ़्रीका हैम को मिला और उनके वंशज कहलाए हेमेटीज ।बचे जेपेथ उनको पूरा यूरोप दिया गया और उनके वंशज जेपेथिज कहलाए ! ध्यान रखिएगा ….

हेमेतिज बोले तो ग़ुलाम । काहे कि नूह का आशीर्वाद था कि जेपेथ के ज़रिए विस्तार होगा माने दुनिया में फैलाव और क़ब्ज़ा बाक़ी शेम के ज़रिए गॉड के दूत उतरेंगे और हेमतिज सब तो है है ही ग़ुलामी करने के लिए इनकी।

अब चूँकि बाइबल का आदेश था और नूह का आशीर्वाद तो जेफेथिज लोग दुनिया में छाने लगे ख़ूब विस्तार हुआ। अमेरिका युरप के गोरंग प्रभूओ का जहाँ जहाँ गए सत्ता क़ाबिज़ करते गए।

और सबसे मज़ेदार बात यह कि उनको पहचान्ने में ज़रा सी भी दिक़्क़त न हुई । काहे की हैम के वंशज तो काले होंगे ही और सारे कलवे उनके ग़ुलामी को ही पैदा हुए हैं तो ग़ुलाम बनाओ। अफ़्रीका और अमेरिका के काले गोरे लोग ईसाईयत् की रंगभेद नीति का ही उदाहरण हैं जो अभी हाल तक भी इस अभिशाप से मुक्त न हो सके थे । कुछ फ़ोटोग्राफ़ नीचे देता हूँ जो आपको समझने में दिक़्क़त न हो की कितनी सद्भावना थी।

तो अब जेफेतिज लोग विस्तार करते करते भारत आए अब यहाँ के लोगों को भी उनको अपने में से ही खोजना था की कौन से हैं जेफेथ वाले शेमतिज या ग़ुलाम तो यहाँ समस्या हो गई

काहे की यहाँ वर्ण व्यवस्था बीच में थी और हर रंग के लोग थे गोरे काले सब तब शुरुआत हुई रेस थियारी से तुलना कर समाज को तोड़ने की और भाई लोगों ने ब्रह्मणो को रखा अपने पाले में और बाक़ी कारिया माने जो कलवे थे जो आज के SC/ST OBC हैं इनको रखा हेमेतिज माने ग़ुलाम लोग जिनसे ग़ुलामी करवानी है

बाक़ी का अगले भाग में जाति निर्धारण लिंग भेद नाक की चौड़ाई का आधार और ब्रेकिंग इंडिया फ़ॉर्सेज़ का उदय

सबको आमंत्रण है वामीयो तुम ज़रूर आना और ग़लत साबित करना इसको गोरंग प्रभुओ का कितना अहसानमंद होना चाहिए हमें बताओ

और सुनो कलवे दलित महादलित और पिछड़ा कितना भी धर्म बदल लो रहोगे ग़ुलाम ही इन गोरे ईसाइयों के

#जे_हलेलुइया
✍🏻शैलेंद्र सिंह

#बाइबल ;

#जेनेसिस_ऑफ़_बाइबल पर लिखी गई पोस्ट में बहुत सारे लोगों कीटिप्पणी और प्रश्न को इकट्ठा कर यह पोस्ट लिख रहा हूँ किसी भी लेख को बिना समझे इस क़दर सामने वाले को ग़लत सिद्ध करना एक प्रवृत्ति सी बन गई है

ख़ैर इन सब बातों का जवाब और कुछ प्रश्न को इस लेख में संकलित करने की कोशिश करता हूँ

क्या प्रश्न कर्ताओ को इस बात का इल्म भी है की बाइबल कोई धर्म ग्रंथ है ही नहीं यह महज़ सेमेटिक मज़हबों की अनेक किताबों का संकलन भर है जिसमें कुछ कमांड दी गई हैं सबसे पहले बाइबल शब्द की उत्पत्ति पर आ जाते हैं

बाइबल शब्द बिबिलिया से उत्पन्न हुआ है जो की एक यूनानी शब्द है ऊपर के पैरग्रैफ़ में मैंने मज़हबों शब्द का इस्तेमाल किया है जिसका सीधा सा मतलब एक से अधिक मज़हब है तो जब भी आप बाइबल का ज़िक्र करते हैं तो वह ईसाई और यहूदियों की बहुत सारी मज़हबी पुस्तकों का संकलन होता है

अब इसके दो प्रमुख भाग है एक ओल्ड टेस्टमेंट एंड दूसरा है न्यू टेस्टमेंट ओल्ड टेस्टमेंट मतलब ईसा से पहले का जो भी संकलन है वह ओल्ड टेस्टमेंट है और ईसा के बाद का न्यू टेस्टमेंट है । ओल्ड टेस्टामेंट इस के पूर्व यहूदियों और अन्य पैग़म्बरो का वर्णन है और न्यू टेस्टामेंट में ईसा और दो अन्य पैग़म्बर का ।

अब इस संकलन को महज़ कमांड भर कह देना आसान है लेकिन साबित करना उतना ही मुश्किल है तो इसको समझने के लिए आप एक बात को ध्यान से देख सकते हैं की इसको कमांड कहना क्यूँ चाहिए

समेटिक मज़हब तीन चीज़ों पर निर्भर होते हैं पैग़म्बर नियम और उसके केंद्र में एक ईश्वर की परिकल्पना उस ईश्वर को स्थापित करने के लिए नियम यानी की कमांड बनाई गई हैं जो की पैग़म्बर के द्वारा लोगों को फ़ीड की जाती हैं यहाँ तक की इनकी कोई पूजा पद्धति भी नहीं होती है जैसा की आप धर्म के मामले में देख सकते हैं की एक निश्चित विधि विधान और पूजा पद्धति के बिना धर्म सम्भव नहीं है लेकिन सेमेटिक मज़हब में ऐसा नहीं है

पूजा पद्धतियाँ सेमेटिक मज़हबों में ज़रूरत के हिसाब से बाद में घुसाई जाती है और समय समय पर इसमें बदलाव किया जाता रहा है जैसे की अगर बाइबल की ही बात करेंगे तो लिखित रूप से आने के बाद भी लगभग १९८० तक बाइबल में न्यू टेस्टामेंट के तहत अनेको परिवर्तन किया गया है ताकि भविष्य में इनका उपयोग लोगों को भ्रमित करने के लिए किया जा सके

जैसा पिछले लेख में लिखा था की जेनेसिस ऑफ़ बाइबल को आधार बनाकर जिस प्रकार पूरी दुनिया में क़त्लआम मचाया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जव लूट का काम पूरा हो गया तो इसमें अनेक तरह के बदलाव करके लोगों के सामने एक उदार चेहरा रखने की कोशिश की गई

लेकिन कभी कभी यह सेमेटिक मजहब अपने मूल को स्थापित करने से नहीं भटकते लूट इनका मुख्य उद्देश्य है ही नहीं इनका मूल उद्देश्य है ख़ुद को स्थापित करना जिसके लिए अनेको छल किए जाते रहे हैं और धरमान्तरन का गंदा खेल जारी रहा है

बाक़ी ईसा बहुत उदार हैं ईश्वर महान है

जारी ……….
जे हलेलुइया

जय भवानी
✍🏻शैलेंद्र सिंह

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