अमेठी से “जंगे जिहाद” को तैयार की जा रही थी लडकियां,टार्गेट किलिंग की थी तैयारी

lucknow: Girls Prepared For Jihad Through Book Mujahid Daughters Of Islam A Conspiracy Hatched In Amethi

लड़कियों को’इस्लाम की मुजाहिद बेटियां’ किताब से जिहाद को कर रहे थे तैयार, अमेठी में हुआ था षड़यंत्र
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुजाहिद्दीन आर्मी के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया। खुलासा हुआ है कि हिंदी में लिखी इस्लाम की मुजाहिद बेटियां किताब से मासूमों को बहलाने की कोशिश हो रही है।

लखनऊ 02 अक्टूबर 2025 : यूपी एटीएस ने मुजाहिद्दीन आर्मी के गिरफ्तार पांच सदस्यों से हुई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। ग्रुप के एक सदस्य ने जहनी और जिस्मानी तौर पर मजबूत लड़कियों को जिहाद के लिए तैयार करने के लिए हिंदी में इस्लाम की मुजाहिद बेटियां नाम से किताब लिखी। यह किताब विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से शेयर की जा रही थी। ताकि यह अधिकाधिक लोगों तक पहुंच सके और लड़कियां संगठन के इरादे पूरे करने में काम आ सकें।

एटीएस की पूछताछ में सोनभद्र के रॉबर्टसगंज निवासी सफिल सलमानी ने स्वीकारा कि वह सुलतानपुर निवासी मौलाना अकमल से प्रभावित होकर ग्रुप से जुड़ा और किताब ‘इस्लाम की मुजाहिद बेटियां’ लिखी। इस किताब में इस्लामी बेटियों को जिहाद को तैयार करने की बात कही गई है। एटीएस को सफिल सलमानी के मोबाइल फोन में यह किताब पीडीएफ फॉर्मेट में मिली है।

अमेठी में हुई थी ग्रुप की मीटिंग
एटीएस की पड़ताल में सामने आया है कि मुजाहिदीन आर्मी ग्रुप के लोगों की बैठक अमेठी में हुई थी। इसमें ग्रुप के जुटाए गए फंड, हथियारों व अन्य तैयारियों को लेकर गहन चर्चा हुई थी। साथ ही ग्रुप की टारगेट किलिंग के टारगेट को लेकर भी चर्चा हुई थी। पूछताछ में अकमल रजा ने स्वीकार किया कि उसने ये ग्रुप बनाए और उनमें मुजाहिदीनों को जोड़कर एक ‘जंग-ए-जिहाद’ की योजना बनाई थी। उसके मोबाइल से कई आपत्तिजनक चैट और ग्रुप मिले है,जिनमें देश के खिलाफ हिंसात्मक गतिविधियों की योजना बनाई जा रही थी।

एजुकेशनल व चैरिटबेल ट्रस्ट से लोगों को जोड़ रहा था अकमल
एटीएस की पूछताछ में सामने आया है कि सुलतानपुर का मौलाना अकमल रजा बरेलवी मसलक की अतिवादी विचारधारा का है। वह अपनी मसलक के लोगों के लिए फैजान-ए-रजा एजुकेशनल व चैरिटबेल ट्रस्ट चलाता है और जलसों में तकरीरें करता है। अकमल के मोबाइल फोन में एटीएस को तहफूज ए-नामूस-ए-रिसालत फाउंडेशन ट्रस्ट (टीएनआरएफटी) मेंबर्स खादिम, तहरीक-ए-लब्बैक इंडिया व खातमा-ए-गुस्ताख-ए-रसूल व मशविराग्रुप और महफिल इ मुशावीरत नाम से व्हाट्सएप ग्रुप मिले हैं।

इनसे ही ये लोग जिहादी विचारधारा फैला रहे थे। पता चला है कि इन ग्रुपों में देश-विरोधी संदेश,ऑडियो चैट और वीडियो साझा किए जा रहे थे। इन ग्रुपों में हथियारों के लिए धन एकत्र करने की योजना बनाई जा रही थी।

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