अवैध घुसपैठियों की वापसी में अब मिलट्री यान लैंडिंग पर आपत्ति

US से डिपोर्ट भारतीयों को लेकर आया C-17 प्लेन पंजाब में उतरा, दिल्ली में क्यों नहीं? जानिए अंदर की बात

US Illegal Indian Immigrants Return: अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 100 से अधिक भारतीय प्रवासियों को लेकर एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट बुधवार को पंजाब के अमृतसर में उतरा. आमतौर पर ऐसी उड़ानें देश की राजधानी नई दिल्ली में लैंड कराई जाती हैं.

US से डिपोर्ट भारतीयों का प्लेन दिल्ली के बजाय पंजाब में क्यों उतरा? जानें वजह
100 से अधिक निर्वासित भारतीय प्रवासियों को लेकर आया अमेरिका का एक सैन्य विमान बुधवार दोपहर को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा.
मुख्य बिंदू
अमेरिका से डिपोर्ट भारतीयों को C-17 मिलिट्री प्लेन में भेजा गया.
नई दिल्ली के बजाय, विमान ने पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड किया.
Indians Deported From the US: अमेरिकी वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर बुधवार दोपहर 104 अवैध भारतीय प्रवासी लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद इन सभी को डिपोर्ट किया गया था.अमृतसर से सांसद और कांग्रेस नेता गुरजीत औजला ने विमान अमृतसर में उतारे जाने पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लोकसभा में इस पर चर्चा की मांग का नोटिस देते हुए पूछा कि प्लेन दिल्ली में क्यों नहीं उतारा गया? उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए X पर लिखा, ‘शर्मनाक और अस्वीकार्य! मोदी सरकार ने भारतीय अप्रवासियों को बेड़ियों में जकड़े हुए विदेशी सैन्य विमान से वापस भेजने की अनुमति दी. कोई विरोध क्यों नहीं? वाणिज्यिक उड़ान क्यों नहीं? विमान दिल्ली में क्यों नहीं उतरा? यह हमारे लोगों और हमारी संप्रभुता का अपमान है. सरकार को जवाब देना चाहिए!’

कांग्रेस के जालंधर कैंट विधायक परगट सिंह ने कहा कि पंजाब के मुकाबले गुजरात समेत दूसरे राज्यों से ज्यादा निर्वासित लोग हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा, “जब पंजाब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मांग करता है, तो पंजाब को आर्थिक लाभ से वंचित करने को केवल दिल्ली हवाई अड्डों को अनुमति दी जाती है. लेकिन जब बदनामी की कहानी गढ़ने की बात आती है, तो एक अमेरिकी निर्वासन उड़ान पंजाब में उतरती है – भले ही ज्यादातर निर्वासित लोग गुजरात और हरियाणा से हों.”

वापस लाए गए 104 भारतीय किन राज्यों से?

डिपोर्ट लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात , तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश तथा दो चंडीगढ़ से हैं.
निर्वासित लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग हैं.
सभी लोगों से एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग के भीतर पंजाब पुलिस और अलग-अलग राज्यों की पुलिस के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने पूछताछ की, ताकि पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है.
शाम करीब 6.45 बजे निर्वासितों को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पंजाब से पुलिस की गाड़‍ियों में उनके  गृहनगर ले जाया गया. मूल रूप से हरियाणा के अवैध अप्रवासियों को राज्य पुलिस उनके मूल स्थानों पर ले गई. निर्वासितों को उनके मूल स्थानों पर ले जाने को संबंधित राज्य सरकारों ने व्यवस्था की थी.
दिल्ली के बजाय अमृतसर क्यों उतरा विमान?

औजला ने X पर विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग करते हुए C-17 प्लेन दिल्ली के बजाय अमृतसर में उतारे जाने की वजह पूछी. सोशल मीडिया पर कई और लोगों को भी यह गले नहीं उतरा. कुछ ने यह भी सवाल उठाया कि जब विमान में सबसे ज्यादा लोग गुजरात से थे तो प्लेन वहां क्यों नहीं भेजा गया. औजला ने भी अपने नोटिस में इस बात का जिक्र किया.

US मिलिट्री के प्लेन को अमृतसर में उतारे जाने को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक वज‍ह नहीं बताई गई है. विमान में सवार अधिकांश लोगों के एक ही भौगोलिक क्षेत्र से होने से प्लेन को यहां उतारने का फैसला किया गया हो. उत्तर भारत में दिल्ली और अमृतसर के एयरपोर्ट ही ऐसी फ्लाइट्स की लैंडिंग में सक्षम हैं. एक वजह 5 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव की वोटिंग भी संभव है. ऐसी उड़ानों के लिए बड़े पैमाने पर सिक्योरिटी बंदोबस्त करने पड़ते हैं.

हाथ-पैर बांधकर वापस भेजे गए भारतीय घुसपैठिए 

अमेरिकी दूतावास बोला- इन एलियंस को…
अमेरिका में अवैध प्रवासी घोषित 104 भारतीय नागरिक भारत वापस भेज दिये गये है. अमेरिकी सैन्य विमान में इन सभी भारतीयों को अपराधियों की तरह हाथ-पैर बांधकर भारत लाया गया. भारतीय नागरिकों को इस तरह वापस भेजना भारत में बहस का विषय बना है. इसी बीच नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास से बयान जारी किया गया .

डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही अमेरिका ने अवैध प्रवासी घोषित 104 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा. अमेरिकी सैन्य विमान में ये सभी भारतीय अपराधियों की तरह हाथ-पैर बांधकर भारत लाये गये. विमान की लैंडिंग पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर हुई. अमेरिका से भारतीय नागरिकों को इस तरह से वापस भेजना भारत में बहस का मुद्दा बना . विपक्षी दल नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं. नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास से अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीय नागरिकों को लेकर बयान आया है.

अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि, जो भी अमेरिका में अवैध तरीके से घुसेगा, उसे वापस भेजा जाएगा. अमेरिका में इमिग्रेशन कानून लागू करना राष्ट्रीय सुरक्षा और लोगों की सुरक्षा को बहुत जरूरी है.

अमेरिकी दूतावास के बयान में डोनाल्ड ट्रंप की तरह अवैध प्रवासियों को ‘एलियंस’  कहा गया. बयान में कहा गया कि इन अवैध एलियंस (प्रवासियों) को देश से निकालने को इमिग्रेशन कानूनों का ईमानदारी से पालन अमेरिकी की नीति है.

अमेरिका के मिलिट्री प्लेन से भारत आने वाले कुल 104 भारतीय नागरिकों में 79 पुरुष और 25 महिलाएं और 13 बच्चे हैं. बुधवार  दोपहर 1.59 बजे यह प्लेन अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हो गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका से वापस भेजे गए इन भारतीयों को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था. ये भारत से वैध तरीके से गये थे लेकिन इन्होंने डंकी रूट से अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी.

विवादों में ट्रंप का सैन्य विमान से प्रवासियों को वापस भेजने का फैसला

अमेरिका में चुनाव जीतने के बाद से ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासन के मामले में कड़ा रुख अपनाए हुए हैं. ट्रंप लगातार कह रहे हैं कि, अवैध प्रवासियों को डिटेंशन सेंटर न भेजकर वह उन्हें जल्द से जल्द उनके देश वापस भेजना चाहते हैं. पिछले साल दिसंबर में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कहा था कि, वह नहीं चाहते हैं कि यह अवैध प्रवासी हमारे यहां 20 सालों तक कैंपों में रहें. वह इन सभी लोगों को उनके देश वापस भेजेंगे और इन देशों को अपने नागरिकों को वापस लेना भी होगा.

खास बात है कि, अमेरिका में अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने को कभी सैन्य विमानों का इस्तेमाल नहीं हुआ था. ऐसा करना सिविल प्लेन से कई गुना महंगा भी पड़ता है. इसके बावजूद  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खर्च की चिंता नहीं की. उन्होंने अमेरिकी आर्मी विमानों से ही अवैध प्रवासी वापस भेजने बेहतर समझा. यूएस आर्मी के विमान अभी तक भारत समेत ग्वाटेमाला, पेरू, हैंडर्स और इक्वाडोर तक अवैध प्रवासियों को छोड़ने जा चुके हैं.

कहा जा रहा है कि अवैध प्रवासियों को अपराधियों की तरह हाथ-पैर बांधकर वापस भेजकर ट्रंप दुनिया को संदेश देना चाहते हैं कि वह अवैध प्रवासन के मामले में बहुत कठोर है. सिविल विमानों से अवैध प्रवासियों की वापसी बेशक ट्रंप सरकार के लिए कम खर्च में पड़ती लेकिन उसका प्रभाव कम रहता.

अमेरिकी सैन्य विमानों से प्रवासियों को उनके देश वापस भेजना काफी ज्यादा प्रभावशाली होगा. अमेरिका का कड़ा संदेश पूरे विश्व को जाएगा कि अगर उनके देश में कोई अवैध घुसपैठ करता है तो उसका क्या हाल हो सकता है.

कुछ दिनों पहले ट्रंप ने कहा था कि, इतिहास में ऐसा पहली बार है कि जब अमेरिका सरकार इन ‘अवैध एलियंस’ को सैन्य विमानों में वापस भेज रही है. सालों से जो लोग हमें मूर्ख समझकर हंस रहे थे, अब वह फिर से हमारा सम्मान करना शुरू कर देंगे.

हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप का अवैध प्रवासियों को इस तरह से वापस भेजने का फैसला विवादों में है. कोलंबिया समेत कई देशों ने ट्रंप के इस फैसले पर नाराजगी भी जताई. कोलंबिया ने ट्रंप सरकार का यह फैसला न मान नागरिक वापस लेने को अपने सिविल विमान अमेरिका भेजे. कोलंबिया ने साफ कह दिया कि वह नहीं चाहता है कि यूएस आर्मी विमान से उनके नागरिक वापस आएं. कोलंबिया ने अपने सिविल विमान अमेरिका भेजे जिसमें सम्मान के साथ उसके नागरिक देश वापस आए.

भारतीयों की अमेरिका से इस तरह से वापसी को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की पूरी कोशिश कर रही हैं. समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव से लेकर शशि थरूर तक, कई नेताओं ने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *