आतंकी संगठन AQIS की मुखिया निकली झारखंड की शमा परवीन
इंस्टाग्राम पर युवाओं को रेडिक्लाइज करती थी… झारखंड की शमा परवीन कैसे बनी अलकायदा के टेरर मॉड्यूल की लेडी बॉस!
गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि आतंकी शमा परवीन को भारत में AQIS (Al-Qaeda in the Indian subcontinent) की मुख्य कर्ता-धर्ता है. वह पूरे मॉड्यूल को चला रही थी. 30 साल की ये लड़की बेहद रेडिक्लाइज और इसका खतरनाक तरीके से ब्रेनवॉश किया गया है.
नई दिल्ली/अहमदाबाद,30 जुलाई 2025, अल कायदा की 30 वर्षीय महिला आतंकी शमा परवीन को खतरनाक तरीके से रेडिक्लाइज किया जा चुका है. शमा परवीन झारखंड है. उसे गुजरात ATS ने कर्नाटक के बेंगलुरु से पकड़ा है. शमा पाकिस्तान से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से सीधे संपर्क में थी और चार से पांच ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल संचालित कर रही थी. शमा परवीन को भारत में AQIS (Al-Qaeda in the Indian subcontinent) का मुख्य कर्ता-धर्ता बताया जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि शमा परवीन कथित तौर पर पूरे मॉड्यूल की संचालक थी. शमा कर्नाटक में पूरा मॉड्यूल खुद हैंडल कर रही थी.
अभी गुजरात एटीएस ने शमा परवीन की एक मात्र फोटो जारी की है. इसमें शमा परवीन बुरका पहने है और मात्र उसका चेहरा दिख रहा है. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए कहा कि गुजरात पुलिस ने ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल तोड़ने में सफलता पाई है. मामले में चार आरोपित पहले ही पकड़े जा चुके हैं. इनसे पूछताछ के बाद इस महिला आतंकी को एटीएस ने कर्नाटक से दबोचा है।
गुजरात एटीएस के अनुसार शमा परवीन पाकिस्तान के टेरर आकाओं से सीधे संपर्क में थी. ये आतंकी पांच टेरर मॉड्यूल पर काम कर रहे थे. एटीएस के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से शमा परवीन के पाकिस्तानी कनेक्शन का पता चला है.
इंस्टाग्राम से ब्रेनवॉश
गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने शमा परवीन की पकड़ पर कहा कि 22 जुलाई को पकड़े गए आतंकी एक इंस्टा अकाउंट के संपर्क में थे. इनके तीन और अकाउंट पर कनेक्शन थे. इस अकाउंट के काफी फॉलोअर्स थे. बेंगलुरु से शमा परवीन यह अकाउंट चला रही थी. इस अकाउंट से लड़कों को ब्रेनवॉश कर उन्हें रेडिक्लाइज किया जाता था. मकसद भारत में मजहबी हिंसा फैलाना था.
डीआईजी सुनील जोशी ने कहा कि कर्नाटक की स्थानीय पुलिस की मदद से शमा परवीन पकड़ी गई है. उसे ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात लाया गया है. उन्होंने कहा कि शमा काफी पाकिस्तानी लोगों से संपर्क में थी. इसके अलावा उसका दूसरे देशों के लोगों के साथ भी संपर्क था जिसकी जांच चल रही है.
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि परवीन बेहद रेडक्लाइज है. यानी उसे खतरनाक तरीके से ब्रेनवॉश किया गया है. शमा परवीन फिलहाल बंगलौर में रहती थी. इसका सोशल मीडिया अकाउंट लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था. इससे एजेंसियों को कुछ सुराग मिलने की उम्मीद है.
अल जवाहरी के चेले की फैन थी शमा परवीन…
शमा परवीन सोशल मीडिया से जिहाद को युवाओं के दिमाग में ज़हर घोल रही थी. मकसद भारत को अंदर से तोड़ना, दंगों की आग और कट्टरपंथी सोच को हवा देना.
आतंकी नेटवर्क का खौफनाक मकसद
अल कायदा इंडिया सबकॉन्टिनेंट (AQIS) की महिला आतंकी शमा परवीन के नेटवर्क का मकसद भारत में धार्मिक आधार पर तनाव और हिंसा, कट्टरपंथी सोच को हवा दे शांति भंग करना था.
असीम उमर से प्रभावित थी शमा
अल कायदा इंडिया सबकोंटिनेंट (AQIS) मॉड्यूल की सरगना शमा AQIS के चीफ रहे मौलाना असीम उमर उर्फ सनाउल हक से बेहद प्रभावित थी. मौलाना असीम उमर के भड़काऊ बयान सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर लोगों का ब्रेन वॉश कर रही थी.
कौन था मौलाना असीम उमर उर्फ सनाउल हक?
साल 2014 में अल कायदा चीफ अल जवाहिरी ने AQIS का चीफ मौलाना असीम उमर बनाया था. मौलाना उमर उत्तर प्रदेश के संभल का था, जो 90 के दशक में पाकिस्तान और फिर अफगानिस्तान चला गया था. 2019 में अफगानिस्तान में आसिम उमर अमेरिकी फौज ने मार गिराया था. लेकिन उसके बयान सोशल मीडिया पर मौजूद हैं. उसकी आवाज उसके बयान लोगों को आतंकी बनने को उकसाते हैं. शमा समेत नोएडा, दिल्ली, गुजरात से गिरफ्तार सभी आतंकी मौलाना असीम उमर के बयान न सिर्फ सुन रहे थे बल्कि सोशल मीडिया पर लगातार शेयर भी करते थे.
आतंकी षडयंत्र की मास्टरमाइंड शमा
आतंकवाद की खतरनाक षडयंत्रों की मास्टरमाइंड शमा गुजरात ATS के शिकंजे में है. सिर पर हिजाब पहने उसकी एक तस्वीर सामने है. वह अलकायदा के बड़े मॉड्यूल की कमान संभाले युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकवाद की तरफ धकेल रही थी.
एजेंसियों को मिले डिजिटल प्रमाण
शमा परवीन के पास से जो डिवाइसेज़ बरामद हुए हैं, उनमें पाकिस्तान से उसके सीधे संपर्क के सबूत मिले हैं. उसके नेटवर्क में पाकिस्तान के अलावा दूसरे देशों के लोग भी शामिल हैं. जिनकी जांच अब एजेंसियां कर रही हैं. ATS का मानना है कि यह नेटवर्क बेहद खतरनाक है, जो डिजिटल माध्यम से भारत में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहा था.
ऐसे हुआ शमा के नाम का खुलासा
करीब एक हफ्ता पहले दिल्ली, नोएडा और गुजरात से AQIS से जुड़े चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. उनसे जब पूछताछ की गई, तो शमा परवीन का नाम सामने आया. उसके बाद गुजरात ATS उसकी तलाश में लग गई थी. वह बेंगलुरु में छिपकर रह रही थी और सोशल मीडिया पर अपने नेटवर्क को संचालित कर रही थी.
कनेक्शन खंगाल रही है एटीएस
ATS की जांच में ये सामने आया कि शमा परवीन फिलहाल बेंगलुरु में अकेली रह रही थी. उसका सोशल मीडिया अकाउंट जांच के रडार पर था. पूछताछ में यह भी सामने आया कि उसके और भी कई संदिग्धों से ऑनलाइन संपर्क हैं, जिनकी अब तलाश की जा रही है.
आतंकी प्लान को किया नाकाम
30 वर्षीय शमा परवीन एक कॉमर्स ग्रेजुएट है. उसके अलकायदा के नेटवर्क से जुड़े होने की जानकारी मिलते ही गुजरात ATS ने उसे पकड़ने की कार्रवाई तेज कर दी थी. अब तक AQIS से जुड़े पांच आतंकी पकड़े जा चुके हैं. माना जा रहा है कि ATS ने एक बड़े आतंकी प्लान को वक्त रहते नाकाम कर दिया है.
सोशल मीडिया को बनाया था हथियार
इस आतंकी मॉड्यूल ने सोशल मीडिया को ब्रेनवॉश का हथियार बना रखा था. युवाओं को धार्मिक कट्टरपंथ की तरफ मोड़ने के लिए भड़काऊ संदेश, नफरत फैलाने वाले पोस्ट और वीडियो इस्तेमाल किए जाते थे. ATS अब शमा परवीन के तमाम सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाल रही है ताकि नेटवर्क के बाकी सदस्यों तक पहुंचा जा सके.
पांच इंस्टाग्राम अकाउंट्स का खुलासा
शमा परवीन की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि AQIS मॉड्यूल से जुड़े लोग पांच इंस्टाग्राम अकाउंट्स के जरिए हिंसक और भड़काऊ कंटेंट फैला रहे थे. इन अकाउंट्स से राष्ट्रविरोधी बातें, कट्टरपंथी विचार और पाकिस्तान से बातचीत के प्रमाण मिले हैं. सोशल मीडिया के जरिए ही यह आतंकी नेटवर्क तैयार किया जा रहा था.
सीधे संपर्क से बचती थी शमा
ATS को पूछताछ में पता चला है कि शमा दिल्ली से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद नामक आतंकी के सबसे ज्यादा संपर्क में थी. शमा सोशल मीडिया पर सीधे संपर्क से बचती थी और फर्जी आईडी का इस्तेमाल करती थी. ATS को उसके पास से मोबाइल और लैपटॉप भी मिला है, जिनसे कई अहम सुराग मिल सकते हैं.
घरवालों को नहीं पता शमा की करतूत
शमा परवीन झारखंड की मूल निवासी है. उसके परिवार को उसकी इस कट्टरपंथी प्रवृत्ति की कोई जानकारी नहीं थी. वह खुद को बहुत सामान्य और शांत स्वभाव की महिला के रूप में पेश करती थी, ताकि उस पर किसी को शक न हो.
आतंकी साजिश में महिलाओं की एंट्री
शमा की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि यह दिखाता है कि आतंकी संगठन अब महिलाओं को भी एक्टिव रोल में शामिल कर रहे हैं. शमा जैसी रेडिकल महिलाएं आतंकियों के एजेंडे को फैलाने का माध्यम बन रही हैं. अब गुजरात ATS उसके संपर्क में आए बाकी लोगों की तलाश कर रही है.
खुफिया तरीके से काम करता था नेटवर्क
यह पूरा नेटवर्क बेहद खुफिया तरीके से काम कर रहा था. पहले की तरह बम धमाकों जैसी साजिशें नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए सोच और विचारों पर हमला किया जा रहा था. इनका मकसद था भारत में शरिया लागू करने की बातें फैलाना, लोकतंत्र के खिलाफ उकसाना और लोगों को जिहाद के नाम पर कट्टर बनाना था।
चार संदिग्धों की पकड़ से जुड़ा लिंक
बता दें कि शमा परवीन की पकड़ का कनेक्शन हाल में देश में गिरफ्तार चार हाई प्रोफाइल आतंकियों से जुड़ा हुआ है.शमा परवीन की पकड़ 23 जुलाई को हुई कई गिरफ्तारियों के बाद हुई है. सुरक्षा एजेंसियों ने 20 से 25 साल की उम्र के चार संदिग्ध आतंकियों को गुजरात, दिल्ली और नोएडा से पकड़ा था. यें मोहम्मद फरदीन, सैफुल्लाह कुरैशी, जीशान अली और मोहम्मद फैक भी AQIS से जुड़े हैं.
अधिकारियों का दावा है कि ये सोशल मीडिया ऐप से एक-दूसरे के संपर्क में थे और उन्हें पूरे भारत में हाई-प्रोफाइल टारगेट दिए गए थे. इनसे मिले इनपुट से ही शमा परवीन पकड़ी गयी है.
अधिकारियों का दावा है कि ग्रुप के सीमा पार के अपने आकाओं के संपर्क में थे.
एटीएस अधिकारियों के अनुसार दहशतगर्दों का ये मॉड्यूल किसी स्थान या व्यक्ति को निशाना बनाने के अलावा लोगों को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने को भी काम कर रहा था. ये लोग सोशल मीडिया से लोगों को ब्रेनवॉश करते थे और भारत में शरिया लागू कर लोकतंत्र खत्म करने और भड़काऊ संदेशों से लड़कों को उकसाते थे.
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अल कायदा
आतंकवाद विरोधी दस्ता ATS

