आरजी कर अस्पताल रात्रि हमले को किसने भेजी भीड़?, धरे गए 25जन

Kolkata Doctor Case Becoming Mystery Where Did Goons Come From To Attack
रहस्य बन रहा कोलकाता केस! हमला करने कहां से आए थे 7000 गुंडे… लिस्ट में कैब ड्राइवर, डिलीवरी बॉय का भी नाम
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बुधवार और गुरुवार के बीच रात को हुई तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने कई युवकों पर एक्शन लिया है। इनमें ऐप-कैब ड्राइवर, दुकानदार, फूड डिलीवरी बॉय और कई बेरोजगार युवा शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, ये युवक अस्पताल के पास की झुग्गियों में रहते हैं

14 अगस्त की रात हुआ था प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर हमला
हमला करने वाली भीड़ में शामिल थे 5000 से 7000 लोग
पुलिस ने CCTV के आधार पर कुछ लोग पकड़े

नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 8 अगस्त की रात जो कुछ हुआ, वो बेहद शर्मनाक है। एक जूनियर डॉक्टर के साथ पहले दुष्कर्म हुआ और इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर सड़कों पर हैं। लेकिन, इससे भी ज्यादा लज्जाजनक घटना, 14 अगस्त की रात तब हुई, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज के बाहर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। विरोध जताते इन डॉक्टरों पर एक भीड़ ने हमला किया। ये भीड़ मामूली नहीं थी। भीड़ में करीब सात हजार लोग शामिल थे। अब सवाल ये है कि डॉक्टरों पर हमला करने आखिर इतनी बड़ी संख्या में ये गुंडे कहां से आए थे?

कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस की छानबीन में ऐसे कई सवाल हैं, जो अभी तक रहस्य बने हैं। 14 की रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाहर डॉक्टर शांति से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। तभी एक भीड़ आई और इन डॉक्टरों पर हमला कर दिया। मामले में पुलिस ने गुरुवार को बताया कि हमला करने वाली भीड़ में पांच से सात हजार लोग शामिल थे। भीड़ ने ना केवल डॉक्टरों पर हमला किया, बल्कि हॉस्पिटल परिसर में तोड़फोड़ भी की। वहीं, इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर जिन लोगों की सूची बनाई है, उनके नाम भी चौंकाने वाले हैं। पुलिस की इस लिस्ट में एक महिला सहित 25 लोगों के नाम हैं।

सीसीटीवी के आधार पर पकड़ा
आरजी कर हॉस्पिटल के बाहर बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात को हुई तोड़फोड़ के बाद कोलकाता पुलिस ने कई युवक पकड़े हैं। इनमें ऐप-कैब ड्राइवर, दुकानदार, फूड डिलीवरी बॉय और कई बेरोजगार युवा हैं। पुलिस के अनुसार ये युवक अस्पताल के पास की झुग्गियों में रहते हैं और सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे हैं। पुलिस ने आधिकारिक तौर पर 25 लोगों को बंदी करने की बात कही है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने कई और युवक उठाये है।

स्थानीय लोग दे रहे पुलिस का साथ
कोलकाता की बेलगछिया, सरकार बागान, दत्ताबागान, सौदागरपट्टी, पाइकपारा, कोसीपुर, चितपुर और सिंथी की झुग्गियों में रहने वाले लोगों ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को कई युवक उठाये और कई की तलाश में अभी भी छापेमारी कर रही है। बड़ी बात ये है कि इस बार स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद भी की है। उन्होंने उन युवकों की पहचान करने में पुलिस का साथ दिया है,जिनकी तस्वीरें पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं। स्थानीय लोगों का मानना है कि अस्पताल पर हमला राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा था। उनका कहना है कि डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को बंद कराने को यह हमला किया गया था।

टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ साजन का संपर्क
पुलिस के बंदी एक युवक शेख साजन के परिजनों ने बताया कि वह बुधवार शाम मोमबत्ती जुलूस में शामिल होने की बात कहकर घर से निकला था। पुलिस गुरुवार को उसकी तलाश में आई, तो हम चौंक गए। तब उसने माना कि हां वो तोड़फोड़ करतु उस भीड़ में था। साजन के परिजनों का ये भी कहना है कि वह लोकल टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ उठता-बैठता था, लेकिन राजनीति में एक्टिव नहीं था।

ऑनलाइन बिजनेस करने वाले पोल का भी नाम
पुलिस ने पोल घोष नाम के एक और युवक को भी गिरफ्तार किया है। पोल के परिवार वालों ने बताया कि वह 15 अगस्त को सुबह करीब 3.30 बजे रैली में शामिल होने की बात कहकर घर से निकला था। उन्होंने बताया कि वो अपने दोस्तों और उनकी पत्नियों के साथ रैली में भाग लेने की बात कहकर गया था। जब हमने तोड़फोड़ की बात सुनी तो पोल को फोन किया। उसने कहा कि वो एक घंटे में घर आ जाएगा। पोल के परिजनों को बाद में पुलिस का फोन आया और उन्हें थाने बुलाया गया। जब ये लोग पहुंचे तो पोल पहले से ही हवालात में बंद था। पोल के पिता का कहना है कि उनका बेटा किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। उसका अपना ऑनलाइन बिजनेस है।

कई इलाकों में पुलिस की छापेमारी
इसी तरह बेलगछिया निवासी तनवीर आलम भी बुधवार शाम से लापता है। तनवीर घर से यह कहकर निकला था कि वो किसी जरूरी काम से जा रहा है। पुलिस ने बेलगछिया की झुग्गियों में छापेमारी की और कई युवकों को पकड़ा है। इनमें फैजल, शाहरुख, कासिम, सरफराज और रेहान के नाम शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस ने पाइकपारा के दत्ताबागान में भी छापेमारी की है, लेकिन वहां कोई पकड़-धकड़ नहीं हुई है। एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इस भीड़ को हमला करने किसने वहां भेजा था?

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