उत्तरकाशी सुरंग अपडेट: ये रहे आधा दर्जन विकल्प और उनकी सीमायें और खतरे
उत्तरकाशी में नए प्लान के नए … पढ़ें- मलबा गिरने के खतरे और बारिश की आशंका पर क्या बोले एक्सपर्ट
एक्सपर्ट्स ने बताया कि हम हॉरिजेंडल और वर्टिकल ड्रिलिंग एक साथ करने पर विचार कर रहे हैं. हम इस बात की निगरानी करेंगे कि क्या वर्टिकल ड्रिलिंग के कारण अधिक मलबा गिर रहा है. उसी आधार पर फैसला लिया जाएगा. वहीं, IMD ने अगले 3 दिन तक बारिश की संभावना जताई है।
रेस्क्यू टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी है
उत्तरकाशी,26 नवंबर 2023,.उत्तरकाशी के सिलक्यारा में 41 जिंदगियां 12 नवंबर से फंसी हुई हैं.उन्हें निकालने के प्रयास जारी है. हर दिन अलग-अलग दावे आ रहे हैं. वहीं, सुरंग के मलबे में फंसे बरमा मशीन के कुछ हिस्से काटने और निकालने को आज हैदराबाद से प्लाज्मा कटर भेजा गया है.फिर से बचाव अभियान शुरू करने को मशीन पूरी तरह से हटाना जरूरी है. इसमें बचाव मार्ग बनाने को पाइपों को मैन्युअल रूप से धकेलना भी शामिल है.वर्टिकल ड्रिलिंग को ड्रिल मशीन का एक हिस्सा भी सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर भेजा गया है. भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स का इंजीनियर ग्रुप, मद्रास सैपर्स की एक यूनिट भी रेस्क्यू को साइट पर पहुंची.
एक्सपर्ट्स ने बताया कि हॉरिजेण्टल और वर्टिकल ड्रिलिंग एक साथ करने का विचार हैं. इसकी निगरानी होगी कि क्या वर्टिकल ड्रिलिंग से अधिक मलबा गिर रहा है.उसी आधार पर फैसला लिया जाएगा.सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए दवाइयां और पट्टियां भेज दी गई हैं.
सिलक्यारा में तीन दिन बारिश के आसार
उधर, उत्तरकाशी में मौसम में बदलाव के कारण रेस्क्यू टीम को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि IMD ने अगले 3 दिन तक बारिश की संभावना जताई है. आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार 26 से 28 नवंबर के बीच बादल छाए रहेंगे और बारिश की भी संभावना है.
ऑगर मशीन का 15 मीटर पार्ट सुरंग से निकाला
राज्य के नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन हिस्सा सुरंग में टूटकर मलबे में फंस गया था.जिसका 15 मीटर पार्ट निकल पाया है.अब 13.09 मीटर हिस्सा बचा है,जिसे निकाला जाना है.अनुमान लगाया जा रहा है कि ऑगर मशीन के इस हिस्से को कल सुबह तक निकाला जा सकेगा.इसके बाद मैनुअल तरीके से मलबा निकाला जाएगा. फिर पाइप को आगे की ओर धकेला जाएगा.
15 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कंप्लीट
वहीं, NHIDCL के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने बताया कि कल से दो-तीन विकल्पों पर काम होगा. SJVNL भी ड्रिलिंग कर रही है.15 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग हो चुकी. कुल 86 मीटर ड्रिलिंग होनी है.100 घंटे में ड्रिलिंग का लक्ष्य है. साथ ही परपेंडिकुलर और हॉरिजेंटल ड्रिलिंग पर भी विचार हो रहा है. ये ड्रिलिंग 180 मीटर तक होनी है, जो प्रतिदिन 12 मीटर के हिसाब से हो पायेगी.पहाड़ की चोटी पर 2 जगह पर वर्टिकल ड्रिलिंग हो रही है.दोनों जगहों पर 14 मीटर की दूरी पर ड्रिलिंग शुरू हुई है.बचाव को भी अब चौड़ी मशीन से वर्टिकल ड्रिलिंग हो रही है। विकल्प रुप में ऑगर के ब्लेड्स काटे गये, इसलिए इतना समय लग रहा है. अब उसका समाधान निकाला गया है. एक लेजर कटर और प्लाज्मा कटर से अब उसे काटा जा रहा है.
पाइप का साइज छोटा करने पर भी विचार
महमूद अहमद ने बताया कि कटिंग में कल सुबह तक का समय लग सकता है। तब आगे की तैयारी होगी.हाथ से मलबा निकालना भी मुश्किल होगा.पाइप में घुसकर लोग जाकर देखेंगे कि आगे किस तरह का मलबा है और फिर उसे काटकर पाइप अंदर ले जाने का रास्ता साफ करेंगे.फिर मशीन पाइप को अंदर की तरफ दबाएगी.अगर 800 मिलीमीटर की पाइप को अंदर नहीं दबा पाए तो उसकी जगह पतली 700 मिलीमीटर चौड़ी पाइप अंदर दबाई जाएगी, जिसको देसी और विदेशी एक्सपर्ट यहां हैं.मामूली बाधाएं आ रही हैं लेकिन हमारे पास सारी सुविधाएं हैं.हमने बैकअप प्लान भी शुरू किया है.
86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग होगी
SVNL को 1.2 व्यास की ड्रिलिंग को कहा गया है.15 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी हो गई है.86 मीटर ड्रिलिंग होनी बाकी है.अगले 2 दिन में ड्रिलिंग पूरी हो जाएगी.एक मशीन 45 मीटर तक ड्रिल कर सकती है,इसलिए यहां दूसरी मशीन भी रखी गई है. 4 दिन यानी 100 घंटे के बाद SVNL 86 मीटर ड्रिल करेगी.
काम पूरा होने में लगेंगे 15 दिन
RVNL भी 180 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग करेगा.मशीनें आ गई हैं.यहां फिलहाल कंक्रीट प्लेटफॉर्म अभी तक नहीं बन पाया है.BRO ने RVNL की खुदाई के लिए और जगह बना ली है.यह ड्रिल 28 नवंबर से शुरू होगी.यह प्रतिदिन 12 मीटर ड्रिल करेगा और मिशन को पूरा करने में 15 दिन लगेंगे.फिर यह बाधाओं पर निर्भर करता है.वहीं, इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि अब तक की प्रगति शानदार है.प्लाज्मा कटर ने मलबे में फंसे बरमे के हिस्से काटने की गति बढ़ा दी है.बरमे को उस रास्ते से पूरी तरह बाहर निकालने का काम चल रहा है जहां वह फंसा हुआ है.