उत्तरकाशी सुरंग अपडेट 26 नवं.: वर्टिकल ड्रिलिंग 15मी. से आगे बढ़ी, मैनुअल ड्रिलिंग भी शीघ्र
वर्टिकल ड्रिलिंग से 15 मीटर आगे बढ़ी रेस्क्यू टीम, जल्द शुरू होगी मैन्युअल ड्रिलिंग
Uttarkashi Tunnel Rescue Update: वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए 15 मीटर आगे बढ़ी रेस्क्यू टीम, जल्द शुरू होगी मैन्युअल ड्रिलिंग
मुख्य बिंदु
सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को निकालने की कोशिश जारी
एक पखवाड़े से टनल के अंदर फंसे हैं मजदूर
घटनास्थल पर पहुंचे फंसे मजदूरों के परिजन
सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों की जान जोखिम में है। रेस्क्यू की राह में कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। जो मशीनें खोज बचाव को देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में बदहाल सड़कों की कठिनाइयां झेलनी पड़ रही है। फिर भी रेस्क्यू जारी है, जल्द ही मजदूर बाहर आएंगे…
उत्तरकाशी 26 नवंबर। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने को बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) चल रहा है। पखवाड़े भर से टनल में फंसे श्रमिकों का रेस्क्यू जारी है लेकिन ड्रिलिंग के लगातार अवरुद्ध होने से देरी हो रही है। हालांकि मजदूरों का स्वास्थ्य ठीक है और उन्हें पाइप से खाना पहुंचाया जा रहा है।
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान के लेटेस्ट व नये अपडेट :- ..
15 मीटर से अधिक पूरी हुई वर्टिकल ड्रिलिंग
वर्टिकल ड्रिलिंग 15 मीटर से अधिक पूरी हुई। अभी चार दिन का समय और लगेगा। दूसरी तरफ प्लाज्मा कटर से औगर का फंसा पार्ट काटा जा रहा। कल तक यह काम पूरा हो जाएगा। साथ ही सुरंग के बाकी हिस्से पर मैनुअल ड्रिलिंग में ट्रेंचलेस के श्रमिक मोर्चा संभालेंगें। आर्मी को ड्रिफ्ट टनल का काम दिया गया, जो मलबे के भाग से सुरंग के दाएं भाग से शुरू किया जाएगा।
नागपुर से कोल इण्डिया लिमिटेड की टीम भी पहुंची सिलक्यारा उत्तरकाशी, कैप्सूल कर रही डिजाइन
सिलक्यारा खोज बचाओ अभियान में नागपुर से कोल इण्डिया लिमिटेड की टीम भी सिलक्यारा उत्तरकाशी पहुंची है। यह टीम वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद श्रमिकों को बाहर निकलने वाले कैप्सूल का डिजाइन कर रही है। इस टीम में चार विशेषज्ञ आए हैं।
सुरंग में फंसे मजदूरों को लंच में भेजे गए दाल, चावल, रोटी व सब्जी
बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक चार किमी लंबी सड़क बना रही बीआरओ
बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक करीब 4 किलोमीटर लंबी सड़क बनाना बीआरओ ने शुरू कर दिया है। बीआरओ के ओसी मेजर नमन ने बताया कि बड़कोट की ओर से बीआरओ ने करीब 1 किलोमीटर की सड़क तैयार कर दी है। आगे सड़क बनाई जा रही है। बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य ओएनजीसी को सौंपा गया है। इससे पहले बीआरओ ने सिलक्यारा की तरफ 1.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण 48 घंटे में किया।
मैनुअल ड्रिलिंग के लिए उत्तरकाशी पहुंची सेना की विशेष टीम
सिलक्यारा टनल में मैनुअल ड्रिलिंग को सेना की विशेष टीम उत्तरकाशी पहुंची। साथ ही मुंबई में सीवर साफ करने वाली कंपनी से भी टीम बुलाई गई है। मैनुअल ड्रिलिंग में दोनों टीमें अग्रणी भूमिका में रहेंगी।
मैन्युअल ड्रिलिंग में सहयोग करेगी आर्मी, सुरंग में पहुंचाई गई नैनो जेसीबी
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने को मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी है। इसको एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे काट कर निकाले जा रहे हैं। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी 201 इंजीनियरिंग रेजीमेंट को दी गई है। रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मैन्युअल ड्रिलिंग में आर्मी सहयोग करेगी। इंजीनियरिंग रेजीमेंट ने एक नैनो जेसीबी भी सुरंग में पहुंचाई है। यह जेसीबी खुदान के दौरान वाइब्रेशन कम करेगी। आशा है कि सोमवार तक मैनुअल ड्रिलिंग शुरू हो जायेगी।
सिलक्यारा सुरंग के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई BRO अधिकारी के वाहन
सिलक्यारा सुरंग के पास बीआरओ के किसी अधिकारी के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना। बताया जा रहा है कि अधिकारी सुरंग क्षेत्र की तरफ आ रहे थे।
युद्ध स्तर पर जारी है बचाव अभियान, कुछ मीटर की दूरी पर हैं मजदूर
सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन से 15 दिन से 41 मजदूर फंसे हैं। एक पखवाड़े से खोज बचाव टीम बचाव अभियान जारी रखे है। इस बीच कई बाधाएं आयी। इन बाधाओं से निपटने में खोज बचाव टीम युद्धस्तर पर जुटी रही। अब भारतीय सेना के जांबाज भी दुर्घटनास्थल पहुंच गए हैं और कार्य तेजी से जारी है। मजदूरों तक पहुंचने में मात्र कुछ ही मीटर की दूरी है।
मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी, आर्मी इंजीनियरिंग टीम को दी गई जिम्मेदारी
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने को मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी है। इसको एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे काटकर निकाले जा रहे हैं। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी आर्मी इंजीनियरिंग टीम को दी गई है।
होरिजेंटल ड्रिलिंग में बैकअप प्लान के लिए मंगाई गई मैग्ना कटर
होरिजेंटल ड्रिलिंग में बैकअप प्लान को ओएनजीसी ने विजयवाड़ा के पास नरसिंहपुर से मैग्ना कटर मशीन भी मंगाई जो 4000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पैदा करती है। सुरंग में फिलहाल प्लाज्मा कटर मशीन से औगर मशीन का बेकार हिस्सा काटकर निकाला जा रहा है। जरूरत पड़ी तो मैग्ना कटर का इस्तेमाल होगा। मैन्युअल ड्रिलिंग को विशेष कंपनी के लोगों को बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने श्रमिक के परिजन से की मुलाकात
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर निवासी श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे।
जल्द शुरू होगी मैन्युअल ड्रिलिंग
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने को भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी।
हैदराबाद से लाई गई प्लाज्मा मशीन से कार्य शुरू- मुख्यमंत्री धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हैदराबाद से लाई गई प्लाज्मा मशीन ने काम शुरू कर दिया है। कटाई तेजी से चल रही है। अब कुल 14 मीटर की दूरी शेष बची हुई है जो अगले कुछ घंटों में पूरी हो जाएगी। उसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू होगा।
ऑगर से पेंच काटने में जुटी टीम
उत्तरकाशी में बचाव टीम ऑगर से पेंच काट रही है। इसमें तेजी लाने को इंजीनियरिंग समूह लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) से बचाव टीम को प्लाज्मा मशीन मिली है। इस मशीन को एलएंडटी का क्रिस कूपर कहा जाता है।
सिलक्यारा में वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर असमंजस की स्थिति है। सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड अधिकारी बस इंतजार में हैं। वर्टिकल ड्रिलिंग को पाइल ड्रिलिंग मशीन शनिवार देर रात को ही सुरंग की ऊपरी पहाड़ी पर चैनेज 300 पर पहुंच चुकी थी,जबकि इस पर असेंबल होने वाले कई पार्ट अब तक नहीं पहुंचे। इस स्थिति पर एसजेवीएन लिमिटेड अधिकारियों ने नवयुग कंपनी के प्रति नाराजगी भी दिखाई। असेंबल किए जाने वाले पार्ट पहुंचाने को पहले शनिवार रात का समय दिया गया था।
DRDO के उपकरण के साथ सेना ने देहरादून को भरी उड़ान
उत्तरकाशी में चल रहे बचाव अभियान की आवश्यकताएं देखते हुए कल देर शाम भारतीय वायुसेना ने डीआरडीओ के महत्वपूर्ण उपकरण के साथ देहरादून को उड़ान भरी।
बेंगलुरु से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर,जल्द शुरू होगा बचाव
सिलक्यारा सुरंग में फैंस 41 श्रमिकों को दो सप्ताह हो गये है। श्रमिकों को निकालने के लिए खोज बचाव टीम जुटी हुई है। बेंगलुरु से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर देर रात को पहुंच गया है, जिसकी सेटिंग हो रही है।