उत्तराखंड आबकारी नीति में जनभावनाओं का भी ध्यान,धर्मस्थलों से दूर होंगी दुकानें

*नई आबकारी नीति 2025 – निवेश, रोजगार और राजस्व के नए आयाम।*

*राज्य के धार्मिक क्षेत्रों के निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापन बंद करने का लिया गया निर्णय ।*

*वित्तीय वर्ष 2025-26 को 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य*

*ओवररेटिंग की शिकायत सही मिली तो दुकान का लाइसेंस होगा रद्द*

*नई आबकारी नीति 2025 को कैबिनेट ने दी मंजूरी।*

देहरादून 03 मार्च 2025 । उत्तराखंड की नई आबकारी नीति 2025 में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापन बंद करने का निर्णय लिया गया है। जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए, शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जायेगा। उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था समाप्त की गई है। नई आबकारी नीति में किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी mrp लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।

*वित्तीय वर्ष 2025-26 को 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य*

पिछले दो वर्षों में आबकारी राजस्व में राज्य में काफी वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

*पर्वतीय क्षेत्रों की वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में मिलेगी छूट ।*

नई आबकारी नीति में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगें। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने को राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे कृषकों और बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा। मदिरा उद्योग में निवेश प्रोत्साहित करने को निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।

*स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी द्वारा प्रयोग करने के लिए किया जा रहा है प्रोत्साहित ।*

आबकारी नीति के में नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं से दुकानें आवंटित की जाएंगी। आवंटन प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनायी गयी है। स्थानीय कृषि उत्पाद उपयोग करने को डिस्टिलरियों (आसवनी इकाइयों) को प्रयोग करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें नए बाजार उपलब्ध होंगें। आबकारी नीति-2025 में जनसाधारण को मदिरा के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक बनाने के विशेष अभियान चलाने की व्यवस्था है। नई आबकारी नीति प्रदेश में आर्थिक सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

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