उत्तराखंड: बजट उपयोग में खाद्य नागरिक आपूर्ति उत्तम, आपदा प्रबंधन सर्वाधिक निष्कृष्ट

 

उत्तराखंड के ये 5 विभाग बजट उपयोग में पिछड़े, अब होगी कटौती  GOVERNMENT DEPARTMENT BUDGET
अगले बजट से पहले सरकारी विभागों के इस वित्तीय वर्ष में खर्च हुए बजट परफॉर्मेंस की जांच, कंजूस विभागों को उठाना पड़ेगा नुकसान
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उत्तराखंड बजट खर्च

देहरादून (धीरज सजवाण): उत्तराखंड में इन दिनों अगले बजट की तैयारी हो रही है. लेकिन उससे पहले इस वित्तीय वर्ष के बजट खर्च को लेकर वित्त विभाग ने अपनी नजर टेढ़ी कर दी है. वित्त विभाग सभी विभागों के बजट खर्च के परफॉर्मेंस को बारीकी से जांच रहा है.

अब तक 52 विभागों ने नए विकास कार्यों में खर्च किए 6217 करोड़: किसी भी राज्य में विकास का एक पैरामीटर उस राज्य द्वारा पूंजीगत विकास यानी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में किया जाने वाला एक्सपेंडिचर बजट खर्च एक बड़ा मानक होता है. उत्तराखंड में लगातार वित्त विभाग पूंजीगत विकास में बजट खर्च को लेकर के विभागों पर जोर दे रहा है.

उत्तराखंड के सरकारी विभागों का बजट परफ़ॉर्मेंस
विभागों का बजट खर्च परफॉर्मेंस: इस वित्तीय वर्ष के लिए उत्तराखंड सरकार ने 89,230 करोड़ का बजट विधानसभा में पास किया था. साल 2024 खत्म हो चुका है और अगर लेटेस्ट बजट खर्च के फिगर के अगर बात की जाए, तो अब तक कैपिटल एक्सपेंडिचर में उत्तराखंड सरकार के 52 डिपार्टमेंट ने प्रस्तावित 15,854 करोड़ में से सिर्फ ₹6217 करोड़ खर्च किए हैं, जोकि प्रस्तावित बजट का लगभग 41.85 फीसदी है. यह लगभग पिछले वित्तीय वर्ष की इस समय की स्थिति जैसा ही है. यह फिगर 1 अप्रैल 2024 से 7 जनवरी 2025 तक का है.

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इन विभागों का बजट 500 करोड़ से ज्यादा है
इन विभागों का भारी भरकम बजट: उत्तराखंड सरकार के बजट पर अगर नजर दौड़ाई जाए, तो सरकार के कुछ ऐसे महत्वपूर्ण विभाग हैं जिन पर नव निर्माण और विकास कार्य की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. ऐसे में सरकार के हैवीवेट बजट यानी 500 करोड़ से ज्यादा का प्रस्तावित बजट रखने वाले विभागों की बात की जाए तो वो इस तरह हैं-

हैवीवेट बजट वाले विभाग

ग्रामीण विकास विभाग- प्रस्तावित बजट 1632 करोड़

लोक निर्माण विभाग- प्रस्तावित बजट 1440 करोड़

सिंचाई विभाग- प्रस्तावित बजट 1380 करोड़

ऊर्जा विभाग- प्रस्तावित बजट 1281 करोड़

शहरी विकास- प्रस्तावित बजट 774 करोड़

खाद्य आपूर्ति विभाग- प्रस्तावित बजट 613 करोड़

आपदा प्रबंधन विभाग- प्रस्तावित बजट 596 करोड़

पेयजल निगम- प्रस्तावित बजट 572 करोड़

बजट खर्च में बेस्ट परफॉर्मर विभाग: अपने प्रस्तावित बजट में से अधिक से अधिक बजट को रिलीज कराकर और उसे खर्च करना यह माना जाता है कि वह कार्य पूरे हो गए हैं और बजट खर्च हुआ है. यानी विकास कार्य हुए हैं. ऐसे में अगर सबसे ज्यादा बजट रखने वाले विभागों में बजट खर्च के मामले में सबसे अच्छा काम करने वाले विभागों की बात करें तो वह इस तरह से हैं-

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बजट खर्च करने वाले टॉप 5 विभाग

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने प्रस्तावित बजट 613 करोड़ में से 98.51% बजट खर्च किया है

खेल विभाग ने प्रस्तावित बजट 100 करोड़ में से 92.40% खर्च कर लिया है

शहरी विकास विभाग ने प्रस्तावित बजट 774 करोड़ में से 64.48% बजट खर्च किया है

कृषि विभाग ने अपने प्रस्तावित बजट 68 करोड़ में से 64.12% खर्च कर लिया है

लोक निर्माण विभाग यानी PWD ने अपने प्रस्तावित बजट 1440 करोड़ में से 62.84% बजट खर्च किया है

बजट खर्च में कंजूस विभाग: बजट खर्च करने के मामले में आपदा प्रबंधन विभाग सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हुआ है. उसके बाद पर्यटन विभाग भी कम बजट खर्च कर सका है. वन और ऊर्जा निगम ने भी कम बजट खर्च किया है. समाज कल्याण विभाग भी बजट खर्च करने के मामले में लो परफॉर्मर है.

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इन विभागों ने कम बजट खर्च किया
बजट खर्च में फिसड्डी 5 विभाग

आपदा प्रबंधन विभाग जिसका प्रस्तावित बजट 596 करोड़ का है, लेकिन केवल 29 प्रतिशत  खर्च हुआ है
पर्यटन विभाग का प्रस्तावित बजट 259 करोड़ रुपए है, विभाग ने केवल 30% खर्च किया है
वन विभाग भी बजट खर्च के मामले में पीछे है. 129 करोड़ के बजट में से फॉरेस्ट विभाग ने केवल 30% ही खर्च किया है
राज्य के पावर सेक्टर में भी प्रस्तावित बजट 1281 करोड़ का है, लेकिन अभी तक केवल 40% ही खर्च किया गया है
समाज कल्याण विभाग का भी 158 करोड़ का बजट है, जिसमें से केवल 8.26% ही खर्च हुआ है
लो परफॉर्मर विभागों के आने वाले बजट में होगी कटौती: वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि-

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वित्त सचिव ने ये कहा
‘इन दिनों आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. सभी विभागों से बजट के लिए प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं, जिनकी समीक्षा भी अब शुरू कर दी गई है. फरवरी में केंद्रीय बजट आने के बाद केंद्रीय बजट से काफी हद तक साफ हो जाता है कि केंद्र से किस तरह की मदद राज्य को मिलने वाली है. उसके बाद ही राज्य अपना बजट लेकर आता है.’
-दिलीप जावलकर, वित्त सचिव, उत्तराखंड-

बजट खर्च की हो रही समीक्षा: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि-

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वित्त मंत्री का बयान
‘इस वित्तीय वर्ष में बजट खर्च को लेकर सभी विभागों की समीक्षा की जा रही है. यह देखा जा रहा है कि कौन सा विभाग अपने बजट खर्च के परफॉर्मेंस में अच्छा कर रहा है. वहीं जो विभाग अपना कैपिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट अच्छे से खर्च नहीं कर रहा है, उसके आगामी आने वाले बजट में कटौती की जाएगी.’
-प्रेमचंद अग्रवाल, वित्त मंत्री, उत्तराखंड-

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