उत्तराखंड में सात नये कोरोना मरीज,11 ठीक हो लौटे घर
उत्तराखंड में कोरोना: सोमवार को मिले सात नए संक्रमित, 11 मरीज ठीक होकर घर लौटे
बीते 24 घंटे में किसी भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 11 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिलाकर 330315 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
उत्तराखंड में सोमवार को सात कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि 11 मरीज स्वस्थ हुए हैं। अब कुल संक्रमितों का आंकड़ा 344050 पहुंच गया है।
देहरादून जिले में सबसे अधिक संक्रमित मिले
देहरादून 15 नवंबर2021. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सोमवार को तीन जिलों में 11 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। देहरादून जिले में सबसे अधिक चार संक्रमित मिले हैं। वहीं हरिद्वार में एक और नैनीताल जिले में दो संक्रमित मरीज मिले हैं।
बीते 24 घंटे में किसी भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 11 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिलाकर 330315 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 173 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। प्रदेश की रिकवरी दर 96.01 प्रतिशत और संक्रमण दर 0.9 प्रतिशत दर्ज की गई है।
उत्तराखंड महोत्सव में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा बढ़ाने के लिए शुरू किया गया टीकाकरण महाअभियान निर्धारित लक्ष्य से आधे पर ही सिमट गया। हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि शत प्रतिशत टीकाकरण शीघ्र पूरा किया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से उत्तराखंड महोत्सव पर आठ नवंबर से टीकाकरण महाअभियान शुरू किया गया था। यह टीकाकरण महाअभियान 14 नवंबर तक जनपद भर में चला।
प्रत्येक दिन 15 हजार कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य
अभियान के दौरान हर दिन डेढ़ सौ से लेकर पौने दो सौ तक कोरोना टीकाकरण केंद्र बनाए जाते थे। जिसमें प्रत्येक दिन का 15 हजार का लक्ष्य कोरोना टीकाकरण का रखा गया था। सात दिन का लक्ष्य एक लाख पांच हजार निर्धारित किया गया था। ताकि कोरोना की प्रथम डोज से वंचित लोगों के साथ ही दूसरी डोज भी अधिक से अधिक लोगों को लगाई जा सके। मगर 15 हजार का लक्ष्य सप्ताह के एक भी दिन पूरा नहीं हो सका।
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड महोत्सव में 56 हजार लोगों को ही टीकाकरण किया जा सका है। ऐसे में अपने एक लाख पांच हजार के टारगेट से स्वास्थ्य विभाग 49 हजार टीकों से पीछे रह गया है। हालांकि, स्वास्थ्य का कहना है कि अभियान के दौरान टीकाकरण का आंकड़ा बढ़ा है, क्योंकि सामान्य दिनों में पांच हजार के आसपास ही औसतन टीकाकरण हो पा रहा था।
टीकाकरण की नोडल अधिकारी डाक्टर कोमल सिंह का कहना है कि लोगों से अपील की जाती है कि वह अधिक से संख्या में टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचकर टीके लगवाएं। इससे उन्हें कोरोना को देश से जड़ से समाप्त किया जा सकेगा।
देहरादून में धीमी हुई वैक्सीनेशन की रफ्तार, घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग देगा वैक्सीन
देहरादून में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, प्रतिदिन 11 हजार लोगों को ही दूसरी डोज लग रही है. हालांकि, वैक्सीन मेले के दौरान ये रफ्तार 200 फीसदी तक बढ़ गई थी.
राजधानी देहरादून में वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने वाले लोगों में भारी कमी आई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, प्रतिदिन मात्र 11 हजार लोगों को ही दूसरी डोज लग रही है. हालांकि दीपावली के मौके पर वैक्सीनेशन मेले के आयोजन किया गया था, जिसमें दूसरी डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या में करीब 200 प्रतिशत का उछाल आया था.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, देहरादून में वर्तमान में सिर्फ प्रतिदिन 11 हजार दूसरी डोज ही लग रही है. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि अगर इस तरह से दूसरी डोज लगती रही तो दिसंबर माह के अंत तक लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अब प्रतिदिन करीब 15 हजार दूसरी डोज लगाने का लक्ष्य पूरा करने की कोशिश करेंगे. इसके लिए अब घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का काम किया जाएगा.
देहरादून में धीमी हुई वैक्सीनेशन की रफ्तार
सीएमओ मनोज कुमार उप्रेती ने बताया कि वैक्सीनेशन को लेकर हमारी तरफ से जागरूकता की कमी नहीं है. हम पूरी कोशिश से वैक्सीनेशन का प्रसार-प्रचार कर रहे हैं. लेकिन हमारे सामने कई परेशानियां आ रही है. जैसे कि पहली डोज के समय अपने घर आए कई लोग कोरोना के केस कम होने के कारण अपनी नौकरी के लिए रवाना हो गए हैं. इस कारण दूसरी डोज में हमारा डाटा कमजोर हो रहा है.
सीएमओ मनोज कुमार उप्रेती ने बताया कि त्योहार के समय अच्छा मौका था, हमने जिला प्रशासन से मिलकर वैक्सीनेशन मेले का आयोजन किया था और दूसरी डोज लगवाने वाले लोगों को लक्की ड्रॉ के द्वारा इनाम भी वितरित किए थे. लेकिन अब दूसरी डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या में बड़ा फर्क है. फिलहाल, वर्तमान में देहरादून जिले में कुल 60 प्रतिशत दूसरी डोज लग चुकी है जबकि पहली डोज 103 प्रतिशत लोगों को लग चुकी है।