एकता के अभाव में अपनी पहचान और प्रगति खो सकते हैं हम: आचार्यश्री सौरभसागर महामुनिराज
देहरादून 06 अक्टूबर 2025 । सकल दिगम्बर जैन समाज, देहरादून, 31वां श्री पुष्प वर्षा योग समिति 2025 चातुर्मास के चौथे महीने में आचार्यश्री 108 सौरभसागर महामुनिराज क्लेमेंट टाउन में श्री पारसनाथ पद्मावती तीर्थ धाम मंदिर क्लेमेनटाउन से संदीप जैन , नमन जैन के यहां भक्तजनों ने बड़ी भक्ति से प्रातः कालीन वंदना के पश्चात आगमन कराया।
इस अवसर पर आचार्य श्री सौरभसागर ने अपने प्रेरक प्रवचन में कहा कि समाज की एकता हम सभी को एक मजबूत, शांतिपूर्ण और समृद्ध राष्ट्र बनाने को बांधती है, जहाँ विविधता में भी एकता की भावना सर्वोपरि है. एकता हमें विकास की ओर ले जाती है और एकता के अभाव में हम अपनी पहचान और प्रगति खो सकते हैं. समाज में एकता बनाए रखने को आपसी प्रेम, सहयोग और सहनशीलता आवश्यक है, जो आज के समय में कम होती जा रही है. जिससे समाज खंड खंड (छोटे छोटे गुट) में परिवर्तित हो जाता है।
आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए *मीडिया कोऑर्डिनेटर मधु जैन* ने बताया कि महाराज श्री की आज की आहार चर्या भी संदीप जैन नमन जैन के यहां संपन्न हुई।
इसी क्रम में संध्याकालीन बेला में 3 बजे शंका समाधान 6 बजे गुरु भक्ति और 8 बजे वैयावृत्ति संपन्न हुई। कल महाराज जी का विहार आशीष जैन, हजारा मेटल चमन विहार में होगा।
सकल दिगम्बर जैन समाज, देहरादून, 31वां श्री पुष्प वर्षा योग समिति 2025 प्रातः कालीन वंदना के पश्चात आचार्य श्री 108 सौरभसागर महामुनिराज को क्लेमेंट टाउन में अमित जैन के यहां से आचार्य श्री को सभी ने बड़ी भक्ति के साथ श्री पारसनाथ पद्मावती तीर्थ धाम मंदिर क्लेमेनटाउन तक सभी श्रद्धालुओं ने बड़े ही आनंद से प्रवास स्थल तक पहुंचाया।
वहां मंदिर समिति एवं निर्माण कमेटी पदाधिकारी ने महाराज श्री का मंगल प्रवेश करने पर पद प्रक्षालन एवं महा आरती की । तत्पश्चात आचार्य श्री के सानिध्य में विधानाचार्य संदीप जैन के निर्देशन में *नवग्रह विधान* प्रारंभ हुआ. आज के विधान में उषा जैन मोहित जैन बरनावा वालों का विशेष सहयोग रहा
इस अवसर पर आचार्य श्री सौरभसागर ने अपने प्रेरक प्रवचन में कहा कि – किसी को पेट से भूख लगती है किसी को परमात्मा की लगती है दोनों ही भूख है परमात्मा के दर्शन की भूख जागृत हो जाए प्यास जागृत हो जाए तो बाहर की भूख प्यास मिटाने लगती है । पेट की भूख जागृत रहे तो परमात्मा की भूख प्यास मिटने लग जाती है इसलिए जो संसार की और जाते हैं वह धर्म से मुख मोड़ लेते हैं और जो धर्म की ओर जाते हैं वह संसार से मुंह मोड़ लेते हैं । बीच में रह जाते हैं गृहस्थ दोनों तरफ अपने पांव पटकता है ।धर्म की ओर भी और संसार की ओर भी क्योंकि वह जानता है पेट के लिए बाजार जाना भी जरूरी है और पेट के ऊपर एक आत्मा है उसको परमात्मा तक पहुंचाने को भगवान के पास जाना भी जरूरी है । दोनों ही जरूरी है जैसे-जैसे व्यक्ति संपन्न होने लगता है वैसे-वैसे भोजन के आइटम बढ़ जाते हैं धर्म की भूख बढ़ने लग जाती है तो धर्म की और उन्नत होने लगती है । जिस तरह 6 साल पहले जब मैं आया था तब पंडाल के नीचे प्रवचन दिए थे और आज हाल में प्रवचन दे रहा हूं। आप लोगों की भूख बढी तभी यह हाल का निर्माण हुआ सम्पन्नता सब करा देती है।
संसार की भूख मिटाने लगोगे तो संसार में ही रह जाओगे जो कभी शांत नहीं होती *इच्छाएं तो अनंत है हर एक में दुख है तुम अपना भला चाहो तो संतोष में सुख है* लेकिन परमात्मा की भूख आपको आपकी आत्मिक शांति और आत्मिक सुख की ओर ले जाएगी। आपका आत्म कल्याण करेगी।
सकल दिगम्बर जैन समाज, देहरादून, 31वां श्री पुष्प वर्षा योग समिति 2025 चातुर्मास के चौथे महीने में आचार्य श्री 108 सौरभसागर महामुनिराज क्लेमेंट टाउन में श्री पारसनाथ पद्मावती तीर्थ धाम मंदिर क्लेमेनटाउन में प्रवास में है
आचार्य श्री के सानिध्य में विधानाचार्य संदीप जैन के निर्देशन में संगीतमय भक्तिमय *कल्याणमंदिर विधान* प्रारंभ हुआ. श्री गौरव जैन, राजीव जैन, पुलकित जैन, अंकित कुमार जैन, मुदित जैन, सहस्त्रधारा रोड सुधा जैन, का कल्याण मंदिर विधान में विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर पर आचार्य श्री सौरभसागर जी ने अपने प्रेरक प्रवचन में कहा कि –जब इंसान के मन में बाहर का शोर हो तो सच की आवाज सुन नहीं पाता है आपके मन में तो महाराज जी कई साल से हैं आप कहते हो कृपा कर दो कृपा कर दो आप सब बंधे हो गृहस्थ जीवन कारागृह के समान है बीवी बेड़ियों के समान है बच्चे खुफिया एजेंसी है इधर की बात उधर करते हैं तो इस ग्रहस्थ जीवन को छोड़ने के लिए भीतर का साहस चाहिए, सन्यास इतना सरल नहीं गुरु का दर्शन मिल सकता है कल्पना मिल सकती है पर उसकी हकीकत में बदलने के लिए समग्र त्याग और वैराग्य की आवश्यकता पड़ती है अभी भजन में सुन रहे थे *गुरु और सामने हो मेरे सपने सच हो मेरे* दर्शन तक सपने में ठीक है लेकिन आचरण में हकीकत की आवश्यकता है जितनी अच्छी आंखें बंद होगी उतने ही सपने अच्छे आएंगे सपने क्या है हमारे अतिरिक्त आकांक्षाओं की पूर्ति जो हम खुली आंखों में नहीं कर पाए वह सपने में कर लेते हैं। हमें वास्तविकता में जीना है सपनों में नहीं, सपना सुकून देते हैं लेकिन हकीकत कुछ और होती है।
आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए *मीडिया कोऑर्डिनेटर मधु जैन* ने बताया कि महाराज श्री क्लेमेंट टाउन मंदिर में प्रवास पर है। आज की आहार चर्या पर्ल हाउस अरिहंत सीमेंट के यहां संपन्न हुई।
इसी क्रम में संध्याकालीन बेला में 3 बजे शंका समाधान 6 बजे गुरु भक्ति और बजे वैयावृत्ति संपन्न हुई। कल महाराज जी का विहार नमन जैन, संदीप जैन चमन विहार में होगा।