ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट: दुबई के रास्ते पाक ने भारत भेजी 39 कंटेनर खजूर, DRI का एक्शन

ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट: दुबई के रास्ते निर्लज्ज पाकिस्तान ने भारत भेजी चोरी छिपे 39 कंटेनर खजूर, DRI ने 1115 टन माल पकड़ा तो खुली पोल

केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमलों के बाद 2 मई, 2025 से पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के सामान के आयात या ट्रांजिट पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. इससे पहले ऐसे आयातों पर 200% कस्टम ड्यूटी लगाई जाती थी.
महाराष्ट्र के नावा शेवा पोर्ट पर जब्त पाकिस्तान से आया अवैध सामान

DRI action on Illegal Pakistani Imports: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई “ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट” में पाकिस्तान से अवैध रूप से लाए जा रहे माल की खेप जब्त कर ली. यह माल तीसरे देशों, खासकर दुबई (UAE) के रास्ते भारत में लाया जा रहा था.

अब तक की कार्रवाई में DRI ने 1,115 मीट्रिक टन अवैध माल से भरे 39 कंटेनर जब्त की, इसकी बाजार कीमत 9 करोड़ रुपये बताई जा रही है. ये सामान भारत सरकार की आयात नीति के स्पष्ट उल्लंघन और पाकिस्तान से माल के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात/ट्रांजिट पर लगे प्रतिबंधों के खिलाफ पाया गया. इस मामले में एक आयातक फर्म के साझेदार को गुरुवार (26 जून, 2025) को गिरफ्तार किया गया है.राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ के तहत ₹9 करोड़ का 1,115 मीट्रिक टन पाकिस्तानी माल जब्त किया है, जिसे दुबई के रास्ते भारत लाया जा रहा था। यह कार्रवाई मई 2025 के पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से आयात पर लगे प्रतिबंध के बावजूद हुई। जब्त माल में सूखे खजूर शामिल थे, और जांच में पाकिस्तानी संस्थाओं से जुड़े वित्तीय लेनदेन का खुलासा हुआ। एक आयातक फर्म के साझेदार को गिरफ्तार किया गया है, जो सरकार की शून्य-सहिष्णुता नीति को दर्शाता है।

 

 

पहलगाम हमले के बाद बंद हैं पाकिस्तान से सभी तरह के आयात

सरकार ने पहलगाम आतंकी हमलों के बाद 2 मई, 2025 से पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के सामान के आयात या ट्रांजिट पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. इससे पहले ऐसे आयातों पर 200% कस्टम ड्यूटी लगाई जाती थी. हालांकि, कुछ आयातक इस प्रतिबंध को धोखा देकर माल की उत्पत्ति का गलत विवरण देते हुए और शिपिंग दस्तावेजों में हेरफेर कर पाकिस्तान से जुड़ा माल भारत ला रहे थे.

नावा शेवा पोर्ट पर पकड़े गए दो मामलों में, खेप को यूएई मूल का दिखाया गया था, जबकि जांच में साफ हुआ कि सामान पाकिस्तान के कराची पोर्ट से दुबई के जेबेल अली पोर्ट के रास्ते भारत लाया गया.

पाकिस्तान से पहले दुबई भेजा था माल, कंटेनर बदलकर भारत किया रवाना

जांच में यह भी सामने आया कि माल को पहले पाकिस्तान से दुबई भेजा गया और वहां कंटेनरों व जहाजों को बदलकर उसे भारत के लिए रवाना किया गया. दस्तावेजों की बारीकी से जांच करने पर पाकिस्तानी संस्थाओं के साथ फाइनेंशियल लिंक भी मिले हैं, जिससे अवैध फंडिंग और सुरक्षा पर गंभीर खतरे के संकेत मिलते हैं.

डीआरआई की कठोर कार्रवाई

DRI ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ और मौजूदा सुरक्षा वातावरण ध्यान में रखते हुए निगरानी और कठोर की और डेटा एनालिटिक्स व इंटेलिजेंस के जरिए हाई वैल्यू खेपों को टारगेट कर जब्त कर लिया।

 

पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले सामान पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह रोक 2 मई, 2025 से लागू हुई। लेकिन कुछ व्यापारी इस रोक को धोखा देने की कोशिश कर रहे थे। DRI ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया। भारत सरकार ने पाकिस्तान से व्यापार पर सख्त रुख अपनाया है। पहले पाकिस्तान से आने वाले सामान पर 200% का सीमा शुल्क लगता था। लेकिन अब सरकार ने पूरी तरह से रोक लगा दी है। सरकार का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का आर्थिक संबंध नहीं रखना चाहती है।

बहरहाल, पाकिस्तान के 39 कंटेनरों की भारत में जब्ती एक साधारण तस्करी की घटना नहीं मानी जा सकती। यह घटना भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए संभावित खतरे की ओर इशारा करती है। राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ में पता चला कि पाकिस्तान मूल का करीब 9 करोड़ रुपये का सामान, जो UAE के रास्ते भारत भेजा जा रहा था, जब्त किया गया। यह मामला जितना आर्थिक अपराध से जुड़ा है, उतना ही यह भारत के खिलाफ संभावित रणनीतिक साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।

 

पाकिस्तान की नापाक मंशा; व्यापार या साजिश?
ऐसा पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान या पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क तीसरे देश के जरिए भारत में माल भेजते हुए पकड़े गए हों। पाकिस्तान पहले भी हवाला नेटवर्क, ड्रग्स तस्करी, आतंकी गतिविधियों के लिए हथियारों की तस्करी और जासूसी उपकरणों की आपूर्ति जैसे मामलों में शामिल रहा है। इसलिए इस बार भी यह आशंका स्वाभाविक है कि जब्त किया गया सामान केवल अवैध व्यापार का मामला न होकर किसी गहरी साजिश का हिस्सा हो सकता है।

विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान, जो सीधे तौर पर भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते नहीं रखता, UAE जैसे देशों को ‘कवर रूट’ की तरह इस्तेमाल कर सकता है। यह रूट शिपमेंट्स को क्लीन चैनल की तरह प्रस्तुत करता है, जिससे भारतीय एजेंसियों की निगरानी कम हो जाती है। यह तरीका हाइब्रिड वॉरफेयर (Hybrid Warfare) का हिस्सा भी माना जा सकता है, जहां सैन्य ताकत की बजाय आर्थिक, डिजिटल और लॉजिस्टिक माध्यमों से देश को कमजोर करने की रणनीति अपनाई जाती है।

क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है?
विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की गतिविधियां देश के भीतर आतंकी मॉड्यूल्स को सक्रिय करने, जासूसी नेटवर्क को मजबूत करने, या ड्रग्स और अवैध मुद्रा के जरिए आतंकी फंडिंग को अंजाम देने की कोशिश हो सकती हैं। अगर पाकिस्तान ऐसे कंटेनरों के जरिए अत्याधुनिक संचार उपकरण, स्पाइवेयर युक्त हार्डवेयर या नकली उत्पाद भारत भेजे, तो इसका सीधा असर भारत की आंतरिक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और साइबर इंफ्रास्ट्रक्चर पर पड़ सकता है।

DRI की सक्रियता से यह प्रयास विफल हो गया, लेकिन यह सवाल खड़ा करता है कि अगर ऐसा कोई कंटेनर बिना जांच के देश में दाखिल हो जाता, तो क्या परिणाम होते? और क्या यह एक इकलौती कोशिश थी या सिर्फ एक झलक है आने वाले बड़े खतरे की?

भारत की आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए?
भारत को अब अपने पोर्ट सिक्योरिटी, कंटेनर स्कैनिंग और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और अधिक सशक्त करना होगा। भारत को मिडिल ईस्ट के देशों खासतौर पर UAE, ओमान और सिंगापुर जैसे व्यापारिक केंद्रों के साथ रीयल टाइम डेटा शेयरिंग और इंटेलिजेंस कोऑपरेशन बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही हर ऐसे कंटेनर की प्रोफाइलिंग जरूरी है, जो संवेदनशील देशों के जरिये भारत पहुंच रहा हो।

जाहिर है, भारत को केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि आर्थिक गलियारों और समुद्री व्यापार मार्गों पर भी सतर्क रहना होगा। DRI की यह कार्रवाई भारत के लिए एक चेतावनी है कि पाकिस्तान अपनी साजिशों को अंजाम देने के लिए अब पारंपरिक रास्तों से हटकर वैश्विक व्यापार नेटवर्क का सहारा ले सकता है। ऐसे में भारत को अपने सुरक्षा ढांचे को केवल सीमा पर नहीं, आंतरिक लॉजिस्टिक चैनलों पर भी मज़बूत करना होगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *