ओबीसी आरक्षण पर धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस को क्या दिया जवाब

ओबीसी आरक्षण पर धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस को क्या दिया जवाब

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले,सत्ता में आए तो बदल देंगे महिला आरक्षण विधेयक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि अगर 2024 में उनकी पार्टी की सरकार आती है तो वो महिला आरक्षण विधेयक में संशोधन करेंगें.

खड़गे ने कहा है कि विधेयक को तुरंत लागू करने में कोई क़ानूनी अड़चन नहीं है लेकिन मोदी सरकार ने इसे 10 और सालों के लिए टाल दिया है.

कांग्रेस ने सदन में विधेयक का समर्थन करते हुए कहा था कि इसे तुरंत ही लागू किया जाए और इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए भी कोटा लागू किया जाए.

जयपुर में पार्टी की रैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि जब 2024 में हमारी सरकार आएगी, हम विधेयक में संशोधन कर देंगे.

राहुल गांधी ने शनिवार को जयपुर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा है कि बीजेपी ओबीसी को आरक्षण देने के रास्ते में रुकावट बन रही है.

राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना और ओबीसी को आरक्षित सीटों का लाभ दिए जाने का मुद्दा उठा रहे हैं.

राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारोबारी गौतम अदानी के बीच रिश्तों का मुद्दा उठाया. उन्होंने महिला आरक्षण पर भी बात की.

गांधी ने कहा, “हममें अहंकार नहीं है, नफ़रत नहीं है, मोहब्बत है, इज़्ज़त है, प्यार है. यही फ़र्क है कांग्रेस और बीजेपी में. हमारी बीजेपी से विचारधारा की लड़ाई चल रही है।
मानहानि के मुक़दमें में दोषी क़रार दिए और अपनी सांसदी जाने का हवाला हुए राहुल गांधी ने कहा, “कुछ दिन पहले मैंने संसद में अदानी पर भाषण दे दिया, आपने देखा होगा. अब इनकी नई आदत है, अब टीवी ऑफ कर देते हैं. पहले माइक ऑफ़ करते थे, अब टीवी ही ऑफ़ कर देते हैं. बीजेपी वालों ने इस भाषण के बाद मेरी लोकसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया.”

गांधी ने कहा, “पहली बार भारत में मानहानि के लिए दी जाने वाली अधिकतम दो साल की सज़ा दी गई और मेरी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी. क्योंकि उन्हें डर लगता है।
कारोबारी अदानी पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “कोई भी बीजेपी का कार्यकर्ता सामने आए उसके सामने अदानी नाम ले लो, भाग जाएगा. ये आपके जो प्रधानमंत्री और अदानी के बीच में क्या रिश्ता है,ये पूछ लो,बीजेपी वाला भाग जाएगा.उन्हें ये नाम सुनते ही डर लग जाता है.”

राहुल गांधी ने ये भी कहा कि बीजेपी विशेष सत्र में पहले देश का नाम बदलने का एजेंडा लाना चाहती थी लेकिन आनन फानन में महिला आरक्षण विधेयक ले आई.

गांधी ने कहा, “पहले महिला आरक्षण की बात नहीं थी, पहले वो हिंदुस्तान का नाम बदलने की बात कर रहे थे, वो इंडिया से भारत करने जा रहे थे. संविधान में साफ़ लिखा है, इंडिया दैट इज़ भारत, मतलब दोनों नाम संविधान में हैं. पहले उन्होंने भारत बनाम इंडिया नया बहाना बनाया.”

“भारत और इंडिया के बीच कोई झगड़ा नहीं है, पहले उन्होंने कोशिश की इंडिया और भारत को लड़ाने की. उन्हें अहसास हो गया कि जनता इस बात को स्वीकार नहीं करेगी. लेकिन वो विशेष सत्र की घोषणा कर चुके थे. तो सोचा कि चलो महिला आरक्षण की बात करते हैं. ऐसे में महिला आरक्षण का मुद्दा ले आए.”

राहुल गांधी ने कहा, “हमने महिला आरक्षण का पूरा समर्थन किया है. इंडिया ने, हमारे गठबंधन ने इस विधेयक को पूरा समर्थन दिया. लेकिन हमारे दो-तीन सवाल हैं. पहला सवाल- इसमें ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों नहीं है, दूसरा सवाल, बीजेपी के लोग कहते हैं कि महिला आरक्षण करने से पहले नई जनगणना और नए परिसीमन की ज़रूरत है.”

“लेकिन ये सच नहीं है. महिला आरक्षण को लागू करने के लिए विधानसभा और लोकसभा की तैंतीस प्रतिशत सीटें महिलाओं को आज दी जा सकती हैं. लेकिन इन्होंने बहाना बनाया. क्योंकि ये चाहते हैं महिला आरक्षण दस साल में लागू हो. हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण आज से ही लागू हो, ओबीसी महिलाओं को आरक्षण का फ़ायदा मिले.”

राहुल गांधी ने अपने भाषण में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का फ़ायदा ना मिलने पर भी बात की और जातिगत जनसंख्या का मुद्दा भी उठाया.

ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राहुल गांधी को धर्मेंद्र प्रधान का जवाब, क्या बोले?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राहुल गांधी पर निशाना साधा है.

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी आरक्षण का विरोध किया जबकि भाजपा ने देश के ओबीसी वर्ग को मजबूत किया है.

पत्रकारों से बात करते हुए प्रधान ने कहा, “राहुल गांधी को याद दिलाना चाहूंगा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने किस मुद्दे पर नेहरू की सरकार से इस्तीफ़ा दिया था.आंबेडकर का नेहरू पर आरोप था कि वो ओबीसी को आरक्षण देने के समर्थन में नहीं थे.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की सिफ़ारिशों को लागू नहीं किया था.

प्रधान ने कहा, “काका कालेलकर कमीशन को किसने लागू नहीं किया, मंडल आयोग की सिफ़ारिश आने के बाद दस साल तक कांग्रेस की सरकार ने उसे लागू नहीं किया. 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने इसे लागू किया था.”

उन्होंने कहा, “उस समय संसद में इस पर चर्चा के दौरान स्वर्गीय राजीव गांधी ने कांग्रेस की तरफ़ से पक्ष रखते हुए मंडल कमीशन, ओबीसी आरक्षण पर आपत्ति जताई थी.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया है.

उन्होंने कहा, “ओबीसी आयोग बनाकर संवैधानिक मान्यता देने वाले नेतृत्व का नाम है नरेंद्र मोदी. नीट में ओबीसी आरक्षण को पक्का करने वाला नाम है नरेंद्र मोदी.”

“आप दशकों तक दायित्व में रहे, पीढ़ी दर पीढ़ी रहे, तब कुछ नहीं किया. 2010 में गृहमंत्री रहते हुए चिदंबरम ने कहा था कि जातिगत जनगणना नहीं हो सकती है. कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व दिवालिया हो चुका है.”

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