कानपुर में धर्मांतरण सिंडिकेट देता है मोटा लालच
कानपुर में धर्म के धंधेबाजों का सिंडिकेट:क्रिश्चियन बनने पर 4 से 30 हजार हर महीने देते हैं, ब्रेनवॉश के लिए बच्चों की छठी भी मनवाते हैं
कानपुर 16 मार्च। कानपुर में धर्म के धंधेबाजी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। धर्मांतरण मामले में पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया, तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। पता चला है कि धर्मांतरण करने वाले सिंडिकेट का नेटवर्क सिर्फ कानपुर तक ही नहीं, ये प्रयागराज, फतेहपुर समेत कई जिलों में फैला है। पड़ोसी राज्यों में भी नेटवर्क है। विदेश से फंडिंग के सबूत भी मिले हैं।
धर्मांतरण कराने वाले धंधेबाज लोगों को मोटिवेट करते हैं। शुरुआत में लोगों को 4 हजार रुपए हर महीने देते हैं। धीरे-धीरे ये रकम बढ़ाते जाते हैं। धर्मांतरण के बाद 30 हजार रुपए हर महीने दिए जाते हैं। पैसे के लालच और ब्रेनवॉश से लोग आसानी से अपना धर्म बदल रहे हैं। पुलिस को कुछ साहित्य भी हाथ लगे हैं। यहां तक कि बच्चे की छठी का उत्सव मनवाते हैं। इससे पता चलता है कि नेटवर्क बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करा रहा है।
एक-एक कर पढ़ें, धर्मांतरण का खेल कैसे चल रहा है? पुलिस की जांच में क्या-क्या सामने आया है…
कानपुर पुलिस ने धर्मांतरण कराने के आरोपित अभिजीत और रजत को अरेस्ट किया है।
कानपुर के श्याम नगर और चाणक्यपुरी में धर्मांतरण का खेल
कानपुर की चकेरी पुलिस ने बजरंग दल के पदाधिकारी की सूचना पर श्याम नगर के एक फ्लैट में चल रहे धर्मांतरण के बड़े सिंडिकेट का 5 मार्च को खुलासा किया था। पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर श्याम नगर के फ्लैट से धर्मांतरण का सिंडीकेट चलाने वाले घाऊखेड़ा कानपुर निवासी अभिजीत और रजत को जेल भेज दिया। इसके ठीक अगले ही दिन चकेरी के चाणक्यपुरी में भी लोगों को क्रिश्चियन बनने के लिए मोटिवेट कर रहे एक गैंग को पकड़ा था।
कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के चाणक्यपुरी में धर्मांतरण के खेल को बजरंग दल की शिकायत के बाद पुलिस ने पकड़ा।
आरोपितों को रिमांड पर लेकर दोबारा पूछताछ होगी
जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि मामले में जांच के दौरान सामने आया है कि कानपुर से प्रदेश के कई जिलों में धर्मांतरण का नेटवर्क चल रहा है। इतना ही नहीं कई राज्यों में चल रहे धर्मांतरण का सिंडिकेट भी सीधे तौर पर कानपुर से जुड़ा है। कई राज्यों और विदेश से धर्मांतरण कराने वाले लोगों को फंडिंग की जा रही है।
पकड़े गए आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर पूछताछ और बैंक डिटेल समेत अन्य जानकारी जुटाई जाएगी। अफसरों का दावा है कि जल्द कानपुर से यूपी के कई जिलों और राज्यों तक फैले धर्मांतरण के सिंडीकेट का खुलासा करेगी। वहीं, दूसरी तरफ IB, STF समेत अन्य जांच एजेंसियां भी पूरे मामले की जांच अपने स्तर से कर रही हैं।
श्याम नगर के जिस फ्लैट में धर्मांतरण का खेल चल रहा था। वहां से ये साहित्य पुलिस ने बरामद किया है।
अब रावतपुर की थारू बस्ती में भी धर्मांतरण, महिला बोली- क्रिश्चियन बनने के फायदे बता रहे थे
इस बीच कानपुर के ही रावतपुर रामलला स्कूल के पास थारू बस्ती में धर्मांतरण का मामला सामने आया है। थारू बस्ती के लोगों को क्रिश्चियन बनाने के लिए कुछ लोग लगातार सभाएं कर रहे हैं। थारू बस्ती में रहने वाली केसकली ने बताया कि क्रिश्चियन धर्म के लोग आए थे। एक परिवार में उन्होंने बच्चे की छठी का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया था।
बुजुर्गों का इलाज शुरू कराया और कई जरूरतमंदों को रुपए भी दिए गए। बस्ती में आए लोगों ने पंपलेट बांटे। उसमें क्रिश्चियन बनने पर क्या-क्या फायदे होंगे यह लिखा था। अपनी बेसिक जरूरतों के लिए जूझ रहे लोगों की आर्थिक स्थित को मजबूत बनाने के लिए वीडियो दिखाकर मोटिवेट किया गया। पुलिस ने अब रावतपुर में चल रहे धर्मांतरण के सिंडीकेट का खुलासा करने के लिए जांच शुरू कर दी है। कई लोगों से पूछताछ की जा रही है।
थारू बस्ती के लोगों ने बताया कि कुछ लोग पर्चियां बांटने आए थे। रातभर बस्ती में ही रुके। बोले थे कि आप सभी लोग हमारे साथ आ जाओ।
प्रयागराज से जुड़ रहे कानपुर धर्मांतरण केस
कानपुर चकेरी के श्याम नगर स्थित फ्लैट में चल रहे धर्मांतरण के खेल के तार प्रयागराज से भी जुड़ रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, धर्मांतरण के आरोप में पकड़े गए अभिजीत और रजत प्रयागराज के एक यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के संपर्क में थे। जांच में मिले साक्ष्यों के मुताबिक, 40 दिन की प्रक्रिया पूरी कराए जाने के बाद लोगों को धर्मांतरण के लिए यहीं ले जाया जाता था।
चकेरी में धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद पुलिस को फतेहपुर, घाटमपुर और प्रयागराज समेत अन्य जिलों के धर्मांतरण सिंडीकेट से भी इसके तार जुड़ रहे हैं। पुलिस ने पूछताछ के लिए दोनों आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
हर जरूरत पूरा करने का करते हैं दावा
मिशनरी से जुड़े लोग गरीब परिवारों से कहते हैं कि जिस व्यक्ति को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती, समाज में उपेक्षित होता है, वो लोग हमारी मिशनरी से जुड़ते हैं। हम उनके लिए कपड़े, रहने के लिए घर और दो वक्त के खाने का इंतजाम, बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम करते हैं। इससे उसकी जिंदगी बदल जाएगी। लोगों को इस तरह से मोटिवेट किया जाता है कि वह सब कुछ भूलकर क्रिश्चियन धर्म अपना लेता है। इसके साथ ही वह दूसरे लोगों को क्रिश्चियन बनने के लिए मोटिवेट करने लगता है।
गरीब और दलितों को किया टारगेट
पुलिस की जांच में सामने आया कि धर्मांतरण करने वाला गिरोह सिर्फ बस्तियों और मध्यम वर्ग से नीचे तबके के लोगों को टारगेट करता है। उनकी बस्तियों में जाकर सभाएं करना, उन्हें चर्च बुलाकर मोटिवेट करना और अलग-अलग तरह से लालच देकर क्रिश्चियन बना देते हैं। इसके बाद उनके मोहल्ले में एक किराए का मकान लेकर या खरीदकर चर्च बना देते हैं। जहां से सारी गतिविधियां चलने लगती हैं।
विदेश से हो रही करोड़ों की फंडिंग
पुलिस जांच में सामने आया है कि किराए का फ्लैट और लाखों रुपए महीने का खर्च विदेश की फंडिंग से होती है। इस बात की पुष्टि पकड़े गए आरोपी और उनसे जुड़े लोगों के अकाउंट डिटेल से हुई है। फिलहाल अभी चकेरी पुलिस ने फंडिंग किस राज्य और देश से हो रही, यह खुलासा नहीं किया है।
इससे पहले घाटमपुर में पकड़े गए धर्मांतरण सिंडीकेट को सीरिया, नेपाल और कोलकाता से फंडिंग के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस की मानें तो अकाउंट डिटेल से खुलासा होने के बाद शातिरों ने फंडिंग का तरीका बदल लिया है। अब कई चरणों में अलग-अलग जगह से पहले देश में और फिर संबंधित व्यक्ति के अकाउंट में भेजा जाता है। सीधे विदेश से संबंधित व्यक्ति को फंडिंग नहीं की जाती है।