केदार दर्शन से लौटते तीर्थयात्रियों का वाहन गंगा में, तीन की मौत, तीन गायब, पांच घायल
गंगा में समाया वाहन: तीन दोस्तों की मौत, घायल बोले- आंख खुली तो गाड़ी में भरा था पानी, घुटने लगा था दम
दुर्घटना में घायलों ने सुनाई आपबीती
केदारनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं का वाहन बदरीनाथ हाईवे पर मालाकुंठी के पास अनियंत्रित होकर गंगा में समा गया। वाहन में चालक सहित 11 लोग सवार थे। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि चालक सहित तीन लोग लापता हैं।
घायल रोशन कुमार ने बताया कि वह गाड़ी में सो रहा था। आंख खुली तो गाड़ी में पानी भरा हुआ था और दम घुटने लगा था। किसी तरह गाड़ी का शीशा तोड़कर वह बाहर आ गया। बताया कि उसके दो दोस्त लापता हैं, जबकि एक की मौत हो गई।
Uttarakhand: ऋषिकेश के पास बड़ी दुर्घटना, 11 लोगों को लेकर जा रही मैक्स गंगा में समाई, तीन शव निकाले, तीन लापता
रोशन कुमार ने बताया कि पांच दिन पहले वह बिहार से अपने तीन दोस्तों के साथ केदारनाथ की यात्रा पर निकले थे। ऋषिकेश से चारों दोस्त इसी मैक्स वाहन से सात जुलाई को केदारनाथ के लिए निकले। आठ जुलाई को सुबह उन्होंने दर्शन किए और शाम को ऋषिकेश के लिए निकले। रोशन ने बताया कि दुर्घटना के वक्त वह सो रहा था। अचानक आंख खुली तो वह पानी में छटपटा रहा था। वाहन के अंदर पानी में दम घुट रहा था। उसने हाथ-पैर मारे और शीशा तोड़कर वाहन से बाहर निकला।
टीम ने पांच लोगों को निकाला
इस दौरान उसका सिर किसी पत्थर से भी टकराया। वह पानी में हाथ-पैर मार कर किसी तरह बाहर आया। रोशन ने बताया कि घटना में उसके एक दोस्त सौरभ की मौत हो गई है और दो दोस्त अतुल व अक्षय लापता हैं। बताया कि अक्षय कुमार घर का इकलौता चिराग है। अक्षय खेतीबाड़ी कर परिवार का भरण पोषण करता है। अक्षय के घर में मां, पत्नी और एक छोटा बच्चा है।
गंगा में समाया वाहन
विजेंद्र सिंह ने कहा कि हादसे के बाद कुछ ही सेकंड में वाहन गंगा में समा गया। चोट लगने के कारण हाथ-पांव नहीं चल रहे थे। लेकिन, जब वाहन पूरा डूब गया और जान पर बन आई तो किसी तरह हिम्मत कर तैरकर एक पत्थर पकड़ लिया। बाद में किसी व्यक्ति ने मुझे पानी से बाहर निकाला।
गंगा में समाया वाहन
पहाड़ी से पत्थर गिरने या पहिये के नीचे पत्थर आने से वाहन अनियंत्रित हुआ। कुछ ही सेकंड में वाहन पानी में डूब गया। पता भी नहीं चला कि हम सड़क से पानी के अंदर कैसे आ गए। उन्होंने कहा, पीछे का दरवाजा अपने आप ही खुल गया। इससे वह और अन्य व्यक्ति वाहन से बाहर आ गए। उन्हें तैरना आता था लेकिन चोट के कारण हाथ-पांव नहीं चल रहे थे।
गंगा में सर्च अभियान को जाती टीम
पानी में काफी नीचे जाने के बाद जब दम घुटने लगा तो किसी तरह हाथ-पांव चलाए और एक पत्थर को पकड़ लिया। उन्हाेंने कहा, घर जाने की जल्दी थी, इसलिए रात को ही सोनप्रयाग से चल दिए थे। सोचा था, रविवार को घर पहुंचकर आराम करेंगे लेकिन दुर्घटना हो गई।
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