गोरखनाथ मंदिर आतंकी मुर्तजा: छह एयरगन,छह फेसबुक एकाउंट,बैंक में 20 लाख रुपए
मुर्तजा के कमरे से 3 एयरगन और मिलीं:3 पहले मिल चुकी हैं, स्नाइपर आतंकी बनना चाहता था; 6 नामों से फेसबुक आईडी भी
गोरखपुर 16 अप्रैल।गोरखनाथ मंदिर हमलावर अहमद मुर्तजा अब्बासी के कमरे से ATS ने बुधवार रात तीन कीमती एयरगन बरामद की हैं। इससे पहले भी तीन एयरगन बरामद की गई थीं। यानी अब तक 6 एयरगन मिल चुकी हैं। ATS इस बात की तह तक जाने में जुटी है कि आखिर मुर्तजा ने 6 एयरगन किस लिए रखी थी। हालांकि, पूछताछ में उसने ATS को बताया है कि वह स्नाइपर (निशानेबाज) बनना चाहता था। इसके अलावा, मुर्तजा लगातार इंटरनेट पर बम बनाने से लेकर आतंकी संगठनों और उनके हमले के बारे में भी सर्च करता रहता था।
योगी के दोबारा सत्ता में आने से बौखला गया था
एटीएस सूत्रों ने बताया कि मुर्तजा के मन में यह बात घर कर गई थी कि मौजूदा सरकार में मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। ऐसे में मुुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दोबारा सत्ता में आने के बाद वह बौखला गया था और फिर उसने हमले की ठान ली।
अब तक की जांच और सामने आए तथ्यों से यह तो स्पष्ट हो गया है कि मुर्तजा जेहाद यानी कि आतंक की सीढ़ियां चढ़कर जन्नत तक का सफर तय करना चाहता था।
6 फेसबुक आईडी और विदेशी सिम से आतंक की सर्च
मुर्तजा इंटरनेट पर आतंकी गतिविधियों को सर्च करने के लिए अलग-अलग डोंगल और विदेशी सिम का इस्तेमाल करता था। इसके अलावा, उसने 6 अलग-अलग फेसबुक आईडी भी बनाई थी। इसके जरिए मुर्तजा लगातार ISIS जैसे आतंकी संगठन को भी इंटरनेट पर सर्च करता और उनसे संपर्क बनाता था।
इस बीच सोशल मीडिया के जरिए मुर्तजा एक लड़की के संपर्क में भी आ गया और उसने मुर्तजा को ISIS का टॉप कमांडर बनाने के नाम पर करीब आठ लाख रुपए भी ऐंठ लिए।
परिवार को भी थी मुर्तजा के गतिविधियों की जानकारी
हैरानी वाली बात तो यह है कि मुर्तजा की इन सभी गतिविधियों से उसके परिवार के लोग भी पूरी तरह वाकिफ थे। शायद यही वजह है कि मुर्तजा से उसके माता- पिता का आमना-सामना कराने के बाद उन्हें ATS ने लखनऊ मुख्यालय पर ही रोक लिया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि ठोस सबूत हाथ लगते ही ATS उसके परिवार के अन्य लोगों का भी इस केस में मुर्तजा की मदद करने के आरोप में नाम बढ़ा सकती है।
इसलिए मुर्तजा के घर पहुंची थी ATS
मुर्तजा लगातार इंटरनेट पर आतंकी संगठनों और प्रतिबंधित वेबसाइट्स को सर्च कर उसे एक्सेस करता था, इसलिए वह खुफिया एजेंसियों की रडार पर आ गया। यही वजह है कि खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद ही ATS दो अप्रैल को इसकी पड़ताल करने उसके घर पहुंची थी। चूंकि अभी मुर्तजा की गतिविधियों पर सिर्फ शक ही था, इसलिए ATS उससे बिना पूछताछ किए ही वापस लौट गई। इसके बाद जैसे ही उसे इस बात की जानकारी हुई कि ATS उसके घर पहुंची थी, इसके ठीक अगले दिन यानी कि तीन अप्रैल को मुर्तजा ने मंदिर पर हमला कर दिया।
हमले से पहले ATS की रडार पर था अब्बासी।
हड़बड़ी में बांके पर धार नहीं लगवाया मुर्तजा
मुर्तजा को उम्मीद थी कि नेपाल में चल रहे मदरसों में उसे हमले के लिए आतंकी मदद मिलेगी। शायद इसी वजह से हमले से पहले वह नेपाल चला गया और दो दिनों तक मदद की दरकार में भटकता रहा। मगर, जब उसे कोई मदद नहीं मिली तो उसने ISIS के पसंदीदा हथियार बांका से हमला करने की ठान ली।
उसने बांसी से 700 रुपए में दो बांका खरीदा, लेकिन वह हमले की हड़बड़ाहट में उस पर धार लगवाना भूल गया। इसकी वजह से पुलिसकर्मियों की जान बच गई। ATS का मानना है कि अगर बांका पर धार लगी होती, तो घायल पुलिसकर्मियों का जान बचाना भी मुश्किल होता।
DM से मिली ATS
इस बीच ATS ने DM विजय किरन आनंद से मिलकर जांच की प्रगति रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी। ATS ने DM को बताया कि मुर्तजा की जांच में कुछ टेक्निकल दिक्कतें आ रही हैं, जिसके लिए ATS ने मदद मांगी है। DM विजय किरन आनंद ने बताया कि मामले की जांच कर रही ATS की हर संभव मदद की जा रही है। जांच के लिए अगर किसी भी चीज की जरूरत पड़ेगी, तो जिला प्रशासन ATS को मुहैया कराएगा। जल्द ही जांच पूरी कर ATS किसी ठोस नतीजे पर पहुंच जाएगी।