ग्रीन बिल्डिंग

 

देहरादून ग्रीन बिल्डिंग निर्माण में ठेकेदार को मनमानी पड़ी भारी! एक करोड़ का जुर्माना लगा, डीएम ने भी भेजा नोटिस
देहरादून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है. निर्माणदायी संस्था पर लगातार कई आरोप लग रहे है.

देहरादून ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण

तीन जून 2025 की स्थिति

राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है. पिछले ढाई साल से चल रहे निर्माण कार्य के दौरान ग्रीन बिल्डिंग विवादों में घिरती नजर आ रही है. वहीं अब ग्रीन बिल्डिंग नए विवाद में फंस गई है. ग्रीन बिल्डिंग के ठेका कंपनी ने सिंगल बेसमेंट बनाने की अनुमति ली थी, लेकिन इन्होंने डबल बेसमेंट को मिट्टी खोद दी, तब खनन विभाग ने एक करोड़ का जुर्माना लगाया . साथ ही ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण कार्य में लेटलतीफी को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए है.

दरअसल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में देहरादून में ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है. राजधानी में यह ऐसी बिल्डिंग है, जहां 75 कार्यलय  एक ही छत नीचे होंगे और 900 कारें पार्क हो सकेंगी. ग्रीन बिल्डिंग कार्य कार्यदायी संस्था केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की देखरेख में हो रहा है । 180 करोड़ के बजट से तैयार हो रही ग्रीन बिल्डिंग का ढाई साल से निर्माण चल रहा है, यह अक्टूबर 2025 तक तैयार होनी थी, लेकिन 20 प्रतिशत निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ .

देहरादून ग्रीन बिल्डिंग निर्माण में ठेकेदार को मनमानी पड़ी भारी!
ठेकेदार पर मनमानी का आरोप: निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय लोगों की नाराजगी तो चल रही है तो वही ठेका कंपनी पर भी मनमानी का आरोप लग रहा है. ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण बीच ठेका कंपनी ने सिंगल बेसमेंट की अनुमति लेकर डबल बेसमेंट खोद डाला, तो खनन विभाग ने मिट्टी खुदान माप कर ठेका कंपनी पर एक करोड़ रुपए का अर्थदण्ड लगाया .

डबल बेसमेंट की खुदाई का आरोप: जिला खनन अधिकारी नवीन कुमार के अनुसार ग्रीन बिल्डिंग में नियम विरुद्ध हो रहे कार्य की शिकायत पर निरीक्षण हुआ तो पता चला कि डबल बेसमेंट खोदा गया है, जबकि रॉयल्टी सिंगल बेसमेंट की जमा है. तब निर्माण कंपनी पर एक करोड़ रुपए का अर्थदण्ड लगा है.

20 प्रतिशत निर्माण कार्य ही पूरा हुआ: जिलाधिकारी के अनुसार शिकायत मिलने पर खनन विभाग ने कार्रवाई की है. खनन विभाग को ग्रीन बिल्डिंग निर्माण कार्य को मिट्टी खुदाई जांचेगी. कार्यदायी संस्था केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने ग्रीन बिल्डिंग निर्माण कार्य कश्यपी इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया है. वर्तमान में काम की स्थिति यह है कि 20 प्रतिशत निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हो पाया  जबकि कार्यपूर्ति डेडलाइन अक्टूबर 2025 है.

प्रशासन ने जारी किया नोटिस: जिलाधिकारी के अनुसार ग्रीन बिल्डिंग निर्माण में लेटलतीफी की शिकायतें लगातार मिल रही थी। तब जिला प्रशासन ने ठेका कंपनी को नोटिस जारी किया।ठेका कंपनी निर्माण कार्य में तेजी नहीं करती तो निर्माण कार्य का ठेका निरस्तीकरण होगा.

आरएमसी प्लांट का मामला: ग्रीन बिल्डिंग को लेकर नया मामला सामने आया  ग्रीन बिल्डिंग के अंदर लगाए जाने वाले आरएमसी प्लांट का. समझौते में स्पष्ट कहा गया कि ग्रीन बिल्डिंग की कार्यदायी कंपनी कैंपस में कैसा भी  हॉट मिक्स प्लांट और आरएमसी प्लांट नहीं लगाएगी. इससे पहले कंपनी ने प्लांट लगाया तो जिला प्रशासन ने उसे बंद कराया था.

हैरानी यह है कि कार्यदायी संस्था वही प्लांट दोबारा लगाने की अनुमति मांग रही है, जिसे जिला प्रशासन ने बंद कराया था. जिला खनन अधिकारी नवीन सिंह के अनुसार आरएमसी प्लांट की अनुमति को रिपोर्ट भेजी गई है. बाकी काम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को करना है.

स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने मांगी रिपोर्ट: वही स्मार्ट सिटी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी तीरथ पाल ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को भेजे नोटिस में रिपोर्ट मांगी गई है कि बिना अनुमति आरएमसी प्लांट का संचालन क्यों किया गया. साथ ही मानसून के पहले बेसमेंट कार्य पूरा क्यों नहीं हुआ. ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण कार्य के हिलाहवाली से स्मार्ट सिटी की छवि धूमिल हो रही है.

वही राजपुर रोड से बीजेपी विधायक खजानदास का कहना है कि ग्रीन बिल्डिंग का कार्य कछुए की चाल रही है. पिछले दिनों निरीक्षण भी किया गया तो कंपनी को फटकार भी लगाई गई थी. उन्होंने इस मामले की शिकायत सीएम धामी से भी की थी और ठेका कंपनी पर कार्रवाई की मांग की थी.

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