चुनाव सुधारों पर अमित शाह की खुली चुनौती,एक-एक घुसपैठिया पकड़ करेंगें बाहर
Amit Shah Strong Attack Will Not Let A Single Infiltrator Remain Took Congress To Task
हम देश में एक भी घुसपैठिए को नहीं रहने देंगे… कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा करते हुए कहा कि देश में एक भी घुसपैठिए को नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर अवैध घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में रखने का आरोप लगाया, जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया।
नई दिल्ली: लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा देश में एक भी घुसपैठिए को हम रहने नहीं देंगे। हमारी पॉलिसी है डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा मंगलवार को चर्चा में भाग लेने पर तंज कसते हुए कहा कि कल मैंने एलओपी का पूरा भाषण सुना, उनका भाषण धागो में उलझ गया। फिर मंगलवार देर रात जब मैं मेरा भाषण तैयार कर रहा था। तब मैंने अपने से पूछा कि चुनाव सुधार पर और एसआईआर पर मसला स्पष्ट है तो फिर यह मुद्दा क्यों उठ रहा…? असल में मूल मुद्दा है अवैध घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में रखने का। उनके इस बयान पर विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
amit shah on sir
केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष के वॉकआउट करने पर भी तंज कसते हुए कहा कि जब मैंने कांग्रेस के वरिष्ठ लोगों पर बोला तब बाहर नहीं गए, घुसपैठियों की बात कहते ही भाग गए। उन्होंने विपक्ष से कहा कि एसआईआर का विरोध करोगो तो बिहार की तरह बंगाल ओर तमिलनाडू में भी साफ हो जाओगे। उन्होंने यह भी कहा कि मैं राहुल गांधी के भाषण लिखने वालों से कहना चाहता हूं कि सही से लिखे।
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बिना कहा कि आज मैं कहना चाहता हूं टीएमसी के लोगों को, आप भी घुसपैठियों को बचाओगे तो बिहार में तो साफ हो गए, बंगाल में भी हार जाओगे। उन्होंने विपक्ष से कहा कि आप चुनाव क्यों हारते हो। असल में आपने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, 370 हटाने, राम मंदरि बनाने, घुसपैठियों को बाहर निकालने, सीएए और ट्रिपल तलाक का विरोध किया। इसलिए आप चुनाव हारे और हम जीते। अब वन नेशन, वन इलेक्शन का विरोध कर रहे हो, हम फिर से जीतेंगे।
‘कांग्रेस ने कोई सुझाव नहीं दिया’
उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह मैंने चुनाव आयोग से कुछ आंकड़े लिए। जिसमें यह जानना चाहा कि चुनाव सुधार के लिए मई 2014 के बाद कौन-कौन सी पार्टी से कितने आवदेन मिले। लेकिन हैरानी की बात पता लगी कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से आज तक एक भी चुनाव सुधार के लिए सुझाव चुनाव आयोग को नहीं मिला। घुसपैठिए वाली बात पर सदन का बहिष्कार करने पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि वह 200 बार भी बहिष्कार करेंगे, लेकिन हम देश में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं देंगे। उन्होंने विपक्ष से सवाल करते हुए कहा कि वह सदन सदन छोड़कर भाग गए, में तो कांग्रेस या किसी की बात नहीं कर रहा था। मैं तो घुसपैठियों को बाहर निकालने की बात कर रहा था। हम देश से एक-एक घुसपैठिए को चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे।
‘मैं बताता हूं, असल में घुसपैठ…’
अमित शाह ने कहा कि वह कहते हैं कि घुसपैठ के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है। मैं बताता हूं, असल में घुसपैठ भारत-बांलेदश बॉर्डर से हो रही है। 2216 किलोमीटर 1653 बन चुकी है 563 एक बंगाल में रही है। असम, मेघालय, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में फेंसिंग हो गई है, लेकिन पश्चिम बंगाल में 563 किलोमीटर हिस्से में यह नहीं हुई।
राहुल गांधी पर बरसे शाह
राहुल गांधी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि अमद पदों पर आरएसएस की विचारधारा के लोग रख लिए जाते है। उन्होंने जवाब दिया कि इसमें क्या आपति है। उन्होंने कहा कि इस देश का प्रधानमंत्री और गृह मंत्री खुद आरएसएस की विचाराधारा वाले हैं। क्या ऐसा कोई कानून है कि ऐसा नहीं हो सकता। फिर आरएसएस की विचाराधारा तो देश के लिए मरना, देश को परम शिखर पर ले जाना और देश का झंडा हमेशा बुलंद रखने की है। उन्होंने कहा कि देश के अहम पदों पर कमयूनिष्टों को बिठाने का काम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया।
उन्होंने बताया कि पक्ष-विपक्ष के 63 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया। जो चर्चा का समय तय हुआ था, उससे अधिक समय लिया। चर्चा तय हुई थी चुनाव सुधारों पर, लेकिन अधिकतर विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर पर ही चर्चा की। अब चर्चा इन्होंने जिस तरह से शुरू की है तो जवाब तो मेुझ देना पड़ेगा। एसआइअर्आर पर एक तरफा चार महीने से झूठ फैलाया गया, देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया।
कांग्रेस ने देश में झूठ फैलाया: शाह
इस देश की जनता को झूठ विशेषकर काग्रेस पार्टी द्वारा फैलाया गया है। देश के संविधान के अनुच्छेदों से चुनाव आयोग की रचना हुई। उन्होंने मतदाता बनने की योग्यता के बारे में भी बताया। कहा कि सबसे पहली शर्त वोटर भारत का नागरिक होना चाहिए विदेशी नहीं होना चाहिए। दूसरी, 18 साल से अधिक की उम्र का शख्स वोटर बन सकता है और कानून के मुताबिक वोटर बनने का अधिकार रखने वाला। विपक्ष कहता है कि वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण होना चाहिए, असल में चुनाव आयोग एसआईआर के जरिए यही तो कर रहा है। जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है।
‘इतिहास बताते हैं तो नाराज हो जाते हैं’
उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि इतिहास बताते हैं तो नाराज हो जाते हैं। एसआईआर पर उन्होंने कहा कि देश में पहला एसआईआर 1952 में हुआ। उस वक्त देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे। इसके बाद 1957, 1961 में भी जवाहर लाल नेहरू थे। फिर लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी समेत और पीएम थे। 2002-03 में अटल बिहारी वाजपेयी थे। लेकिन एसआईआर 2004 में खत्म हुआ। उस वक्त कांग्रेस सरकार में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। अब 2004 के बाद सीधा 2025 में एसआईआर हो रहा है।
‘घुसपैठिए तय करेंगे कि कौन पीएम बने कौन सीएम’
एसआईआर प्रक्रिया का 2004 तक किसी भी दल ने विरोध नहीं किया, क्योंकि यह चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया है। फिर अब क्यों। उन्होंने वोटरों के वोटर लिस्ट से नाम कटने वाले कारण को भी बताया। जिसमें 2010 में रिटर्निंग अफसरों से यह अधिकार ले लिए गए थे। उस वक्त भी कांग्रेस की सरकार थी। एसआईआर में मृत, शिफ्ट, डुप्लिकेट, विदेशी और दो जगह वोटरों के नाम हटाए जाते हैं। क्या यह घुसपैठिए तय करेंगे कि कौन प्रधानमंत्रित्व बने कौन सीएम।
वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है SIR: शाह
एसआईआर वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है। लेकिन इससे कुछ दलों के राजनीतिक स्वार्थ आहत होते हैं। क्योंकि देश के मतदाता तो वोट देते नहीं है, जो थोड़े विदेशी देते थे वह भी चले जाएंगे। क्या हमें यह करना होगा कि राज्य की विधानसभा चुनने के लिए विदेशी वोट दें। उन्होंने राहुल गांधी की तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र किया। जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने पांच नवंबर एक प्रेस कान्फ्रेंस में परमाणु बम फोडा। जिसमें हरियाणा में एक ही घर में 501 वोट पड़ने बताए गए। आयोग ने स्पष्ट किया कि उस हाउस में पुराना एक एकड़ का प्लॉट है। जिसमें कई परिवार रहते हैं। हरियाणा में हुए पहले चुनावों में भी वहां उसी तरह से वोट डाले गए थे।
शाह ने राहुल के ‘एटम बम’ पर ली चुटकी
राहुल गांधी की तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक सादा, दूसरी एटम बम और तीसरी परमाणु बम बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर, पवन खेड़ा, तेजस्वी यादव और संजय सिंह समेत कई के दो-दो जगह वोटर लिस्ट में नाम हैं। लेकिन वह सब आरओ द्वारा नाम ना काटने की वजह से हुए। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जो कहा कि वोटर लिस्ट ठीक नही है। इसे सुधारना चाहिए। एसआईआर के जरिए वही तो किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट पुरानी हो या नई, आपका हारना तय है। यह वोटर लिस्ट से नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब आप जीतते हो तो वोटर लिस्ट सही, हारने पर गलत।
‘वोट चोरी किसको कहते है मैं बताता हूं’
अमित शाह ने कहा कि वोट चोरी, वोट चोरी की बात करते हैं, वोट चोरी किसको कहते है मैं बताता हूं। आजादी के बाद देश का प्रधानमंत्री तय करना था। उस वक्त 28 वोट सरदार पटेल को मिले थे और दो वोट जवाहर लाल नेहरू को। लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू बने। दूसरा उदाहरण उन्होंने रायबरेली से चुनाव जीती पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर दिया। उन्होंने सोनिया गांधी के वोटर लिस्ट में पहले नाम जुडने वाले मामले का कोर्ट में जाने का भी बताया। जिस पर विपक्ष ने विरोध किया।
‘सबसे पहले EVM पर निशान बनाया और अब…’
उन्होंने कहा कि विपक्ष को 2014 के बाद हारने की परंपरा शुरू हुई। उन्होंने सबसे पहले इवीएम को निशाना बनाया। लेकिन इसे भी कांग्रेस लेकर आई। उन्होंने बताया कि आज तक 16 हजार ईवीएम मशीन और वीवीपेट का मिलान हुआ। एक मे भी वोटों में कोई बदलाव सामने नहीं आया। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज का भी 45 दिनों तक रखने और किसी भी शख्स को ऐसे ही ना देने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि 73 सालों तक इस देश में चुनाव आयुक्तों की नियुक्त का कोई कानून नहीं था। नियुक्ती प्रधानमंत्री सीधे करते थे। उन्होंने कुछ मुख्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों के बारे में भी बताया, जिन्हें कांग्रेस काल में सीधे प्रधानमंत्री ने नियुक्त कर दिया।
