जिस सिख अमेरिकी पत्रकार के कंधे का लिया सहारा, उसी ने कर दी राहुल की भंडी
Rahul Gandhi: ‘सोच समझकर बयान दें राहुल’, कांग्रेस सांसद ने जिस सिख का उदाहरण दिया, उसी ने मुद्दे को बताया बेतुका
राहुल गांधी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय की सभा में भलिंदर सिंह से उनका नाम पूछकर कहा था लड़ाई (भारत में) राजनीति की नहीं है। यह अगंभीर है। लड़ाई यह है कि क्या सिख के तौर पर उन्हें भारत में पगड़ी पहने की अनुमति है भारत में कड़ा पहने की अनुमति है या गुरुद्वारे जा सकते हैं। यही लड़ाई सभी धर्मों के लिए है।
राहुल गांधी अमेरिकी यात्रा के दौरान। (File Photo)
नई दिल्ली 13 सितंबर 2024। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान जिस सिख व्यक्ति को संबोधित कर कहा था कि क्या भारत में एक सिख को पगड़ी और कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी, वह भलिंदर सिंह वीरमानी हैं। वह अमेरिका में एक मीडिया संस्थान के सीईओ हैं और एक पत्रकार के तौर पर उस सभा में उपस्थित थे। उनका कहना है कि राहुल ने जो मुद्दा छेड़ा है, वह बेतुका है और इसमें कोई तथ्य नहीं है।
भारत में सिखों को पूरी आजादी
भलिंदर ने एक भारतीय समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि भारत में सिखों को हर जगह अपनी धार्मिक पहचान और चिह्नों के साथ कहीं भी आने-जाने की आजादी है, वे गुरुद्वारे भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सामान्यत: पत्रकार संबोधन के बीच में किसी को नहीं टोकते। जब समय दिया जाता है तो वे प्रश्न करते हैं।
राहुल गांधी का अमेरिका में सम्बोधन
उस सभा में राहुल का 15-20 मिनट का संबोधन था। इसके तत्काल बाद करीब 300 लोगों की भीड़ उन्हें वहां से ले गई। किसी को उनसे सवाल करने का मौका नहीं मिला। चूंकि राहुल ने उनका नाम लिया था तो वह पूछना चाहते थे कि उनसे किसने कहा है कि सिखों को पगड़ी बांधने व कड़ा पहनने की आजादी नहीं है। सिर्फ भारत में नहीं, दुनियाभर में कहां आजादी नहीं है।
राहुल को सीख
भलिंदर ने बताया कि सिख फार जस्टिस (खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का संगठन) द्वारा राहुल की यात्रा का विरोध करने की चर्चा थी, लेकिन बाद में उसने राहुल के बयान का समर्थन किया जो अचंभित करने वाला है। उन्होंने राहुल को नसीहत दी कि वह किसी भी मंच का इस्तेमाल बेहद सोच-समझकर करें।
भारत में पगड़ी पहने की अनुमति
राहुल ने भारतीय समुदाय की सभा में भलिंदर सिंह से उनका नाम पूछकर कहा था, लड़ाई (भारत में) राजनीति की नहीं है। यह अगंभीर है। लड़ाई यह है कि क्या सिख के तौर पर उन्हें (भलिंदर सिंह) भारत में पगड़ी पहने की अनुमति है, भारत में कड़ा पहने की अनुमति है या गुरुद्वारे जा सकते हैं, यही लड़ाई है और सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए। लड़ाई इस बारे में है कि भारत कैसा होगा।