जोशीमठ संकट की रपट ली प्रधानमंत्री ने,हर मदद का आश्वासन

Joshimath Sinking: प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर की मुख्यमंत्री धामी से बात, हालात का लिया जायजा, पूछे ये सवाल

जोशीमठ भूधंसाव के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी खुद नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने रविवार को मुख्‍यमंत्री धामी से फोन पर जोशीमठ की विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं।

जोशीमठ में आईं दरारों को लेकर केंद्र सरकार एक्शन में नजर आ रही है (फोटो सोर्स: PTI)

उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath in Uttarakhand) को भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके साथ ही शहर के क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है। वहीं पीएमओ में इस मुद्दे को लेकर हाई लेवल मीटिंग हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने इस मीटिंग की अध्यक्षता की।

NDRF और SDRF की टीमें मौजूद

अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ में एनडीआरएफ (NDRF) की एक और एसडीआरएफ (SDRF) की चार टीमें मौजूद हैं। इसके साथ ही सीमा प्रबंधन सचिव, एनडीएमए के सदस्य स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को उत्तराखंड जाएंगे।

गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने हिमालयी शहर में चार-पांच स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं और कम से कम 90 और परिवारों को निकाला जाना है। इस बीच चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर गए और दरार वाले मकानों में रह रहे लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की।

गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा, “जोशीमठ में काफी समय से जमीन धंसने की घटनाएं धीरे-धीरे हो रही हैं, लेकिन पिछले एक हफ्ते में इसकी गति बढ़ गई है। घरों, खेतों तथा सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं।” उन्होंने कहा, “पिछले हफ्ते नगर के नीचे पानी का एक स्रोत फूटने के बाद स्थिति और खराब हो गई।”
सुशील कुमार ने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की है। जोशीमठ की नींव कमजोर होने के क्या कारण हो सकते हैं, इसकी वजह एक्सपर्ट्स ने बताई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की
शनिवार को जोशीमठ में प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए नियमों में ढील देने को कहा। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री धामी से बात की है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने नगर में भूमि धँसने और निवासियों की सुरक्षा एवं पुनर्वास के लिए अब तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है।

जोशीमठ भूधंसाव के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी खुद नजर बनाए हुए हैं।

मामले को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी से बातचीत की। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने ट्विट कर यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने फोन पर जोशीमठ की विस्तृत जानकारी ली
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने फोन पर जोशीमठ की विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं। उन्‍होंने जोशीमठ भूधंसाव से होने वाले नुकसान के बारे में भी पूछा।

उन्‍होंने जोशीमठ के लोगों के विस्थापन के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए बारे में भी पूछा। बातचीत में प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मामले में पीएमओ लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी फोन कर हर सम्भव का आश्वासन दिया है। उन्होंने प्रभावितों के विस्थापन को लेकर उठाए जा रहे कदम, नुकसान के बारे में पूछा।

साथ ही कितने परिवार जद में आ रहे हैं, किस तरह वहां पानी निकल रहा है, विस्थापन के लिए क्या प्रयास किए हैं, राहत शिविर में कैसे लोग रह रहे हैं। आगे कैसे उनके की पुनर्वास की व्यवस्था होनी है आदि पर विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में जितने भी शहर हैं उनकी धारण क्षमता कितनी है, क्या वह अपनी धारण क्षमता पर कर चुके हैं, इस बारे में भी जानने की कोशिश की जा रही है।

जोशीमठ पर हाई लेवल मीटिंग करेगा पीएमओ

वहीं जोशीमठ पर पीएमओ रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक करेगा। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर पीके मिश्रा आज प्रधानमंत्री कार्यालय में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा करेंगे।

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