जोशीमठ में दरारें 846 घरों में, धामी मिले शाह से,3-4 माह में होनी है चारधाम यात्रा
जोशीमठ में 849 घरों में दरारें आईं:CM धामी ने अमित शाह से मुलाकात की; बोले- अगले 3-4 महीने में चारधाम यात्रा शुरू होगी
नई दिल्ली 18 जनवरी। जोशीमठ में 849 इमारतों में दरारें आ गई हैं। अब तक 250 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। धामी ने गृहमंत्री को जोशीमठ के मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी है। यह मीटिंग गृह मंत्रालय में करीब आधे घंटे तक चली। शाह से मुलाकात के बाद धामी ने कहा कि अगले 3 से 4 महीने में चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि चार धामों में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल हैं।
जोशीमठ में 849 इमारतों में दरारें आ गई हैं। अब तक 250 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। 615 कमरे का अस्थाई राहत शिविर बनाया गया है, जहां पीड़ित लोगों को रखा गया है।
धामी बोले- कुछ लोग उत्तराखंड के बारे में अफवाह फैला रहे
CM धामी ने कहा कि जोशीमठ में 65 से 70% लोग सामान्य रूप से अपना काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग यहां के बारे में अफवाह फैला रहे हैं। ऐसी अफवाहें देश के लिए भी अच्छी नहीं हैं। अभी भी उत्तराखंड में पर्यटन स्थल औली है, जहां लोग लगातार घूमने आ रहे हैं।
अमित शाह ने आर्थिक मदद का आश्वासन दिया
धामी ने गृहमंत्री को जोशीमठ की स्थिति और लोगों के बचाव के लिए किए जा रहे कामों के बारे में जानकारी दी। जोशीमठ के पीड़ितों के लिए नए स्थान देखे जा रहे हैं, उसको लेकर भी चर्चा की गई है। CM धामी ने कहा कि गृहमंत्री ने आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया है। धामी से पूछा गया कि क्या अमित शाह को जोशीमठ को लेकर कोई रिपोर्ट सौंपी गई है तो CM ने कहा कि जब फाइनल रिपोर्ट आ जाएगी, तब केंद्र को दी जाएगी।
उत्तराखंड के जोशीमठ में जिन 723 घरों में दरारें आई हैं, उनके रहवासियों को अभी डेढ़ लाख रुपए की मदद की जाएगी। 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजा क्या होगा, ये बाद में तय किया जाएगा। एक हफ्ते में सर्वे पूरा होगा और उसके बाद ये मदद दी जाएगी।
3. तेजी से धंसने लगे हैं उत्तराखंड के पहाड़, देश के सबसे लंबे जोशीमठ-औली रोप वे पर खतरा
उत्तराखंड के जोशीमठ में पहाड़ धंस रहे हैं। जोशीमठ और मशहूर स्की रिसोर्ट औली के बीच देश के सबसे लंबे 4.15 किमी के रोप-वे पर खतरा मंडरा रहा है। रोप-वे के टावरों के पास भूस्खलन शुरू हो चुका है। पहाड़ खिसकने से डेढ़ सौ से ज्यादा रिहायशी मकानों में दरारें आ गई हैं। जोशीमठ में 36 परिवारों को शिफ्ट किया गया है।
4. उत्तराखंड के जोशीमठ पर डूबने का खतरा, बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार के कई घर-दुकानों और होटलों में दरारें
चार धाम के प्रमुख धाम बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार कहलाने वाले उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशी मठ के शहर पर डूबने का खतरा है। यहां एक साल में करीब 500 घरों, दुकानों और होटलों में दरारें आई हैं। इस वजह से यह रहने योग्य भी नहीं बचे हैं। शहर के लोगों की आंदोलन की चेतावनी के बाद मंगलवार को प्रशासन ने भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की।
5. जोशीमठ में 700 से ज्यादा घरों में दरारें, एशिया का सबसे लंबा रोपवे बंद
जोशीमठ में बने 700 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी हैं। अब तक 66 परिवार पलायन कर चुके हैं। सुरक्षा के मद्देनजर 38 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जमीन धंसने के बाद जोशीमठ में एशिया का सबसे लंबा रोपवे बंद करने का फैसला लिया गया है।
हजार करोड़ से अधिक हो सकता है जोशीमठ का राहत पैकेज, सोमवार तक केंद्र को रिपोर्ट भेजेगी धामी सरकार
केंद्र सरकार ने भी जोशीमठ को बचाने के लिए हरसंभव सहयोग देने का भरोसा राज्य को दिया है।
सचिव आपदा प्रबंधन डाक्टर रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के जिलाधिकारी को सर्वे कार्य तेज गति से करने को कहा गया है ताकि संपूर्ण रिपोर्ट मिलने के बाद इसी हिसाब से राहत पैकेज के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा सके।आपदाग्रस्त जोशीमठ के पुनर्निर्माण, प्रभावितों के पुनर्वास और राहत कार्यों के मद्देनजर केंद्र से राहत पैकेज प्राप्त करने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुरूप शासन इन दिनों राहत पैकेज का प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है। सोमवार तक इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। यह एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के डीएम को सर्वे कार्य तेज गति से करने को कहा गया है, ताकि संपूर्ण रिपोर्ट मिलने के बाद इसी हिसाब से राहत पैकेज के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा सके। सप्ताहभर में इसे केंद्र को भेज दिया जाएगा।
जोशीमठ को लेकर हाल में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में आपदा प्रभावितों को कई तरह की राहत देने पर मुहर लगाई गई थी। साथ ही जोशीमठ के पुनर्निर्माण, पुनर्वास व राहत कार्यों में तेजी के दृष्टिगत केंद्र से राहत पैकेज प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया था। केंद्र सरकार ने भी जोशीमठ को बचाने के लिए हरसंभव सहयोग देने का भरोसा राज्य को दिया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी दी, तथा आपदा राहत हेतु केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालय, श्री बद्रीनाथ जी का शीतकालीन निवास स्थान है, तथा सामरिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है। यद्यपि भू-स्खलन, भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है परन्तु 02.01.2023 की रात से भवनों में मोटी दरारें दृष्टिगोचर हुई तथा जे0पी0 प्लान्ट के नीचे 500 एल0पी0एम0 की नई धारा फूटने की शिकायत प्राप्त हुई।
उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है, पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 है, उस में से 849 भवनों में चौड़ी दरारें परिलक्षित हो चुकी है, अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं, सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरन्तर बढ़ रहे हैं। जबकि पुनर्वास हेतु पांच स्थल चिन्ह्ति किये गये है, जिनका भू-गर्भीय परीक्षण किया जा रहा है। जोशीमठ के कुल 09 वार्ड में से 04 वार्ड पूर्णरूपेण प्रभावित हैं जबकि 08 केन्द्रीय तकनीकी संस्थान प्रभावित क्षेत्र में वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे है।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया कि 16 से 22 अगस्त 2022 के मध्य MULTI DISCIPLINARY COMMITTEE (USDMA, GSI, IIT, Roorkee, CBRI, Roorkee, WIHG) ने क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण किया था एवं भू-धंसाव के कारण एवं उपाय इंगित किये गये थे साथ ही सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा 05 से 07 जनवरी 2023 के मध्य MULTI DISCIPLINARY COMMITTEE (USDMA, GSI, IIT, Roorkee, CBRI, Roorkee, WIHG) के माध्यम से स्थलीय निरीक्षण किया था एवं कतिपय Concrete recommendation किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 2023 पी0एम0ओ0, भारत सरकार के द्वारा कैबिनेट सचिव, NDMA तथा USDMA के अन्य केन्द्रीय विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक आहूत की गई। तथा 09 जनवरी 2023 को MHA, GOI की High Powered Team एवं NDMA के समस्त सदस्यों द्वारा देहरादून में वस्तुस्थिति की समीक्षा एवं जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी तथा गढ़वाल आयुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जोशीमठ क्षेत्र में कैम्प किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न केन्द्र्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्शोंपरान्त प्रारम्भिक रूप से अवगत कराया गया है कि क्षेत्र में वृहद् पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी जिसका FINAL ESTIMATION तकनीकी परीक्षण समाप्त होने के उपरान्त प्राप्त होगा।मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों के लिये तात्कालिक राहत शिविरों की व्यवस्था, Prefabricated Transit Shelter, स्थायी पुनर्वास, नवीन स्थल विकास, आवास निर्माण, मूलभूत सुविधायें यथाः स्कूल, कालेज, drainage, sewerage आदि, जोशीमठ का पुर्ननिर्माण, विस्तृत तकनीकी जांच, भू-स्खलन की रोकथाम, सम्पूर्ण जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाईन की व्यवस्था, समस्त घरों का सीवर लाईन से जुड़ाव आदि मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिये मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से केंद्रीय सहायता के लिये अनुरोध किया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने जोशीमठ के भू-धंसाव क्षेत्र के प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।