ज्ञान:दो करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड क्यों किये गए बंद?
Unique Identification Authority Of India Uidai Has Deactivated Over 2 Crore Aadhaar Numbers Of Deceased Persons
2 करोड़ से ज्यादा लोगों के आधार नंबर डिएक्टिवेट, UIDAI ने क्यों उठाया ये कदम? जानें क्या है वजह
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने मृत व्यक्तियों के 2 करोड़ से अधिक आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है। इसका मकसद आधार डेटाबेस को सटीक बनाए रखना है।
नई दिल्ली 26 नवंबर2025 : आधार से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 2 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोगों के आधार नंबरों को डिएक्टिवेट कर दिया है जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। यह अहम कदम रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया, राज्यों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से मिली जानकारी के आधार पर उठाया गया है। अब परिवार के सदस्य भी MyAadhaar पोर्टल पर अपने किसी प्रियजन की मृत्यु की सूचना दे सकते हैं। इससे आधार डेटाबेस को तुरंत अपडेट करने में मदद मिलेगी।
UIDAI ने यह फैसला आधार डेटाबेस को हमेशा अपडेट रखने और किसी भी तरह के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए लिया है। मरे हुए लोगों के आधार नंबरों को हटाने से यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों तक पहुंचे जो इसके हकदार हैं। UIDAI का यह प्रयास आधार प्रणाली को और ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि हर आधार नंबर सही व्यक्ति से जुड़ा हो।
क्यों जरूरी है यह कदम?
किसी भी आधार नंबर को दोबारा किसी और को नहीं दिया जाता है। लेकिन, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद, उसके आधार नंबर को निष्क्रिय करना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पहचान की धोखाधड़ी को रोका जा सके। साथ ही किसी अन्य को भी उस आधार नंबर का इस्तेमाल करके सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने से भी रोका जा सके।
क्या है नई सुविधा?
यूआईडीएआई ने इस साल की शुरुआत में एक नई सुविधा भी लॉन्च की है, जिसके तहत मृत आधार कार्ड धारक की सूचना परिवार के सदस्यों की ओर से दी जा सकती है। यह सुविधा वर्तमान में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मृत आधार कार्ड धारकों के परिवारों को मिल चुकी है। वे इसके लिए मायआधार पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पोर्टल के साथ इंटीग्रेशन प्रक्रिया पर अभी काम चल रहा है।
