टाइम्स का सर्वे: आराम से तीसरी बार केन्द्रीय सत्ता में आ रही है भाजपा,आआपा को निराशा

 

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लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कितनी सीटें? केजरीवाल को परेशान करने वाला है यह सर्वे

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा सर्वे हुआ है। इसमें देखा गया है कि आज चुनाव हुए तो स्थिति क्‍या होगी। सर्वे में भाजपा के लिए बड़ी खुशखबरी है। वह लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्‍ता में काबिज होती दिख रही है। दूसरी ओर से आम आदमी पार्टी को इस सर्वे से काफी निराशा होगी।

हाइलाइट्स
लोकसभा चुनाव को लेकर टाइम्‍स नाउ नवभारत का सर्वे
विजयी रथ पर लगातार तीसरी बार सवार दिख रही है भाजपा 
आम आदमी पार्टी के लिए सर्वे में है बड़ी मायूसी

नई दिल्‍ली 01 जुलाई: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर माहौल बन रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को तीसरी बार केंद्र की सत्‍ता में आने से रोकने के लिए विपक्षी दल जुट रहे हैं। इसे लेकर एक बड़ा सर्वे आया है। यह सर्वे हमारे सहयोगी चैनल टाइम्‍स नाउ नवभारत ने ईटीजी के साथ मिलकर किया है। इसमें यह देखा गया है कि अगर आज आम चुनाव हों तो पलड़ा किस ओर कितना भारी बैठेगा। सर्वे के आंकड़े आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी मायूसी दे सकते हैं। वह सीन में नहीं दिख रही है। सर्वे के मुताबिक, अगर आज चुनाव हों तो उसे अधिकतम 7 सीटें मिलेंगी। यह दिल्‍ली और पंजाब की सत्‍ता में काबिज आप और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका है।
खास बात यह है कि सर्वे विपक्षी दलों के एकजुट होने की कवायद के बीच भी जारी रहा। विपक्षी एकजुटता की इस मुहिम में केजरीवाल केंद्र में रहे। ठीक इसी वक्‍त राजधानी में केंद्र के अध्‍यादेश के खिलाफ वह विपक्षी दलों से समर्थन जुटाने के लिए मिले। यह और बात है कि लोकसभा चुनाव में जनता उन्‍हें कुछ खास तवज्‍जो देती नहीं दिख रही है। सर्वे से तो यही मालूम देता है।

आज चुनाव हुए तो BJP और कांग्रेस को कितनी सीटें? सर्वे में राहुल पर चौंकाने वाले नतीजे

अभी तक विपक्षी एकता में सबसे बड़ा पलीता लगाने वाले केजरीवाल ही साबित हुए हैं। उन्‍होंने साफ कह दिया है कि दिल्‍ली में केंद्र के अध्‍यादेश के खिलाफ कांग्रेस ने उन्‍हें समर्थन नहीं दिया तो AAP विपक्ष की एकजुटता की कवायद में शामिल नहीं होगी। कांग्रेस और AAP के तेवर इस मुद्दे पर तीखे दिख रहे हैं। दोनों एक-दूसरे पर हमलावर हैं।

AAP 4-7 सीटों पर द‍िख रही है स‍िमटती

सर्वे के मुताबिक, आज आम चुनाव हों तो भाजपा और सहयोगी दलों को 285-325 सीटें मिलेंगी। यानी तीसरी बार वह आसानी से अपने बूते सरकार बनाने में समर्थ है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को सर्वे में 111-149 सीटें मिली हैं। आप के लिए सर्वे में भारी निराशा है। उसे सिर्फ 4-7 सीटें मिलती दिख रही हैं।

किसे कितनी सीटें?
BJP+ 285-325
INC+ 111-149
TMC 20-22
YSRCP 24-25
BJD 12-14
BRS 9-11
AAP 4-7
SP 4-8
अन्य 18-38

 

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Loksabha Election: उप्र में कितनी काम आएगी अखिलेश की ‘लामबंदी’, आज ही हुए चुनाव तो सपा-भाजपा को कितनी सीटें?

लोकसभा चुनाव को लेकर एक सर्वे सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि अगर आज चुनाव हुए तो किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी? इस सर्वे के मुताबिक उप्र में भाजपा को 50 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं।

हाइलाइट्स
लोकसभा चुनाव को लेकर सर्वे आया सामने
भाजपा को उप्र में मिल सकती हैं 72 सीटें
सपा को 6 से 8 सीटों पर मिल सकती है जीत

लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अभी कैंपेनिंग शुरू भी नहीं की है लेकिन हर किसी के मन में यह सवाल है कि इस बार चुनाव में क्या होगा? विपक्ष के महागठबंधन की तैयारियों को मोदी की एक और लहर बहा ले जाएगी या फिर ऐंटी-इनकंबेंसी जैसी कोई चीज असरदार होगी और तीसरे मोर्चे की किसी सरकार की गुंजाइश होगी। इसे लेकर टाइम्स नाउ नवभारत ने सर्वे कराया है कि अगर आज चुनाव हुए तो किस पार्टी की क्या स्थिति होगी? इस सर्वे के आधार पर तो केंद्र में मोदी सरकार की वापसी तय मानी जा रही है। कांग्रेस की सीटें बढ़ने का अनुमान भी है लेकिन ओवरऑल बीजेपी को हटाने में अभी विपक्षी एकता नाकाम दिख रही है। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी अजेय साबित होने वाली है। उसे 2019 के चुनाव से ज्यादा वोट मिलने की संभावना भी है।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। टीवी चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की ओर से कराए गए सर्वे में बताया गया है कि अगर आज चुनाव होते हैं तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 68 से 71 सीटों पर जीत मिल सकती है। समाजवादी पार्टी को 4 से 8 सीटों पर जीत मिल सकती है। वहीं कांग्रेस के खाते में 1 से 2 सीटें जा सकती हैं। बीएसपी के खाता न खुलने का दावा किया गया है लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि उसे एक सीट मिल सकती है। अन्य दलों को 3 से 4 सीटें मिलने का अनुमान है। वोट शेयर की बात करें तो अगर आज चुनाव हुए तो बीजेपी को 50.30 फीसदी का वोट शेयर मिलता दिख रहा है। वहीं सपा को 29.20 प्रतिशत, कांग्रेस को 5.7, बीएसपी को 6.9 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं।

उप्र क्यों है महत्वपूर्ण 

भारत की राजनीति में एक जुमला काफी लोकप्रिय है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। यही कारण है कि 80 सीटों पर वाले इस सूबे को हर राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत लगाकर जीत लेना चाहता है। मौजूदा राजनैतिक परिदृश्य में प्रदेश में सपा और बीजेपी के बीच मुख्य टक्कर मानी जा रही है। बीजेपी खासतौर पर उत्तर प्रदेश को साधने के लिए हर कोशिश करती नजर आ रही है। दरअसल, लंबे समय तक भाजपा की राजनीति के केंद्र रहे राम मंदिर आंदोलन का लक्ष्य यहीं साकार हो रहा है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहीं की वाराणसी सीट से चुनाव लड़ते हैं। हिंदुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी को इस प्रदेश में बीते दो चुनावों से अप्रत्याशित सफलता भी मिली है। साल 2014 के मोदी लहर में भाजपा को यहां से 71 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, 2019 के चुनाव में सीटों की संख्या कम हुई और भाजपा 64 पर सिमट गई।

क्या है उप्र की राजनीति का हाल

2019 में प्रदेश के दो बड़े विपक्षी दल सपा और बसपा साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। यही कारण था कि बीजेपी की सीटों में कमी आई। हालांकि, इस बार प्रदेश के राजनीतिक समीकरण ज्यादा स्पष्ट नहीं हैं। भाजपा से मुकाबला कर रही सपा इस बार किसके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी यह तय नहीं है। सपा राष्ट्रीय स्तर पर उभर रहे विपक्षी दलों के गठबंधन के तो साथ है लेकिन प्रदेश में उसकी किसी भी दल से नहीं पट रही है। सुभासपा और महान दल ने विधानसभा चुनाव के बाद से सपा का साथ छोड़ दिया। आए दिन यह बात उठती है कि सपा की प्रमुख सहयोगी रालोद भी उसका साथ छोड़ने की तैयारी में है, जिसका अच्छा-खासा प्रभाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। हालांकि, राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश में जबर्दस्त ध्रुवीकरण की स्थिति बताई जा रही है। इसकी छाया उपर्युक्त सर्वे में देखी जा सकती है, जिसमें अभी भी बीजेपी का प्रभाव यूपी में कम होता नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी उत्तर प्रदेश में माहौल बन रहा है।

ओवरऑल क्या हैं नतीजे

ओवरऑल नतीजों की बात करें तो सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 285 से 325 सीटों पर विजयी होने का आनुमान लगाया गया है। कांग्रेस को 111-149 सीटें हासिल हो सकती हैं। टीएमसी को 20 से 22, वाईएसआरसीपी को 24 से 25, बीजेडी को 12-14, बीआरएस को 9-11, आप को 4 से 7, सपा को 4 से 8 और अन्य दलों को 18 से 38 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। यानी कि एक बार फिर से मोदी सरकार की वापसी की संभावनाएं जताई गई हैं।

यह सर्वे काफी बड़े पैमाने पर किया गया। इसमें सैंपल साइज 1 लाख 35 हजार है। इसका मतलब यह है कि सर्वे को तैयार करने में इतने लोगों का रिऐक्‍शन लिया गया। बताया गया है कि सर्वे में 60 प्रतिशत लोगों की प्रतिक्रिया टेलीफोन और 40 प्रतिशत की डोर-टू-डोर जाकर ली गई।

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