दरोगा भर्ती घोटाले का कलंक धोने को हरीश रावत ने छानी जलेबी
HARISH RAWAT REACTS ON 2015 16 DAROGA RECRUITMENT SCAM
दारोगा भर्ती घोटाले पर सोचा चुप रहूं लेकिन…ये दाग है!
दारोगा भर्ती स्कैम को लेकर कांग्रेस सरकार का नाम बार-बार उठने पर अब खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुप्पी तोड़ते हुए अपनी बात सामने रखी है. हरीश रावत ने माना कि ये भर्ती उनके कार्यकाल में हुईं लेकिन उन्होंने इसके निर्देश दिए क्योंकि काफी सालों से ये भर्ती रुकी हुई थी. इसके साथ ही उन्होंने इस घोटाले को पुलिस विभाग पर एक दाग बताया है.
देहरादून 18 जनवरी: साल 2015-16 में हुई दारोगा भर्ती में सामने आए घोटाले को लेकर जहां कांग्रेस भाजपा सरकार को सीबीआई जांच के लिए कह रही है तो वहीं भाजपा का कहना है कि ये घोटाला तत्कालीन हरीश रावत सरकार में हुआ था. इस प्रकरण पर एक दिन पहले ही तत्कालीन गृह मंत्री रहे प्रीतम सिंह (पूर्व नेता प्रतिपक्ष व वर्तमान कांग्रेस विधायक) ने भी ये बात स्वीकार की थी ये घोटाला कांग्रेस सरकार के समय हुआ है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप में पड़ने के बजाय पूरे मामले की सीबीआई जांच की जाए. अब इस मामले पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी चुप्पी तोड़ी है.
अब सोशल मीडिया में हरीश रावत ने लिखा है कि, दारोगा भर्ती नकल प्रकरण में पहले उन्होंने सोचा था कि वो चुप ही रहें क्योंकि यह भर्तियां उनके कार्यकाल में हुई थीं और वर्षों से नहीं हुई थी,तो इसलिए उन्होंने यह भर्तियां करने के निर्देश दिए थे.इसी तरीके से बहुत सारी डीपीसीज,कैडर रिव्यू और एश्योर करियर प्रमोशन की स्कीम आदि को भी उन्होंने क्रियान्वित किया था,ताकि कर्मचारियों को भी उनका उचित पुरस्कार मिल सके.
उत्तराखंड पुलिस पर बड़ा दाग
हरीश रावत ने आगे लिखा कि,यदि पता करेंगे तो ऐसे आधे से ज्यादा निर्णय कांग्रेस के 2014 से 2016-17 के कार्यकाल में ही हुए हैं. मगर दारोगा भर्ती प्रकरण में जिस तरीके से उनके कार्यकाल को निशाना बनाया जा रहा है तो ऐसे में उनका आग्रह है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाए. इसमें आईजी विजिलेंस,एडीजी विजिलेंस,एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीजीपी,इन सबसे भी पूछताछ की जानी चाहिए.ऐसा इसलिए क्योंकि पुलिस के घर में पुलिसवालों में इस तरीके की नकल और भ्रष्टाचार,उत्तराखंड पुलिस पर एक बड़ा दाग है और इस दाग से हममें से कोई नहीं बच सकता है.इसलिए उन सबको भी कानून और पूछताछ के दायरे में लाया जाना चाहिए.
हरीश रावत ने कहा कि यदि पुलिस अपने ही बीच में विश्वास की रक्षा नहीं कर सकती है तो फिर राज्य के लोगों के विश्वास की रक्षा क्या कर पाएगी? यह प्रकरण अत्यधिक चिंताजनक है, यदि इसका इलाज नहीं हुआ तो फिर यह कैंसर की तरह उत्तराखंड राज्य का शरीर गलाएगा.
पटवारी परीक्षा लीक पर भी दागे सवाल
इसके साथ ही UKSSSC पेपर लीक के बाद UKPSC की लेखपाल-पटवारी परीक्षा का भी पेपर लीक होने के मुद्दे पर हरीश रावत ने अपनी बात सामने रखी है.उन्होंने लिखा कि पब्लिक सर्विस कमीशन में परीक्षा को तत्पर लड़के और लड़कियों से बातचीत करने के बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि उनके दिल और दिमाग में एक बड़ा सदमा पहुंचा है.उनको लगता है कि जो पर्चा लीक है,यह न जाने कितने समय से चल रहा था और इसके पंजे इतने व्यापक हैं.
इसके साथ ही यह एक खास किस्म के उन परीक्षार्थियों को जो लोग कोचिंग सेंटर आदि के माध्यम से आ रहे हैं उनको लाभ पहुंचाने और ऐसे परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है जिनसे भ्रष्टाचार की जो कीमत वसूली जा रही है उसकी कहीं चर्चा न हो. जिनसे पैसा वसूला गया है उसमें स्थानीय लड़के-लड़कियां कम हैं और बाहर के लड़के-लड़कियां ज्यादा हैं, तो यह गिरोह कितना बड़ा है, ये उनके मन और उनके विश्वास को डिगा रहा है.
विश्वास खो चुके हैं परीक्षार्थी
हरदा ने आगे कहा कि, यदि परीक्षार्थी पहले से ही विश्वास खो चुका हो तो फिर परीक्षा में उसका असर पड़ेगा, तो इसका समाधान निकालना चाहिए. या तो आप उनकी काउंसलिंग करिए, उनसे बातचीत करके कोई मैकेनिज्म निकालिए ताकि वो ठीक तरीके से अध्ययन करें और ठीक तरीके से परीक्षा दें, और या आप सिस्टम को बदलिए, दुरस्त करिए. प्रणाली को फुलप्रूफ बनाइए ताकि लोगों को यह लगे कि अब गड़बड़, पर्चा लीक, नकल आदि नहीं होगी.
उल्लेखनीय है कि हाल ही सामने आ रहे भर्ती घोटालों और पेपर लीक मामलों को लेकर कांग्रेस की ओर से सरकार को घेरने को पूरी तरह से घेराबंदी हो रही है. गढ़वाल से कुमाऊं तक कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाला हुआ है. कांग्रेस सीधे तौर पर सीबीआई जांच की मांग उठा रही है.