खान सर और दिव्यकीर्ति जैसों के जाल में ना फंसें छात्र:सुलखानसिंह:

विकास दिव्यकीर्ति और खान सर जैसे लोगों के झांसे में न फंसें छात्र- सुलखान सिंह

कथित पूर्व आईएएस अधिकारी विकास दिव्यकीर्ति की बहु-प्रचारित कोचिंग पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके पहले इसी कोचिंग पर 3 लाख का जुर्माना लगाया जा चुका। इस कोचिंग सेंटर को दिल्ली नगर निगम ने सील भी किया था लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात।

जो कोचिंग संचालक मीठी, चिकनी चुपड़ी बातें कर लेते हैं, वे प्रतियोगियों को आकर्षित करने में सफल हैं। मैंने विकास दिव्यकीर्ति और खान सर को असंगत और प्रतियोगी परीक्षाओं से बिल्कुल गैरजरूरी बातें करते सुनता था तो आश्चर्य होता था कि यह कौन सी उपयोगी बातें कर रहे हैं? अब पता चला है कि यह तो विज्ञापन है!

मैं प्रतियोगी छात्रों को सलाह देना चाहता हूं कि कोचिंग के भ्रमजाल में न फंसिए, इनका कोई लाभ नहीं है। प्रतियोगिताओं कौ निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखिये –

1. अपना वैकल्पिक विषय, अपनी रुचि के हिसाब से तय करें। फला विषय ज्यादा स्कोरिंग है आदि जैसे बातों में न फंसिए। जो विषय पढ़ने में आनंद आता है, वही आपका रुचि वाला विषय है। खाली समय में अगर लगे कि फलां सब्जेक्ट पढ़ा जाये, तो वह निश्चित रूप से आपकी रुचि का विषय है। आप अपनी रुचि के विषय की ही अच्छी तैयारी कर सकते हैं।

इसी के साथ जरूरी है कि आप अपनी परीक्षा का माध्यम भाषा सही चुने। इस स्टेज़ पर अब किसी नई भाषा में दक्षता पाना कठिन है अतः जिस भाषा में आप अपने आप को अच्छी तरह अभिव्यक्त (express) कर सकें, वही भाषा चुनें।

2. अपनी तैयारी स्वयं करिये। किसी अनुभवी और गंभीर प्रतियोगी से परामर्श कर सकते हैं भले ही वह सफल न हुआ हो।

3. सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस, संघ लोक सेवा आयोग अथवा डीओपीटी की वेबसाइट से डाउनलोड कर लीजिए। अन्य किसी भी परीक्षा का भी सर्वप्रथम सिलेबस डाउनलोड करें। इस सिलेबस को प्रिंट करके अपने पास रखें।

4. सिलेबस के अनुसार 100% तैयारी करें। सेलेक्टिव पढ़ाई से काम नहीं चलेगा।

5. कम्पल्सरी विषयों की पूरी तैयारी करिए चाहे वे अच्छे लगें या न लगें। कुछ भी छोड़ना नहीं है।

6. वैकल्पिक विषय का स्तर,स्नातकोत्तर स्तर का होता है और कम्पल्सरी विषय का स्तर सामान्य होता है। इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर की पुस्तकें, अनिवार्य विषय को पर्याप्त रहेंगी।

7. एक दैत्य CSAT परीक्षाओं में घुस गया है। इसको बाजार में उपलब्ध अच्छी पुस्तकों से तैयारी करें।

8. आजकल यूपीएससी और अन्य परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र एवं उत्तर तालिकाएं उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। कम-से-कम पांच साल के प्रश्न-पत्र डाउनलोड कर लें। इनका गहन अभ्यास करें। पांच वर्षों के कट-आफ भी डाउनलोड कर लें।

9. सही पूरी पोशाक पहनकर मेज पर बैठें। निर्धारित समय में प्रश्न-पत्र हल करें। फिर उत्तर से मिलान किसी दूसरे से करवायें और अपना स्कोर देखें। पुराने कटआफ से मिलान करके अपनी प्रगति देखें।

10. एतदुपरांत, एक-दो घंटे बाद, उसी प्रश्न-पत्र को पुनः हल करें। अब अपनी टाइमिंग देखें और स्कोर भी। दोनों की तुलना करें।

11. इसी प्रकार, लिखित परीक्षा के प्रश्न-पत्र, जो निबंधात्मक होते हैं, भी हल करें। निर्धारित समय में सभी प्रश्न करने का बारंबार अभ्यास करें। यह बहुत जरूरी है। विभिन्न प्रश्नों को उचित समय दें। कोई प्रश्न बिना हल किया हुआ अथवा आधा-अधूरा न रहने पावे।

12. याद रखिए, अच्छी तरह से हल किए गए सभी सवाल आपको ज्यादा नंबर दिलायेंगे बजाय बहुत अच्छी तरह से हल किए गए कुछ प्रश्नों के। इसलिए, प्रश्नों के बीच समय का उचित बंटवारा करें।

13. लिखित परीक्षा का अभ्यास बहुत जरूरी है ताकि आप सभी प्रश्न अच्छी तरह और निर्धारित समय में कर सकें।

14. सभी सवाल हल करने पर चेक कर लें कि कहीं कोई नंबरिंग इत्यादि की भूल तो नहीं हो गई है।

15. मैंने देखा है कि कोचिंग वाले, इन्हीं बाजार में उपलब्ध पुस्तकों से सामग्री लेते हैं। मैंने अनेक कोचिंग वालों की पाठ्य सामग्री आनलाइन देखी है। मैं कह सकता हूं कि उसका स्तर बहुत ऊंचा नहीं है। अधिकतर तो औसत से नीचे मिला। इसलिए मेरे मत में कोचिंग के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।

16. अगर आप इंटरव्यू में पहुंचते हैं तो, व्यक्तित्व परीक्षण की मेंटरिंग लाभकारी रहेगी। लेकिन यह जरूरी है कि संबंधित मेंटर/कोचिंग के पास अनुभवी मेंटर्स हों। जो अधिकारी UPSC  अथवा राज्य पब्लिक सर्विस कमीशन के साक्षात्कारों में जा चुका है,वही उचित मेंटरिंग कर सकता है। इसके अलावा, पूर्व में इंटरव्यू दे चुके प्रतियोगी भी कुछ उपयोगी टिप्स दे सकते हैं।

17. एक बात और। अपने पर भरोसा करिए। जो काम कोई भी कर सकता है, वह काम आप भी कर सकते हैं। फ़ौज में एक कहावत है, “Difficult we do immediately; the impossible may take some time”. अर्थात्, “कठिन काम हम तुरंत कर लेते हैं; असंभव में थोड़ा समय लग सकता है “।

18. सबसे जरूरी – एक बार की असफलता कोई मायने नहीं रखती। इससे घबड़ाइए नहीं। याद रखिए कि कोई प्रतियोगी, इसलिए नहीं असफल होता है कि वह कमजोर है, बल्कि इसलिए कि रिक्तियां/vacancies कम होती हैं। सभी अच्छे कैंडीडेट्स सेलेक्ट नहीं हो सकते। मेरे साथ सिविल सेवा परीक्षा में, मेरे क्लास का टॉपर और मुझसे अधिक अंक पाने वाले कई अभ्यर्थी, सफल नहीं हो सके थे। जीवन यात्रा में बहुत से संयोग होते हैं।

19. याद रखिए कि कोई भी परीक्षा हम रोजगार पाने के लिए देते हैं। यह हमारे जीवन का अंत नहीं है। इसलिए असफलता से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। जो रोजगार मिले,उसे ले लीजिए,छोड़िए नहीं। उसके बाद भी आप अन्य परीक्षाओं में बैठ सकते हैं।

आपके ऊपर अपने माता-पिता भाई-बहन और बीबी बच्चों की जिम्मेदारी है। इसलिए गंभीरता से रोजगार को प्रयास करिए। माता-पिता पर उनके संसाधनों से अधिक वित्तपोषण का दबाव न डालिए।

20. सुबह शाम पंद्रह मिनट ध्यान करिए । इससे कंसेंट्रेशन बढ़ता है और आप कम समय में ज्यादा ज्ञान आत्मसात कर सकेंगे।

परमात्मा आपको सफल बनाये।

लेखक सुलखान सिंह उप्र के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं।

 

दृष्टि IAS का झूठ बेनकाब, जुर्माना भरेगा, 54 संस्थानों से सतर्क रहें UPSC छात्र!

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने चर्चित कोचिंग संस्थान दृष्टि IAS पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई 2022 के परीक्षा परिणामों को लेकर प्रकाशित भ्रामक विज्ञापन पर की गई है।

क्या था मामला?

संस्थान ने दावा किया था कि उसके मार्गदर्शन से 216 से अधिक उम्मीदवार चयनित हुए। लेकिन जांच में पता चला कि इसमें से 162 अभ्यर्थी (करीब 75%) केवल इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम से जुड़े थे, जिन्होंने प्री और मेंस परीक्षा अपनी मेहनत से पास की थी। केवल 54 उम्मीदवार ही इंटरव्यू गाइडेंस के साथ अन्य कोर्स में नामांकित थे।

इस प्रकार अधिकांश सफलताओं में संस्थान का योगदान न के बराबर था।

सीसीपीए की टिप्पणी

सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि यह विज्ञापन छात्रों और अभिभावकों को बहकाने वाली अनुचित व्यापारिक प्रथा है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 में इसे गंभीर उल्लंघन माना गया है, क्योंकि इससे अभ्यर्थियों की निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्रभावित होती है।

पहले भी हो चुकी कार्रवाई

यह पहला मौका नहीं है जब दृष्टि IAS पर ऐसी कार्रवाई हुई हो। सितंबर 2024 में भी UPSC 2021 के नतीजों को लेकर संस्थान ने 150 से अधिक सफलताओं का दावा किया था। जांच में सामने आया कि 161 नामों में से 148 उम्मीदवार केवल इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम से जुड़े थे। तब सीसीपीए ने संस्थान पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और भ्रामक विज्ञापन रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद 2022 में फिर बड़े दावे किए गए।

अन्य संस्थानों पर भी शिकंजा

सीसीपीए का कहना है कि सभी कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापनों में सटीक और पारदर्शी जानकारी देनी होगी। अब तक 54 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी हो चुके हैं, जबकि 26 पर 90.6 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है।

पत्रकार विवेक त्रिपाठी इस पर लिखते हैं-

दृष्टि आईएएस कोचिंग के झूठ का पता चला!! सफलता की झूठी कहानियां गढ़ती है.. सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के साथ ये छल नहीं तो क्या है!!

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण यानि सीसीपीए ने प्रतिष्ठित दृष्टि कोचिंग संस्थान के उन दावों को फर्जी बताया पाया है जिसमें वर्ष 2022 में यूपीएससी में 216 अभ्यर्थियों का सेलेक्शन होने की बात कही गई थी.

सीसीपीए ने खुलासा किया है कि दृष्टि कोचिंग संस्थान ने जिन 216 अभ्यर्थियों के सेलेक्शन का दावा किया था, उसमें से 162 संस्थान के मुफ्त निशुल्क इंटरव्यू गाइडेंस प्रोगाम में शामिल हुए थे. इसका मतलब ये है कि वो अभ्यर्थी जिनका विज्ञापनों में जिक्र था, प्री और मेन्स एग्जाम दे चुके थे और दृष्टि के पास सिर्फ इंटरव्यू की तैयारी करने आए थे. कुल 216 में से मात्र 54 अभ्यर्थी ऐसे मिले जिन्होंने नियमित कोर्स में दाखिला लिया था.

दृष्टि कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापन में 216 अभ्यर्थियों के सिलेक्शन का प्रचार-प्रसार कर रहा था. दृष्टि के इस झूठ के खुलासे पर सीसीपीए ने संस्थान पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

मजे की बात ये है कि पिछले साल भी सीसीपीए ने दृष्टि कोचिंग संस्थान पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था क्योंकि यूपीएससी 2021 के रिजल्ट में दृष्टि कोचिंग संस्थान ने 161 अभ्यर्थियों के सेलेक्शन का दावा किया था.

तब सीसीपीए की जांच में पता चला था कि 161 में से 148 अभ्यर्थी संस्थान के इंटरव्यू गाइडेंस प्रोगाम में शामिल हुए थे. सीसीपीए का मानना है कि इस तरह की जानकारी छिपाना या भ्रामक जानकारी देना अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से खिलवाड़ है.

दृष्टि कोचिंग संस्थान की तरह सीसीपीए ने 54 और कोचिंग संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की है. इन संस्थाओं को नोटिस जारी किए गए हैं. भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथा के मामले में 26 संस्थानों पर 90.6 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. तो अपने बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी कराने से पहले कोचिंग संस्थान के दावों की अच्छी तरह से जांच कर लें..

कानपुर के उत्कर्ष एकादमी भी ऐसे ही दावे करती है, जो डा० प्रदीप दीक्षित चलाते हैं। केवल मॉक इंटरव्यू में से सिलेक्ट अभ्यर्थियों को अपना प्रतियोगी कहना ही इनका खेल है। मुझे नहीं लगता कि दस प्रतियोगी भी इनके यहाँ पढ़कर सिलेक्ट हुए होंगे। – अरविंद त्रिपाठी

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