देह व्यापार में पुलिस पीडिताओं से उदासीन और होटल मालिक से उदार, छूट जाते हैं आरोपित

पीड़ित हो गई ‘गायब’, देह व्यापार के तीन आरोपित दोषमुक्त; कोर्ट ने दिए कार्रवाई के आदेश
देहरादून में एक हैरान करने वाले मामले में, एक ‘गायब’ पीड़ित और देह व्यापार के तीन आरोपितों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।

कोर्ट ने दिए मामले में कार्रवाई के आदेश

पीड़ित के ‘गायब’ होने से मामला उलझा

देहरादून 10 दिसंबर 2019। न्यायालय अपर जिला एवं सेशन जज फास्ट ट्रैक कोर्ट (पोक्सो) रजनी शुक्ला की अदालत ने देह व्यापार के एक मामले में साक्ष्यों के अभाव के चलते होटल के मैनेजर व दो ग्राहकों को दोषमुक्त कर दिया। अभियोजन पक्ष देह व्यापार में बरामद पीड़ितों को कोर्ट में पेश नहीं कर पाई वहीं होटल के मालिक को भी आरोपित नहीं बनाया। अब अदालत ने जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किए हैं कि होटल मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई करें और विवेचक इस तरह की लापरवाही न बरतें।

27 जनवरी 2018 को उपनिरीक्षक प्रदीप रावत ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट लेकर विकासनगर बस स्टैंड के साथ सम्राट होटल पहुंचे जहां देह व्यापार चल रहा था। पुलिस टीम होटल में पहुंची तो यहां एक कमरे में एक व्यक्ति आपत्तिजनक स्थिति में पाया। वह पुलिस देख दरवाजे के पीछे छिप गया।

उसके साथ बिस्तर में एक महिला भी थी, जिसने बताया कि वह बंगाल की है। आरोपित ने अपना नाम हरि किशोर (निवासी छपरा बिहार वर्तमान निवासी विकासनगर ) बताया। आरोपित की जेब से आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ। वहीं दूसरे कमरे में एक लड़की मिली जिसने खुद को गौतमबुद्ध नगर का बताया।

पूछताछ में दोनों महिलाओं ने बताया कि नावेद अली उन्हें कपड़े सिलाई का कार्य करने के नाम पर लाया है व उनसे गलत काम करवाने लगा। कुछ ही देर बाद पुलिस ने होटल पहुंचे नावेद अली (निवासी गौतमबुद्धनगर)  को पकड़ लिया। उसने खुद को होटल का कर्मचारी बताया और कहा कि वह सस्ते रेट पर कमरे उपलब्ध करवाता है और इसके लिए पहचानपत्र भी नहीं देना पडता।

होटल के आगंतुक कक्ष में बैठे मैनेजर सूरत सिंह निवासी त्यूनी से जब आगंतुक रजिस्टर मंगाया गया तो उसमें कोई एंट्री नहीं पाई गई। इस मामले में पुलिस ने 27 जनवरी 2018 को तीनों आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।

इस मामले की विवेचना उपाधीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी, उपनिरीक्षक स्मृति रावत व निरीक्षक महेश जोशी ने की। विवेचकों ने 28 मार्च 2019 को आरोपपत्र दाखिल किया। इस मामले में पुलिस होटल से बरामद दोनों पीड़ितों को कोर्ट में पेश नहीं कर पाई, क्योंकि वह विकासनगर से जा चुकी थी। दोनों की तलाश में टीमें बाहर भेजी गई, लेकिन उनका कोई पता नहीं लगा। इसके अलावा विवेचक की ओर से होटल के मालिक को इस मामले में आरोपित नहीं बनाया गया।

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