दोस्त से दुश्मन बना वसीउद्दीन, उजागर किए काले कारनामे

छांगुर की PMO तक शिकायत, तब शुरू हुई कार्रवाई:जिगरी दोस्त से दुश्मन बना वसीउद्दीन, उजागर किए काले कारनामे
बलरामपुर 12 जुलाई 2025।बलरामपुर में गिरफ्तार किए गए धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा की प्रशासन में अच्छी पकड़ थी। इसलिए स्थानीय स्तर पर उसके खिलाफ शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं होती थी। फिर, जब उसका जिगरी दोस्त ठेकेदार वसीउद्दीन खान उर्फ बब्बू चौधरी ही दुश्मन बन गया तो एक-एक कर काले कारनामे उजागर होने लगे। वसीउद्दीन खान उसके अवैध जमीन और धर्मांतरण की लिस्ट लेकर PMO तक पहुंच गया। तब अफसर चौंके और फिर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हुई।

जब तक छांगुर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही थी, तब तक वह धर्मांतरण करवाता रहा। औरैया से तो एक ऐसा मामला भी सामने आया, जिसमें लड़की का धर्म परिवर्तन कराके इस्लाम स्वीकार करवाया। उसका निकाह करवाया। इसके बाद जो कुछ हुआ, वह हैरान करने वाला है। हम इस वक्त बलरामपुर में मौजूद है। आज हम जानेंगे छांगुर की असलियत कैसे सामने आई?

कमांडो के घेरे में छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन को ATS हेड ऑफिस ले जाया गया। वहां दोनों से पूछताछ की गई।
छांगुर का जन्म गरीबपुर गांव में हुआ। यह गांव बलरामपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है। बचपन में पिता करीमुल्ला की मौत के बाद छांगुर की मां बच्चों के साथ अपने मायके रेहरामाफी लौट आई। यहीं छांगुर का पूरा जीवन बीता। शुरुआत में गांव-गांव कपड़े की फेरी की, फिर अंगूठी और नग बेचने लगा। बीच-बीच में वह मुंबई की हाजी अली दरगाह के पास भी नग बेचने का काम करता था। 2011 में पत्नी कुतबुनिशा को प्रधानी का चुनाव लड़वाया और चुनाव जीत गया। इसके बाद उसका जीवन बदल गया।

प्रधान बन जाने के बाद भी छांगुर ने नग बेचने का अपना धंधा बंद नहीं किया। वह व्यापारियों और अधिकारियों को नग देता था। अधिकारियों-व्यापारियों के जीवन में कुछ भी अच्छा हो तो उन्हें लगता था कि यह नग की वजह से ही है। इसी तरह से उसने मुंबई में नवीन रोहरा और उसकी पत्नी नीतू रोहरा को भी नग दिया था। इसके बाद उनके जीवन में बदलाव हुआ और दोनों छांगुर के खास बन गए। खास भी इतना कि छांगुर 2015 के बाद जब भी मुंबई गया, वह ब्लू माउंटेन योगी हिल्स मुलुंड वेस्ट स्थित नवीन के घर पर ही रुका।

ये छांगुर बाबा का मधपुर का आलीशान मकान था। मकान तक पहुंचने के लिए 500 मीटर रोड भी उसने खुद बनवाई थी।
2020 में नवीन और नीतू ने तय कर लिया कि अब छांगुर के साथ उसके घर पर ही रहना है। इसलिए बलरामपुर में बड़ा निवेश करने आ गए। दोनों ने मधेपुर में करोड़ों रुपए खर्च करके 3 बीघा जमीन खरीदी। यह जमीन नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर खरीदी गई। जमीन इलाके की एक मशहूर चांद मिया की मजार के एकदम बगल थी। इस मजार का सीधा कोई मालिक नहीं था, छांगुर की इस पर भी नजर थी। इसलिए यहां जो कुछ भी निर्माण होता, उसमें भी छांगुर चंदा देता था।

छांगुर ने कोठी-कॉलेज बनवाने के लिए 12 करोड़ का ठेका दिया छांगुर ने उस 3 बीघा जमीन पर निर्माण के लिए थाना गैड़ास के बांक भावनी गांव के वसीउद्दीन खान उर्फ बब्बू चौधरी से संपर्क किया। बब्बू की मां इस वक्त जिला पंचायत सदस्य हैं। 3 साल पहले बब्बू की छांगुर से अच्छी बनती थी। इसलिए पूरे निर्माण की जिम्मेदारी छांगुर ने बब्बू को दे दी। यह पूरी डील 12 करोड़ रुपए में तय हुई थी। इस पैसे में कोठी और फिर डिग्री कॉलेज का निर्माण करवाना था। काम शुरू हो गया।

छांगुर के आलीशान घर का गेट। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोठी बनाने में उसने कितना पैसा खर्च किया होगा।

2021 में पैसों को लेकर शुरू हुआ विवाद 2021 में जब निर्माण का काम आधे से ज्यादा पूरा हो गया, तब छांगुर और बब्बू के बीच पैसे को लेकर विवाद हो गया। नीतू को शक हो गया कि जितना पैसा बब्बू ले रहा है, उतना खर्च नहीं हो रहा। यहां कुल बेईमानी ढाई करोड़ रुपए की थी। छांगुर ने भी इसके बाद आपत्ति जताई और बब्बू के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। इसके बाद दोनों के बीच की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। बब्बू के खिलाफ एक के बाद एक कुल 7 FIR करवाईं।

बब्बू ने छांगुर के कारनामों को इकट्ठा किया पिछले 4 साल से छांगुर और बब्बू के बीच मुकदमेबाजी शुरू हो गई। बब्बू ने छांगुर, उसके बेटे महबूब, नवीन और नीतू से जुड़े जमीनों के कागज निकालना शुरू किया। धर्मांतरण के मामलों से जुड़े सबूत जुटाए। कई अहम जानकारियां मिलीं। बब्बू ने पहले स्थानीय थानों में शिकायती पत्र दिया, फिर बलरामपुर में अफसरों के पास कागज लेकर पहुंचा, लेकिन कहीं से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि छांगुर की अधिकारियों से इतनी पहचान थी कि अफसर कार्रवाई करने से बचते थे।

बब्बू शांत नहीं बैठा। उसने सबूतों के साथ PMO को शिकायत दी। जब PMO से आदेश मिला तो ATS सक्रिय हुई और फिर कार्रवाई की शुरुआत हुई। UP में जांच STF को सौंपी गई। STF ने पूछताछ के लिए छांगुर बाबा को नोटिस दिया, छांगुर,नवीन-नीतू और महबूब STF के सामने हाजिर नहीं हुए और कार्रवाई रुकवाने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने कार्रवाई रोकने से मना कर दिया। STF ने इसके बाद FIR दर्ज की। उस FIR के खिलाफ भी छांगुर गैंग हाईकोर्ट गया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।रेहरामाफी में यहां छांगुर का पुराना घर था। उसने इसे गिरवा दिया। यहां वह नया घर बनाना चाहता था।
बब्बू ठेकेदार ने जानबूझकर फंसाया हमें छांगुर के गांव रेहरामाफी के मस्तान मिले। वह कहते हैं- बब्बू ठेकेदार से इनका पहले से लफड़ा चल रहा था। उसके चलते ही बब्बू ने बाबा को फंसाया। वह मुंबई का डॉन था। पहले से कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन, उसके बाद पता नहीं उसके दिल में क्या आया कि वह बाबा के साथ ऐसा करने लगा। हमें इतना दो, उतना दो। जबकि आप गांव में किसी से भी पूछ लीजिए, कोई भी नहीं कहेगा कि बाबा खराब हैं। बाबा तो मुंबई में रहते थे। वहां कपड़े की दुकान थी उनकी। वह बीच-बीच में यहां आते थे।

गांव में हमने कई लोगों से बात की। ज्यादातर का यही कहना है कि बब्बू और छांगुर का शुरुआती कोई विवाद नहीं था। दोनों एक-दूसरे को अच्छे से जानते और समझते थे। इसीलिए छांगुर ने बब्बू को पूरी जिम्मेदारी दी थी।

छांगुर की कोठी को फिलहाल 8 बुलडोजर लगाकर 3 दिन में गिरा दिया गया है। अब उसके बाकी के ठिकानों की जांच की जा रही है। दूसरी तरफ, जब से कार्रवाई शुरू हुई, तब से बब्बू अंडरग्राउंड है। वह किसी से कोई बात नहीं कर रहा।

300 करोड़ की संपत्ति, 106 करोड़ का ट्रांजैक्शन​​​​​​

छांगुर, उसके बेटे महबूब, नवीन और नीतू के पास कुल मिलाकर करीब 300 करोड़ रुपए की संपत्ति है। नवीन का एक खाता स्विस बैंक में है। इसकी ब्रांच शारजाह में थी। ज्यादातर ट्रांजैक्शन इसी अकाउंट से किए गए हैं। छांगुर गैंग के पास कुल 8 फर्म थीं, इससे जुड़े कुल 40 अकाउंट थे। करीब 106 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन के इनपुट ED के अधिकारियों को मिले हैं। इन सबकी जांच की जा रही है।

फिलहाल छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन को ATS ने 7 दिन की रिमांड पर लिया है। यह रिमांड 10 जुलाई की सुबह 10 बजे से शुरू हो गई है, 16 जुलाई की शाम 6 बजे तक रहेगी। दूसरी तरफ बलरामपुर पुलिस ने छांगुर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी से अनुमति मांगी है।

छांगुर बाबा ने मुंबई से दुबई तक करवाया धर्मांतरण, डिग्री कॉलेज बनवा रहा था, मजार की 5 बीघा जमीन पर थी नजर

बलरामपुर में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा बड़े लेवल पर धर्मांतरण करने की प्लानिंग में था। इसके लिए वह बंगले से लगे जमीन पर डिग्री कॉलेज बनवा रहा था। बलरामपुर के बाद आजमगढ़ को अपना दूसरा मुख्यालय बना रहा था। ATS सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा बड़े स्तर पर धर्मांतरण की प्लानिंग कर रहा था। ATS इन सबकी एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर ED को देगी। ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज करके इस पूरे नेटवर्क के पैसे के लेनदेन का पता लगाएगी।

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