नरेंद्र भाटी समेत सपा के चार विधान पार्षद भाजपा में
उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सपा को झटका, पार्टी के कई MLC बीजेपी में हुए शामिल
लखनऊ 17 नवंंबर।बीजेपी के प्रदेश के मुखिया स्वतंत्र देव ने कहा कि रविशंकर सिंह के आने से बलिया में सपा को तगड़ झटका लगेगा और सीपी चंद के आने से पार्टी मजबूत होगी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. सपा के चार एमएलसी ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी का दावा है कि इन विधान परिषद सदस्यों के आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी, साथ ही आने वाले चुनाव में इसका सीधा फायदा मिलेगा.
इन एमएलसी ने ज्वॉइन की बीजेपी
आज अखिलेश यादव की पार्टी के एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू, नरेन्द्र भाटी, सीपी चंद और रमा निरंजन ने बीजेपी का दामन थामा है. इन सभी MLCs ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में पार्टी ज्वॉइन की. इस दौरान स्वतंत्रत देव सिंह ने कहा कि प्रदेश में सपा के वफादार साथी रहे नरेंद्र भाटी के जुड़ने से बीजेपी को मजबूती मिलेगी और सूबे में सपा और कमजोर होगी.
‘पार्टी को मिलेगी मजबूती’
बीजेपी के प्रदेश के मुखिया स्वतंत्र देव ने कहा कि रवि शंकर सिंह के आने से बलिया में सपा को तगड़ झटका लगेगा और सीपी चंद के आने से पार्टी मजबूत होगी. साथ ही रमा निरंजन के आने से बुंदेलखंड क्षेत्र में पार्टी की ताकत बढ़ेगी. अखिलेश यादव पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि आज अखिलेश यादव को नींद नही आएगी. बीजेपी में शामिल हुए सदस्य और लोगों को सपा से बीजेपी में लाने की चिंता करेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि जैसे कोरोना काल में अखिलेश आराम कर रहे थे अभी भी आराम करें.
कई नेताओं को ज्वॉइन करने का था प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार ज्वाइनिंग कमेटी के पास सपा और बसपा के विधायक और एमएलसी सहित कई बड़े नेताओं को बीजेपी में शामिल कराने का प्रस्ताव रखा गया था. वहीं समिति ने सपा के विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद, अक्षय प्रसाद सिंह, रमा निरंजन व बसपा के ब्रजेश कुमार सिंह प्रिंसू सहित दस एमएलसी के बीजेपी में शामिल करने की मंजूरी दे दी थी.
दयाशंकर पांडे ने निभाई अहम भूमिका
सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले परिषद सदस्यों में अधिकांश सदस्य नगर निकाय क्षेत्र से एमएलसी है. बीजेपी ने इन सदस्यों को विधान परिषद के आगामी नगर निकाय क्षेत्र चुनाव में उम्मीदवार बनाने की भी सहमति दे दी है. सपा के सदस्यों को बीजेपी में शामिल कराने में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. विधानसभा चुनाव से पहले इन सदस्यों के बीजेपी में शामिल होने से सपा को बड़ा झटका लगेगा. वहीं, बीजेपी को इन सदस्यों के प्रभाव वाले क्षेत्र में फायदा होगा.
मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे नरेन्द्र भाटी, रविशंकर सिंह हैं पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और डॉक्टर दिनेश शर्मा की मौजूदगी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantradev Singh) ने सपा के नरेन्द्र सिंह भाटी, सीपी चंद्र, रविशंकर सिंह और रमा निरंजन को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी।
इस मौके पर स्वतंत्र देव ने कहा कि भाजपा परिवार का हिस्सा बने चारों एमएलसी सपा के कद्दावर नेता रहे हैं। भाजपा में इनके आने से पार्टी के मजबूत जनाधार को और अधिक व्यापक बनाया जा सकेगा। उन्होंने चारों नेताओं से उनके क्षेत्र में सपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को भी भाजपा की नीतियों से जोड़ने की अपील की। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख गुर्जर चेहरों में एक नरेन्द्र सिंह भाटी (Narendra Singh Bhati) की गिनती सपा के संस्थापक सदस्यों के तौर पर की जाती है।
दादरी तहसील के बोड़ाकी गांव निवासी भाटी का भाजपा में शामिल होना सपा को बड़ा झटका माना जा रहा है। चार बार विधायक रह चुके भाटी फिलहाल सपा के विधान पार्षद है जिनका कार्यकाल अगले साल समाप्त होने वाला है। सूत्रों के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अपनी उपेक्षा से खिन्न हो वे पिछले कुछ समय से भाजपा के संपर्क में थे। भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र रविशंकर सिंह का बलिया और आसपास के जिलों में खासा प्रभाव माना जाता है।
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि सपा स्वार्थों पर चलने वाली पार्टी है। वह अब देश की सबसे बड़ी पार्टी के कार्यकर्ता है और इस नाते पार्टी के दिशानिर्देश का अक्षरश: पालन करते रहेंगे। पार्टी अगर स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में टिकट देती है तो वह चुनाव भी लड़ेंगे हालांकि टिकट को लेकर उनकी कोई बात नहीं हुयी है। वर्ष 2016 में विधान परिषद चुनाव में सपा ने ऐन मौके पर सीपी चन्द का टिकट काट दिया था, जिसके बाद उन्होंने बगावती तेवर अपनाते हुये चुनाव लड़ने का फैसला किया जिसके एवज में उन्हें निष्कासित कर दिया गया।
हालांकि चुनाव में जीत के बाद उनका निष्कासन पार्टी ने वापस ले लिया था। वहीं झांसी की रमादेवी निरंजन ने अपने पति के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। गौरतलब है कि पिछली 30 अक्टूबर को भाजपा विधायक राकेश राठौर ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्यता ग्रहण की थी। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा के खिलाफ जनाक्रोश का परिणाम है कि राठौर को पार्टी छोड़नी पड़ी है। आने वाले समय में भाजपा का सफाया हो जायेगा। पार्टी सूत्रों का मानना है कि आज सपा के चार विधान परिषद सदस्यों के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करना अखिलेश को करारा जवाब है। हालांकि 30 अक्टूबर को बसपा के छह बागी विधायकों ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
पार्टी बदल रहे नेता
बता दें कि चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहे है पार्टियों में दूसरी पार्टी को अपने पाले में लाने की होड़ मे लग गई है. नेता भी अपने राजनीतिक फायदे को देखते हुए पार्टी का दामन थाम रहे हैं.