नर्स रेप-हत्या कांड में नये CCTV वीडियो ने उलझाई पुलिस
नर्स के साथ दरिंदगी, धरने-प्रदर्शन और SIT की जांच… नई CCTV फुटेज से उलझा उत्तराखंड की निर्भया का मामला
मृतक नर्स का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. जिसमें वो 30 जुलाई यानी कि वारदात के दिन एक ऑटो से उतरकर जाती हुई दिख रही है. तभी दो लोग उसके पास आते हुए दिखते हैं. वो नर्स से बातचीत करते हैं और अचानक नर्स नीचे बैठकर उनके पैर पकड़ने लगती है.
एक नई CCTV फुटेज में नर्स के साथ दो लोग दिखाई दे रहे है
रमेश चन्द्रा
उधम सिंह नगर,26 अगस्त 2024, कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के रेप और मर्डर की वारदात के साथ ही उत्तरखंड के रुद्रपुर का मामला भी सुर्खियों में बना हुआ है. जहां एक नर्स के साथ रेप और हत्या के मामले में रोज धरना प्रदर्शन हो रहे हैं. कोलकाता की तरह इस मामले में भी पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार करने के बाद अपना काम पूरा कर लिया था. लेकिन जब परिजनों और हजारों लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई और सीबीआई जांच की मांग करने लगी तो इस मामले में एसएसपी ने जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया. अब इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है. हालांकि परिजन अभी भी अपनी मांग पर कायम हैं.
नई CCTV फुटेज से चौंकानेवाला खुलासा
इसी दौरान मृतक नर्स का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. जिसमें वो 30 जुलाई यानी कि वारदात के दिन एक ऑटो से उतरकर जाती हुई दिख रही है. तभी दो लोग उसके पास आते हुए दिखते हैं. वो नर्स से बातचीत करते हैं और अचानक नर्स नीचे बैठकर उनके पैर पकड़ती है. ऐसा लग रहा है, जैसे वो उनकी मिन्नतें कर रही हो. इस वीडियो के सामने आने के बाद मामले की गुत्थी और उलझती जा रही है. क्योंकि पुलिस ने धर्मेंद्र नाम के एक शख्स को इस मामले में गिरफ्तार कर कहा था कि उसी ने नर्स के साथ दरिंदगी करने के बाद उसका कत्ल कर दिया था. लेकिन नए वीडियो में दो लोग नर्स से बात करते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि इस मामले में शुरू से ही पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे थे.
30 जुलाई को लापता हो गई थी नर्स
रुद्रपुर की नर्स के साथ रेप और हत्या के इस सनसनीखेज मामले से पूरे राज्य में लोगों को गुस्सा भड़क गया था. तीस साल की वो नर्स उत्तराखंड के रुद्रपुर में मौजूद एक निजी अस्पताल काम करती थी. 12 साल पहले उसकी शादी हुई थी. लेकिन बाद में उसका तलाक हो गया था. वो रोज अपने तय वक्त पर अस्पताल जाती थी और वापस घर आती थी. 30 जुलाई को भी वो अपने घर से समय पर निकली थी. लेकिन शाम हो जाने के बाद भी वो घर नहीं लौटी. उसका फोन भी नहीं लग रहा था. घरवालों ने अस्पताल और उसके जान पहचान वालों को कॉल किए. उनसे उसके बारे में पूछा. लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. रातभर उसके परिजन उसे तलाश करते रहे. लेकिन वो नहीं मिली.
नर्स की बहन ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी
31 जुलाई को की नर्स तस्लीम की बहन परिजनों के साथ रुद्रपुर कोतवाली पहुंची और उसने वहां अपनी बहन की गुमशुदगी दर्ज कराई. अब घरवालों के साथ-साथ पुलिसवाले भी नर्स की तलाश में जुट गए और मामले की जांच शुरू कर दी. पुलिस ने अस्पताल और उसके जान पहचान वाले तमाम लोगों और रिश्तेदारों से उसके बारे में पूछताछ की. लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. इस दौरान घरवालों को किसी अनहोनी की आशंका भी सताने लगी थी.
8 अगस्त को बरामद हुई थी लाश
उत्तराखंड पुलिस उधम सिंह नगर जिले में नर्स की तलाश कर ही रही थी कि 8 अगस्त को यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर थाना पुलिस को डिबडिबा के पास झाड़ियों में एक कंकाल बन चुकी लाश मिली. वसुंधरा एनक्लेव रोड पर ये लाश जिस हाल में मिली थी, उसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल था. क्योंकि उसका चेहरा पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी. खोपड़ी साफ नजर आ रही थी.
आईडी कार्ड के सहारे हुई थी शिनाख्त
हैरानी की बात ये थी कि पूरी लाश कंकाल बन चुकी थी, लेकिन उसके हाथ और पैर सही दिख रहे थे. पुलिस ने जब वहां आस-पास छानबीन की और तलाशी ली तो वहां से एक महिला का आईडी कार्ड पुलिस को मिला. वो आईडी कार्ड उस नर्स का ही था, जो फुटेला अस्पताल की नर्स थी. इसके बाद बिलासपुर थाना पुलिस ने उस लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो खुलासा हुआ कि वो लाश एक महिला की थी. जिसके साथ पहले बलात्कार किया गया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई थी. अब यूपी पुलिस ने आईडी कार्ड के आधार पर फुटेला अस्पताल से संपर्क किया. और उन्हें एक महिला की लाश मिलने की जानकारी दी.
उप्र के बिलासपुर थाना क्षेत्र में दिखी थी नर्स
उधर, रुद्रपुर पुलिस नर्स की तलाश में जुटी थी. जांच में पुलिस को पता चला कि 30 जुलाई को नर्स हॉस्पिटल से लौटते समय उत्तर प्रदेश के बिलासपुर थाना इलाके में डिबडिबा की तरफ जाती हुई दिखाई दी थी. उसकी तस्वीरें वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. इसके बाद नर्स की तलाश में उत्तरांखड पुलिस की अलग-अलग टीमों को लगाया गया था. इसी बीच अस्पताल से रुद्रपुर थाना पुलिस को नर्स का आईडी कार्ड और एक शव रामपुर के बिलासपुर थाना इलाके में मिलने की जानकारी मिली. फौरन पुलिस टीम उत्तर प्रदेश के बिलासपुर थाने भेजी गई थी. फिर वहां पहचान कराने नर्स की बहन और दूसरे परिजन बुलाये गये.आईडी कार्ड,कपड़े और पर्स देखकर उसकी पहचान की क्योंकि शव देखकर पहचानना असंभव था.
सर्विलांस के सहारे बरेली पहुंची थी पुलिस
इससे पहले उत्तराखंड पुलिस ने नर्स का मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगा दिया गया था. और पुलिस को सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद एक संदिग्ध युवक दिखाई दिया, जो नर्स के पीछे-पीछे जाता हुई दिख रहा था. अब पुलिस के रडार पर वो शख्स था, जो सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा था. इसी दौरान पुलिस को मौका-ए-वारदात पर एक्टिव फोन नंबर के सर्विलांस से एक अहम जानकारी मिली. जिसके आधार पर रुद्रपुर पुलिस की टीम यूपी के बरेली जिले में साही थाना क्षेत्र के तुरसा पट्टी गांव में पहुंची. पुलिस को शक था कि महिला का कातिल वहीं हो सकता है. लेकिन पुलिस को वहां कोई नहीं मिला.
राजस्थान से गिरफ्तारी
मगर उत्तराखंड को कुछ ऐसा इनपुट मिला कि पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के लिए रवाना कर दी गई. इसी बीच पुलिस को संदिग्ध युवक की लोकेशन राजस्थान में मिली. इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर में दबिश देकर धर्मेंद्र नाम के एक शख्स को उसकी पत्नी खुशबू के साथ पकड़ लिया और फिर उन्हें रुद्रपुर ले आई.
राज्यभर में धरना प्रदर्शन
30 जुलाई से 8 अगस्त के बीच नर्स की गुमशुदगी की खबर पूरे राज्य में फैल चुकी थी. रुद्रपुर समेत पूरे जिले में लोग सड़कों पर उतर आए थे. जब नर्स के साथ रेप और उसकी हत्या की खबर निकलकर सामने आई तो लोगों को गुस्सा बढ़ गया. जगह जगह धरना प्रदर्शन होने लगे. 15 अगस्त को पुलिस ने इस मामले का खुलासा करने का दावा किया और धर्मेंद्र को मीडिया के सामने आरोपित बताकर पेश कर दिया.
पहले SSP ने सुनाई थी ये कहानी
उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉक्टर मंजू नाथ टीसी ने बताया था कि पूछताछ के दौरान आरोपी धर्मेंद्र ने अपना जुर्म कबूल किया है. आरोपित ने बताया कि 30 जुलाई की शाम उसने महिला को वसुंधरा कॉलोनी जाने वाली सड़क पर अकेला जाते देखा था तो उसकी नीयत खराब हो गई थी. आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर महिला को जबरदस्ती झाड़ियों में ले गया, जहां उसने महिला के साथ रेप करने का प्रयास किया. लेकिन जब महिला ने उसका विरोध किया तो आरोपित ने उसका सिर सड़क पर पटक दिया और फिर उसके साथ रेप किया. आखिर में रेप के बाद आरोपी ने चुन्नी से ही महिला का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने आगे बताया कि शव को झाड़ी में ठिकाने लगाने के बाद आरोपी नर्स का मोबाइल और तीस हजार रुपए लेकर भाग गया था. जिसे अब पुलिस ने राजस्थान से पकड़ा है
पुलिस ने किया था ये दावा
एसएसपी डॉ. मंजू नाथ टीसी ने दावा किया था कि आरोपी धर्मेंद्र ने ही नर्स को दबोचकर रेप किया और उसकी हत्या कर दी. आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इस दौरान 9 अगस्त को कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और कत्ल के मामले को लेकर बवाल शुरू हो चुका था. जिसका असर नर्स के रेप और हत्याकांड पर भी दिखाई दिया. युवा, छात्र और कई संगठन नर्स की हत्या के विरोध में सड़कों पर थे.
पीड़ित परिवार ने पुलिस के दावे को बताया था झूठ
असल में किसी को भी पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं था. नर्स के परिवारवालों को कहना था कि जो खुलासा पुलिस ने किया है, वो झूठा है. जिसे आरोपी बनाकर पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया, वो एक नशेड़ी है, जिसे जुर्म कबूल करने के लिए पुलिस ने मजबूर किया है. कुल मिलाकर मृतक नर्स के परिवार और जनता को पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं था. इसलिए अब जनता का गुस्सा पुलिस पर भी निकला. लोग पुलिस के खिलाफ भी प्रदर्शन करने लगे.
परिजनों ने की थी CBI जांच की मांग
पुलिस के खुलासे पर मृतक नर्स के परिजन लगातार सवाल उठा रहे थे. वे लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. इस दौरान इस मामले में कांग्रेस, छात्र संघ समेत कई संगठन भी पुलिस के खिलाफ मुखर हो गए हैं. यहां तक कि छात्रों ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर एसएसपी कार्यालय पर भी प्रदर्शन किया. जिसमें मृतक नर्स के परिजन भी शामिल हुए.
आपा को बैठे थे SSP
बवाल बढ़ता देख एसएसपी डॉ. मंजू नाथ टीसी ने खुद प्रदर्शनकारियों से आकर मुलाकात की. लेकिन इस दौरान एक वक्त ऐसा भी आया है कि उधम सिंह नगर के एसएसपी डॉ. मंजू नाथ टीसी ने प्रदर्शनकारी छात्र छात्राओं से बात करते हुए आपा खो दिया. एसएसपी ने आवेश में आकर कहा कि उन्होंने अकेले ऐसे दरिंदों को सुधारने का ठेका नहीं ले रखा है. प्रदर्शनकारियों की मांग पर एसएसपी बोले कि हर मामले में पूरी तत्परता से कार्रवाई हो रही है, लेकिन समाज में फैले दरिंदों को खत्म करने का ठेका अकेले उन्होंने नहीं ले रखा है. जब समाज में ऐसे लोग पैदा हो रखे हों तो वह क्या कर सकते हैं. ऐसे बयान को लेकर पुलिस कप्तान भी सवालों के घेरे में आ गए. उनका ये बयान चर्चा का विषय बना. नर्स रेप और मर्डर केस को लेकर पूरे उत्तराखंड में उबाल आ गया.
विपक्ष का निशाना
जनपद उधम सिंह नगर के किच्छा विधानसभा विधायक तिलक राज बेहड़ ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारे छोटे से सूबे में बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. रुद्रपुर की घटना पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि एक महिला नर्स अस्पताल से कार्य कर अपने घर जाती है लेकिन घर नहीं पहुंचती. बलात्कार के बाद उसकी जान ले ली जाती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इस मामले में कोई बयान भी सामने नहीं आता.
SIT कर रही है मामले की जांच
नर्स की हत्या और रेप के मामले में बवाल बढ़ता देख पुलिस बैकफुट पर आ गई. रुद्रपुर में कोलकाता जैसे नर्स हत्याकांड में आखिरकार काफी जद्दोजहद और राजनीतिक दखल के बाद एसएसपी ऊधम सिंह नगर ने एक एसआईटी का गठन किया. उन्होंने अपने पहले खुलासे वाली कार्रवाई पर यू टर्न लेते हुए SIT का प्रयवेक्षण पुलिस अधीक्षक (अपराध) चंद्रशेखर घोड़के को सौंपा. जबकि एसआईटी का प्रभारी अधिकारी रुद्रपुर के पुलिस अधीक्षक (नगर) मनोज कत्याल को बनाया गया. टीम प्रभारी के तौर पर क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर निहारिका तोमर सहित अन्य अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. मामले की जांच जारी है.